Page 22 - Mann Ki Baat - November2022
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वय्सिा में एक फज़ममदार काय्यकता्य के
े
रूप में अपनी प्रफतबद्धता प्रदफश्यत कर
रहा है।
भारत आज ्तश्क चुनौफतयों को हि
ै
करने और इन प्रयासों को फनदवेफशत करन े
्ािे फनयमों, मानदणडों और प्रफक्रयाओं
ू
को आकार देने में बहुत बड़ी भफमका
फनभा रहा है और यह फ्श्सनीयता
बहुत कुछ इस बात से पैदा होती है फक
हम अपने देश में ्या हाफसि कर पाए
हैं। उदाहरण के फिए, फजस तरह से भारत
ने फ्कास, समा्ेशन, शासन-फ्फधि, ईज़
ऑफ़ फबज़नेस तिा ईज़ ऑफ़ फिफ्ंग
के फिए फडफजटि तकनीकों का उपयोग
फकया है, ्ह दफनया के फिए अनुकरणीय
ु
बन गया है। चाहे ्ह न्ाचार, प्रौद्ोफगकी,
उद्फमता, अनतररक्ष, स्ासरय, मफहिा
सशत्तकरण, सामाफजक तिा फ्त्तीय
समा्ेशन, फशक्षा या आपदा प्रबनधिन हो,
भारत हर क्षेत् में प्रगफत कर रहा है।
G20 के अधयक्ष के रूप में भारत
‘फ़सट्ड ्लड्ड’ या ‘िड्ड ्लड्ड’ के सिान
पर ‘्न ्लड्ड’ की ्काित कर रहा है।
भारत द्ारा की गई सभी पहिों में फ्श्
कलयाण का फ्चार गहराई से फनफहत है।
ु
ै
‘्सधि् कुटुमबकम्’ के इस माग्यदश्यक
फसद्धानत पर चिते हुए आज भारत
न के्ि गिोबि साउि की आ्ाज़
ु
बन चुका है, बतलक दफनया भर में कई
बहुपक्षीय गठबनधिनों का एक पक्षकार भी
ु
बन गया है। संय्त राषट् के एक प्रमुख
ं
सदसय, G-7 के फिए अ्सर आमफत्त,
शंघाई सहयोग संगठन के सदसय और
BRICS, I2U2 (भारत, इज़राइि, US,
UAE) तिा IBSA (भारत-ब्ाज़ीि-दफक्षण
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