Page 21 - Mann Ki Baat January, 2023
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पैमयाने पर जनतया ् सलए खोल सद्या बयात’ िमबोधिन में रेखयास्त स््या, इि
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ग्या, सजििे ्ह ए् जन आनदोलन वष्य ् पुरस्यार सवजेतयाओं में जनजयाती्
बन ग्या। ्ोई भी भयारती् अब ए् िमुदया् और जनजयाती् जीवन िे जुड़े
िरल ऑनलयाइन प्रसक्र्या ् मयाध्म ि े लोगों ्या अच्या प्रसतसनसधितव है। चयाह े
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इन प्रसतशषठत पुरस्यारों ् सलए स्िी वह ्ररसच्या जनजयासत ् चेरुव्याल
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व्शकत ्ो नयामयांस्त ्र ि्तया है। अब ्. रमन हों, सजनहोंने वया्नयाड में चयावल
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आसधि्यारर् वेबियाइ्ट ् मयाध्म ि े ्ी 50 िे असधि् दिी स्समों ्ो िंरसषित
सव-नयामयां्न भी स््या जया ि्तया है। स््या है; सबक्रम बहयादुर जमयासत्या,
इि प्र्यार, ‘पीप्ि पद्म’ ने नए सजनहोंने सत्रपुरया में जमयासत्या िमुदया्
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भयारत ् सनमया्यण में जनभयागीदयारी ् े ् िंरषिण और उतथयान ् सलए अपनया
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सलए ए् आदश्य बदलयाव स््या है। इि जीवन िमसप्यत ्र सद्या; चेंगलपट्टू में
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प्रसक्र्या ् पररणयामसवरूप असधि्-िे- इरुलया जनजयासत ् वयासदवेल गोपयाल
असधि् गुमनयाम नया््ों ्ो उन्ी और श्री मयािी िदयाइ्याँ, ियाँप प्ड़न े
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उसचत पहचयान समल रही है। िर्यार वयालों ् रूप में सजन्ी सवशेषज्यातया और
् नयामयास्त व्शकत्ों ्ी पहचयान ्ी पयारमपरर् ज्यायान ्ई देशों वियारया उप्ोग
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तुलनया में उन् स्ए गए ्या्षों ्ो स््या ग्या है; उमरर्या ्ी जोधि्याबयाई
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असधि् महत्व देने ् पररणयामसवरूप बैगया, जो अपने सचत्रों ् मयाध्म िे अपनी
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सप्ले ्् वषषों में पद्म पुरस्यारों न े पयारमपरर् आसदवयािी िंस्कृसत ्ो
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अबयाध्तया ्ी भयावनया प्रयापत ्ी है। दशया्यती हैं ्या ्.िी. रनरेमिंगी हों, जो
इि वष्य ्ी िूची भी ऐिे नयामों ि े सप्ले तीन दश्ों िे समज़ो लो् िंगीत
भरी पड़ी है, सजनहोंने ‘रयाषट्र प्रथम’ ् े ्ी सशषिया दे रही हैं और इि्या प्रचयार
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सिद्यानत ् सलए अपनया जीवन िमसप्यत ्र रही हैं। ्े िभी सवसभन्न आसदवयािी
्रते हुए हमेशया देश ्ो िववोपरर रखया िमुदया्ों ् लोग अपने-अपने सवशेष
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है। जिया स् प्रधियानमत्री ने अपने ‘मन ्ी तरी्ों िे िमयाज ्ी िेवया ्र रहे हैं।
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