Page 23 - Mann Ki Baat January, 2023
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              पद्म पुरस्यार न ्वल िमयाज ्  े   इि  ियाल  पद्म  पुरस्यारों  ्ी  गँज
          िभी  वगषों,  सवसवधि  िमुदया्ों  और  िभी   वयामपंथी  उग्रवयाद-  प्रभयासवत  इलया्ों  में
                                                               े
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                                                              ं
          भौगोसल् षिेत्रों ् प्रसतसनसधि बन गए हैं,   भी िुनयाई दे रही है। ्या्र में बशनद्ों
                                                       े
          बश्् वे ऐिे ियांस्कृसत् ततवों ्ो िसख्य्ों   ्  पुनवया्यि  ्  सलए  उनह  ल्ड़ी  पर
                                   ु
                                                                ें
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          में लयाने में भी िहया्् रहे हैं, सजन् बयार  े  नक्याशी ्या हुनर सिखयाने वयाले अज्
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          में  ्म  जयान्यारी  है।  धिनीरयाम  ्टो्टो,   ्मयार  मंडयावी  और  गढ़सचरौली  ्ी
                                                                े
          जो  दश्ों  िे  ्टो्टो  (डेंग्या)  भयाषया  ्या   झयाडीपट्ी रंगभसम ्या इसतमयाल पुनवया्यि
                                                       ू
                                                                े
          िंरषिण और प्रचयार ्र रहे हैं और इि   िसहत  ियामयासज्  ्या्षों  ्  सलए  ्रन  े
          गमभीर रूप िे लुपतप्रया् भयाषया ्ी ए्   वयाले परशुरयाम ्ोमयाजी खुणे ्ो गुमरयाह
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          शसक्रप्ट भी सव्सित ्र च् हैं; सखलौन  े  ्ुवयाओं ्ो पुनसनदगेसशत ्रने और देश
          बनयाने वयाले िी.वी. रयाजू, जो सथया्ी डयाई ्  े  ् सव्याि ्ी सदशया में ्याम ्रने में
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                                                                  े
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          उप्ोग ्ी 500 ियाल पुरयानी परमपरया ्ो   उन्  महत्वपण्य  ्ोगदयान  ्  सलए  ्ह
          बनयाए रखते हुए उिे पुनजमीसवत ्र रह  े  प्रसतशषठत िममयान समलया है।
          हैं, ्या 80 वषमी् िंतूर सश्प्यार गुलयाम   सवजेतयाओं  ्ी  िूची  इि  बयात  ्या
                                                   े
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          मुहममद  ज़याज़,  जो  अपनी  पयाररवयारर्   सपष्ट ि्त है स् ्े प्रसतशषठत नयागरर्
                                                                    े
          परमपरया ्ो आठवीं पीढ़ी में आगे बढ़या   पुरस्यार  अब  ््  लोगों  ्  सलए
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          रहे हैं– ऐिे लोग जो लुपत होते ्लया रूपों   आरसषित नहीं हैं। सवजेतयाओं ्ी सवशयाल
          ्ो पुनजमीसवत ्रने ्या प्र्याि ्र रहे हैं   सवसवधितया,  िमयाज  ्  िभी  वगषों  और
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          और सजनहोंने हमयारी सवरयाित ्ो िंरसषित   भयारत  जैिे  सवशयाल  देश  ्  िभी  षिेत्रों
                                                                े
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          ्रने ् सलए अपनया जीवन िमसप्यत ्र   ्या प्रसतसनसधितव ्रती है और वयासतव में
          सद्या है, उनह भी िर्यार वियारया मयान्तया   प्ररणयादया्् है। ऐिे िम् में, जब देश
                                             े
                   ें
                                                                  े
          दी गई है।                         अपने  सवतंत्रतया  आनदोलन  ्  गुमनयाम
                                            नया््ों ्या गुणगयान ्र रहया है,  वत्यमयान
                                            िम् ् उन अज्यायात नया््ों ्ो पहचयान
                                                  े
                                            और  िममयान  देनया  भी  महत्वपण्य  है,
                                                                     ू
                                            सजनहोंने स्िी इनयाम ्ी उममीद स्ए
                                            सबनया  सन:सवयाथ्य  भयाव  िे  अपने  िमुदया्ों
                                            और िमयाज ् सलए जीवन िमसप्यत ्र
                                                       े
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                                            सद्या। हमयारे लो्तंत्र ् िववोच् नयागरर्
                                            िममयान–पद्म  पुरस्यार,  आज  ्वल
                                                                      े
                                            पुरस्यार मयात्र नहीं हैं, वे आम नयागरर्ों
                                            ्  अियाधियारण  ्यारनयामों  ्ी  पहचयान
                                             े
                                            हैं, िंस्कृसत, ्ौशल, सवचयारों और ्या्षों
                                            ्ी आ्च््यजन् सवसवधितया ्या िममयान
                                                              े
                                            हैं,  जो  हमयारे  रयाषट्र  ्  तयाने-बयाने  ्ो
                                            बुनती है।
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