Page 64 - Mann Ki Baat January, 2023
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स्ािीय त्ोहार द्ारा संरनषित कश्ीरी झरिा
पंजथ नयाग दसषिण ््मीर ्े जयानने ्े सलए िमुदया् ्े लोगों िे
अनंतनयाग सज़ले में ट्रयाउ्ट म्ली ्े बयात ्ी।
पयालन और नीचे ्ी ओर ्ई गयाँवों “पंजथ भयारत में िबिे बड़या झरनया
में पीने और सिंचयाई ्े सलए पयानी ्ी है। इि्या नयाम ‘पंच हयाथ’– पयाँच िौ
आपूसत्य ्रतया है। ए् सथयानी् त्ोहयार, ्े सलए ््मीरी अं् िे सल्या ग्या
रोहन पोश ्ी परमपरया ्े तहत गयाँव है। इि झरने में बहुत ियारी म्सल्याँ
्े ि्ड़ों पुरुष और बच् ियाल में ए् सनवयाि ्रती हैं, सवशेष रूप िे ट्रयाउ्ट
े
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बयार झरने में म्ली प्ड़ने जयाते हैं। और ््मीरी म्ली। बचपन िे हम
ियामूसह् गसतसवसधि ्े तहत लोग सि््ट िुनते आ रहे हैं स् हमेशया इििे जुड़े
्
और वीड ि ्ो ियाफ़ ्रते हैं और ियांस्कृसत् मू््ों ्े ्यारण तयालयाब ्ो
शेष वष्य ्े सलए इि्े जल सतर ्या ियाफ़ रखनया होतया है। उि्े सलए हमने
प्रसतधियारण ्रते हैं। इि झरने ्ी ए् ए् सदन त् स््या है, उि सदन हमयारे गयाँव
ं
पौरयासण् प्रयािसग्तया है; इि्ी िफ़याई और आि-पयाि ्े गयाँव ्े लोग ्टो्री
्ी परमपरया आसद्याल िे चली आ ले्र आते हैं और उिमें जो म्सल्याँ
रही है। और गनदगी होती है, उनहें अलग ्रते
दूरदश्यन पर हमयारी ्टीम ने िमुदया् हैं। इि तरह इि तयालयाब ्ी िफ़याई ्ी
और उि्े प्र्यािों ्े बयारे में असधि् जयाती है, सजििे 50 गयाँवों ्ी ज़मीन िींची
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