Page 26 - Mann Ki Baat - November2022
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भविष्य की राह : भारत और G20







                                          फ्शे् सममान और बड़ी फज़ममेदारी की
                                          तसिफत रही है। यह चुनौफतयों को अ्सरों
                                          में  बदिने  का  मौका  प्रदान  करती  है,
                                          खासकर उन क्षेत्ों में, जहाँ राषट्ीय और
                                          अनतरराषट्ीय  प्रयास  समाफ्षट  होते
                                          हैं। उदाहरण के फिए भारत के फ्कास
                                          के मॉडि ने फ्श्-सतर पर सामाफजक
                                          प्रगफत  और  समा्ेशी  फ्कास  के  फिए
                                          मानदणड  फनधिा्यररत  फकए  हैं।  G20  के
                                          अधयक्ष के रूप में भारत फ्कफसत और
                अफमताभ कानत               फ्कासशीि देशों के बीच सहयोग बढ़ाने
                  G20 शेरपा, भारत         के फिए एक सेतु के रूप में उभरेगा।
                                          बािी  फशखर  सममेिन  में  प्रधिानमंत्ी
                                          की  फटपपफणयों  से  प्रेररत  होकर  हमारी
                                          अधयक्षता  समा्ेशी,  महत््ाकांक्षी,
            हमारा देश ‘अमृत काि’ में प्र्ेश   फनणा्ययक  और  कार्य्ाई-उनमुख  होने
        कर चुका है। यह फ्कास और सामाफजक   का िक्य रखेगी। हमारे प्रयासों के मूि
        प्रगफत की हमारी परर्त्यनकारी यात्ा को   में इस दशक में ससटेनेबि डे्िपमेंट
                                                                  े
        फचफनित करेगा। यह ्तश्क फ्कास पि   गोलस (SDGs) को प्रापत करने के फिए
                        ै
        के  फिए  मानक  भी  फनधिा्यररत  करेगा।   समा्ेशी फ्कास और ््ररत प्रगफत के
        भारत, जो अब फ्श् की पाँच्ीं सबसे   प्रफत हमारी प्रफतबद्धता फनफहत है। हमारी
        बड़ी अि्यवय्सिा है और अनतरराषट्ीय   अधयक्षता का सार – ‘एक पृर्ी, एक
        समुदाय में एक प्रमुख नैफतक शत्त है,   परर्ार  और  एक  भफ्षय’  के  फ्चार
        उसका  G20  की  अधयक्षता  समभािना   में देखा जा सकता है, जो हमारी साझा
        बहुत महत््पूण्य है। यह ऐसे समय हुआ   प्रािफमकताओं,  सामूफहक  कार्य्ाई  की
        है, जब बढ़ती मुद्रासिीफत, भू-राजनीफतक   आ्शयकता  और  एकीकत  िक्यों  को
                                                             कृ
        तना् और जि्ायु संकट जैसी चुनौफतयों   उजागर करता है।
        ने कार्य्ाई-उनमुख और समा्ेशी िक्यों   हमारी  अधयक्षता  में  प्रमुख
                                                         े
        की  त्काि  आ्शयकता  पैदा  की  है,   प्रािफमकता  ्ािे  क्षत्ों  में  फमशन  LiFE
        फजनहें हमें ््ररत तरीके से प्रापत करना   (िाइफ़सटाइि  ़िॉर  एन्ायरनमेंट),
        चाफहए। यह प्रश्न उठना स्ाभाफ्क है फक   SDGs के फिए फ्त्त पो्ण, हररत ऊजा्य
        भारत के फिए G20 अधयक्षता के मायने   को बढ़ा्ा, खाद् सुरक्षा और खाद्ान्
        ्या हैं?                          तिा ऊजा्य के फिए फ्श्सनीय आपफत्य
                                                                     ू
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            G20 में शाफमि देशों का दुफनया के   �ंखिा सफनतशचत करना और फडफजटि
        सकि घरेिू उ्पाद में 85 प्रफतशत फहससा   परर्त्यन शाफमि हैं। इन प्रािफमकताओं
        है।  इस  समूह  की  अधयक्षता  हमेशा   के  अनुसार  फकए  जाने  ्ािे  कायगों  स  े

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