Page 10 - Putting Farmers First Hindi
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             गुजरात ि िकि संबंधी चमतिार ने मोदी िो राष्ट्ीय सतर पर स्ाकपत किया
               मोदरी के का्य्भकाल में गुजरात में कृकर एवं अन्य क्त्ों में जो जबरदसत वृकद्ध देखरी गई, उसे कवशेरज्ों
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             ने एक कृकर चमतकार कहा।
               कृकर अथ्भशासत्री अशोक गुलाटरी ने अप्रैल 2014 में गुजरात मॉरल करी व्याख्या कुछ इस प्रकार करी
             है :
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             ‘जन सिर्थक नीमत्यों न अमधकति लोगों की आ्य अज्थन क्िता ि बढोतरी की है और गुजरात
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             न अपन कृमि संबंधी  चितकार स ्यह कर मदखा्या है। इस सफलता के पीछ कई कारण हैं जैस –
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             बीटी कॉटन की तकनीकी सफलता सषे लकर भूमिगत जल को ररचाज्थ करनषे के मलए छोट बांधों
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             का मनिा्थण, नि्थदा के पानी की उपलबधता, ग्ािीण क्त्रों ि मन्यमित और मवशवसनी्य  मबजली
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             आपमत्थ के मलए ज्योमतग्ाि, कृमि मवसतार पररदृश्य को बदलन वालषे कृमि िहोतसव, पहलषे की
             तुलना ि अमधक मवकमसत रटे्यरी क्षेत्र और ग्ािीण क्त्रों को जोड़नषे वाली अचछी सड़कें।’
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              l नरेनद्र मोदरी कजस सम्य गुजरात में ्यह असािारण काम कर रहे थे उस सम्य ततकालरीन केंद्र
                सरकार का रवै्या उसके कवपररीत था।
             l उस सम्य केनद्र सरकार न्यूनतम समथ्भन मूल्यों करी घोरणा तो कक्या करतरी थरी लेककन उनहोंने कभरी
                बडरी मात्ा में ककसानों से उनके कृकर उतपादों करी खररीददाररी नहीं करी।
             l उनहोंने ककसानों के कज्भ को माफ करने करी घोरणा तो करी थरी लेककन ्यह माफरी अकिकतम उन
                ककसानों तक कभरी नहीं पहुंच पाई जो छोट और सरीमांत ककसान थे।
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             l उनहोंने बडरी ्योजनाओं करी घोरणा तो करी लेककन ्यह सभरी ्योजनाएं कसफ्फ घोरणामात् हरी रहीं।
             l उनहोंने ककसानों को खाद पर सल्सररी देने का वादा कक्या लेककन ककसानों तक पहुंचने के बजा्य
                ्यह कालाबाजाररी करी भेंट चढ ग्या।
               ककसान कहतैररी कदमों करी वजह से ककसानों ने पूरे जोश के साथ नरेनद्र मोदरी के पक् में  मतदान कक्या
             और 2014 में उनहें प्रिानमंत्री बना्या।
             भारत में किसानों िे िलयाण िा नया युग
               2014 में नरेनद्र मोदरी के नेतृतव में बनरी केंद्र सरकार ने आरंभ से हरी ककसानों के  कल्याण करी कदशा
             में अनेक महतवपूण्भ फैसले लेने शुरू कर कदए। केंद्र में पहलरी बार ऐसरी सरकार बनरी, कजसने साव्भजकनक
             रूप से ककसानों के कहत में महतवाकांक्री लक््य त्य ककए। इसमें सबसे अकिक चुनौतरीपूण्भ था- ककसानों
             करी आ्य को दोगुना करना। ककसानों को रोल मॉरल के रूप में मान्यता कदलाने करी दृल्ट से ककसानों को
             पद्म पुरसकारों से भरी सममाकनत कक्या ग्या।
               कपछले 6 वरषों में मोदरी सरकार कृकर क्ेत् में चरणबद्ध तररीके से सुिार कर चुकरी है और कृकर चक्र के
             प्रत्येक  चरण में ककसानों करी जरूरतों को ध्यान में रखा ग्या है।
               इस कदशा में न केवल एमएसपरी में कई गुना बढोतररी करी गई, बललक कपछलरी सरकारों करी तुलना
             में अकिक एमएसपरी पर सरकाररी खररीददाररी करी गई। वर 2013-14 में तुअर दाल के कलए एमएसपरी
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             4,300 रुप्ये प्रकत लकवटल थरी कजसे 2020-21 में काफरी बढोतररी कर 6,000 रुप्ये प्रकत लकवटल कक्या
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             ग्या।
               अगर तुअर दाल के कलए घोकरत एमएसपरी 55 प्रकतशत अकिक थरी तो इसरी दौरान दालों करी सरकाररी
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             खररीद में भरी जबरदसत वृकद्ध देखरी गई थरी। वर 2009-14 के दौरान ्यूपरीए सरकार ने केवल 1.52 लाख
             मरीकरिक टन दालों करी सरकाररी सतर पर खररीददाररी करी थरी, जबकक 2014-19 के दौरान मोदरी सरकार ने

             अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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