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भारत सरकार की इलेक्टॉनिक मीडिया विज्ञापन नीति

 

1.    विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (वि.दृ.प्र.नि.) भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों और संगठनों के लिए टी.वी. और रेडियो स्पॉट/जिंगल्स कार्यक्रमों आदि के माध्यम से संदेश प्रसारित करने वाली केंद्रक (नोडल) एजेंसी है।

2.    चैनलों को सूचीबद्ध करना और उनकी टेलीकास्ट/ब्रॉडकास्ट दरों को निर्धारित करने का मुखय उद्‌देश्य कम लागत पर लक्षित दर्शकों के लिए निर्धारित उद्‌देश्यों और संदेशों का व्यापक प्रचार-प्रसार करना है। वि.दृ.प्र.नि. इस प्रकार के विज्ञापन, जैसे स्पॉट्‌स/जिंगल्स आदि जारी करते समय रेडियो/टी.वी. चैनलों की राजनीतिक संबद्धता अथवा सम्पादकीय नीतियों को ध्यान में नहीं रखता। तथापि, इस प्रकार के चैनलों को विज्ञापन जारी नहीं करता जो सामुदायिक आवेश और हिंसा को बढ़ावा देते हैं, यह भारत की संप्रभुता और एकता का उल्लंघन करते हैं अथवा सामाजिक रूप से स्वीकार्य सार्वजनिक शिष्टाचार और आचरण को उत्तेजित करते हैं अथवा उत्तेजित करने का इरादा रखते हैं। चूंकि एक अभियान के लिए संचार माध्यमों की योजना प्रचार संबंधी आवश्यकताओं और उस अभियान के लिए लक्षित दर्शकों को ध्यान में रखकर तैयार की जाती है इसलिए एक चैनल के सूचीबद्ध होने का तात्पर्य उसे नियमित रूप से वि.दृ.प्र.नि. की ओर से विज्ञापन मिलना नहीं है।

3.    निजी टी.वी./रेडियो चैनलों पर केंद्र सरकार के प्रचार संबंधी सभी विज्ञापन वि.दृ.प्र.नि. के माध्यम से ही जारी किए जायेंगे। हालांकि मंत्रालय/विभाग (अर्ध-सरकारी, स्वायत्त निकाय, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम इत्यादि भी शामिल हैं) अपने श्रव्य दृश्य विज्ञापन एन एफ डी सी    के माध्यम से विदृप्रनि के साथ सूचीबद्ध चैनलों को विदृप्रनि द्वारा अनुमोदित दरों पर देने के लिए स्वतंत्र हैं।

4.    सरकार ने जिन विदेशी चैनलों को मंजूरी नहीं प्रदान की है उन्हें सूचीबद्ध नहीं किया जाएगा। उन विदेशी/भारतीय चैनलों को कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा जिनके अपलिंकिंग की मंजूरी रद्‌द कर दी गई है अथवा सरकार ने जिन चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया है।

5.    उपग्रह सैटेलाइट टी.वी. चैनलों को सूचीबद्ध करनाः

    वि.दृ.प्र.नि. के साथ सूचीबद्ध होने के इच्छुक चैनलों को वि.दृ.प्र.नि. के विज्ञापनों के प्रत्युत्तर में आवेदन करना होगा। ऐसे विज्ञापन वर्ष में दो बार अर्थात पहली बार 31 मार्च और दूसरी बार 30 सितम्बर को जारी किए जाएंगे। दूरदर्शन और लोकसभा टेलीविजन अथवा सरकारी स्वामित्व वाले किसी अन्य चैनल को स्वतः ही सूची में शामिल माना जाएगा। तथापि, यदि दूरदर्शन विशेष कार्यक्रम अर्थात खेल कार्यक्रमों के विपणन के लिए किसी एजेंसी को नियुक्त करता है तो वि.दृ.प्र.नि. इस प्रकार की एजेंसियों से निविदाएं आमंत्रित कर सकता है और इस नीति में प्रावधान किए गए ढांचा फार्मूले के अनुसार दरों पर बातचीत कर सकता है।

5(।)  सैटेलाईट (उपग्रह) टी.वी. चैनलों को सूचीबद्ध करने का मानदण्ड :

            सूचीबद्ध होने के लिए चैनल को निम्नलिखित न्यूनतम मानदण्डों को पूरा करना होगाः-

क)    न्यूनतम प्रसारण अवधि - चैनल की 31 मार्च या 30 सितम्बर को (जो भी लागू हो) कम से कम छः माह की लगातार प्रसारण अवधि पूरी    होनी चाहिए। इसके बावजूद हालांकि तीन महीनों के लगातार संचालित होने के बाद, यदि वे अखिल भारतीय चैनल में 0.02% का शेयर पा   लेते हैं तो महानिदेशक, वि.दृ.प्र.नि. द्वारा उन्हें सूचीबद्ध किया जा सकता है।

ख)    न्यूनतम चैनल शेयर - किसी भी चैनल को सूचीबद्ध होने के लिए टी ए एन या सरकार द्वारा अनुमोदित अन्य किसी स्थापित टी.वी. व्युअरशिप सर्वे एजेंसी के अनुसार सी एण्ड एस टैम्स (पैरामीटर 15+़आयु वर्ग, पुरुष/महिला दोनों, सभी एस ई सी (सी), 06.00-23.59 घंटे, टाइम बैंड, सभी सप्ताह के दिनों में )अखिल भारतीय सर्वभौम में कम से कम 0.02% का अखिल चैनल शेयर होना चाहिए।

ग)    छूट वाले वर्ग- निम्नलिखित को उपर्युक्त 5(।)(बी) खण्ड में बताए गए न्यूनतम चैनल शैयर से छूट दी जाएगी।

(।)   ऐसे चैनल जो विशेष रूप से पूर्वोत्तर, जम्मू और कश्मीर, झारखण्ड एवं बिहार के दर्शकों के लिए हैं, जब से टी ए एम या सरकार द्वारा अनुमोदित अन्य किसी स्थापित टी.वी. व्युअरशिप सर्वे एजेन्सी द्वारा अभी तक इन राज्यों को कवर नहीं किया गया हो।
(॥)   ऐसे चैनल जो पिछड़े, सीमावर्ती या सुदूर स्थान या आदिवासी/अल्पसंखयक भाषा में प्रबल  हों।

5(2)  सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के आई.डी. संखया 1/50/2006-एम यू सी, दिनांक 24.03.2008 के द्वारा वि.दृ.प्र.नि. सरकार द्वारा अनुमोदित कोस्ट पर रेटिंग पाइंट (सी पी आर पी) के आधार पर सूचीबद्ध चैनलों का रेट निर्धारित किया जाएगा।

6.    सूचीबद्ध/दरों के निर्धारण के संबंध में अन्य शर्तें:

क)    सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन करने वाले चैनल इस आशय का प्रमाणपत्र देंगे कि उनके द्वारा दी गई जानकारी सही है और उनको वि.दृ.प्र.नि. द्वारा सूचीबद्ध करने के निर्णय को स्वीकार करना होगा। यदि चैनलों द्वारा दी गई सूचना असत्य और/या किसी भी संबंध में गलत पाई जाती है तो चैनल को सूची से निलंबित कर दिया जाएगा और /या उसे सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया से बाहर कर दिया जाएगा।

ख)    सूचीबद्धता एवं विज्ञापन दरें एक वर्ष अथवा तब तक, जब तक नए पैनल व दरें नहीं बनतीं, इनमें से जो भी पहले हो, तक के लिए वैध होंगी। यद्यपि, लगातार 6 महीने की अवधि तक टैम दरों में 15% से अधिक परिवर्तन होने की स्थिति में, सरकार के पूर्व अनुमोदन से विदृप्रनि किसी भी चैनल के लिए विज्ञापन दरों का पुनर्विलोकन कर सकता है।

ग)    चैनल इस आशय का वचनपत्र देंगे कि उनके द्वारा स्वीकृत विदृप्रनि की अनुमोदित दरें उनकी न्यूनतम दरें हैं तथा वे विशेष रूप से विदृप्रनि    के लिए हैं और किसी अन्य एजेंसी को नहीं दी जा सकती हैं। यदि इस शर्त के उल्लंघन की दशा में पैनल बनाने की दरों का पुनर्विलोकन करने का अधिकार विदृप्रनि के पास सुरक्षित है।

घ)    यदि किसी भी समय यह पाया गया कि भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा स्वायत्त संस्थाओं के लिए विदृप्रनि द्वारा जारी विज्ञापनों को स्वीकार करने के लिए चैनल ने दो से अधिक बार इंकार किया है तो चैनल को विदृप्रनि से मिलने वाले सरकारी विज्ञापनों पर रोक लगाई जा सकती है।

ड.)   किसी भी प्रकार की असहमति इत्यादि होने के मामले में चैनलों के पैनल तैयार करने तथा उनकी दरों के लिए उपर्युक्त प्रावधानों तथा नियमों व शर्तों के होते हुए भी विदृप्रनि का निर्णय अंतिम तथा मान्य होगा।

 

7.    स्पॉट्‌स इत्यादि जारी करना :

(क)   विभिन्न मंत्रालयों/विभागों से विज्ञापन जारी करने की मांग प्राप्त होते ही विदृप्रनि ग्राहक की आवश्यकताओं पर विचार करने के बाद, संदेश की विषय-वस्तु, लक्ष्य दर्शक तथा निधि की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए एक उपयुक्त योजना तैयार करेगा।

(ख)   मीडिया योजना के लिए ग्राहक मंत्रालय/विभाग का अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, टी.वी./रेडियो स्पॉट विभिन्न चैनलों पर प्रसारित होंगे।   विज्ञापन प्रसारित होने से पहले ही प्राधिकार पत्र प्राप्त करके विदृप्रनि निधि की उपलब्धता सुनिश्चित कर लेगा। केवल उन मामलों को छोड़कर जहां किसी विशेष चैनल के लिए विभिन्न मंत्रालयों द्वारा विशेष अनुरोध किया गया हो, किसी भी चैनल को दिए जाने वाले विज्ञापन आर्थिक रूप से कुल तय बजट के 5% से अधिक नहीं होने चाहिए।

(ग)   विदृप्रनि किसी भी प्रकार का अतिरिक्त विभागीय प्रभार नहीं लेगा। इसके अलावा, विदृप्रनि
टी वी/रेडियो चैनलों से प्राप्त होने वाले एजेंसी कमीशन का 15% ग्राहक मंत्रालय को देगा।

8.    बिलों का भुगतान :

      प्रत्येक चैनल अभियान के समापन के 30 दिनों के भीतर या मासिक प्रसारणों की अंतिम तिथि को निर्धारित प्रारूप में टेलीकॉस्ट/प्रसारण प्रमाण-पत्रों सहित सभी दृष्टि से पूर्ण अपने टेलीकॉस्ट/प्रसारण बिलों को प्रस्तुत करने के लिए बाध्य होगा। चैनलों द्वारा प्रस्तुत टेलीकॉस्ट/प्रसारण प्रमाण-पत्र टेलीकॉस्ट/प्रसारण का प्रधान सबूत होंगे। तथापि, टीवी चैनलों के मामलों में थर्ड पार्टी मॉनीटरिंग अर्थात्‌ टैम(एडैक्स)का चैनलों के लिए अतिरिक्त सहायक टेलीकॉस्ट प्रमाण-पत्रों को प्राप्त करने का अनुमोदन किया जा सकता है। विदृप्रनि बिलों     की प्राप्ति के 45 दिनों के भीतर भुगतान जारी करने का भरसक प्रयास करेगा।

9.    टीवी/रेडियो चैनलों को किए गए अधिक भुगतान के मामले में वसूली की जाएगी।

10.   सूचीबद्धता सलाहकार समिति :

                इस नीति में समय-समय पर आवश्यकतानुसार संशोधन किया जा सकता है। इसके लिए, मंत्रालय द्वारा स्पॉट्‌स, कार्यक्रमों, आदि तथा किसी अन्य नए इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए दिशा-निद्रेशों, सूचीबद्धता एवं टेलीकॉस्ट/प्रसारण दर ढाँचा के संबंध में सिफाारिशें करने के लिए सूचीबद्धता सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा। समिति अंतिम अनुमोदन एवं अधिसूचना के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।


11.    लागू होने की तिथिः

यह नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाएगी।

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नोटः- रेडियो चैनलों के लिए विज्ञापन दरों के संबंध में सूचीबद्धता सलाहकार समिति(ईएसी) की सिफारिशों की प्रतीक्षा है। निजी रेडियो चैनल की सूचीबद्धता संबंधी संशोधित दिशा-निर्देशों तथा विज्ञापन दरों के निर्धारण संबंधी मानदंड अलग से जारी किए जाएंगे। तब तक के लिए वर्तमान नीति को आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू किया जाएगा।

कॉपीराइट © 2010, डीएवीपी, भारत सरकार