Page 65 - Mann Ki Baat December 2022
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           पारम्पररक बाँस हस्तनशल्प से सशति हो रह आददिासरी
              बाँस की हसतकला मनुषय को ज्ाात   खेती  और  बाँस  उतिा्ों  के  छनमा्षण  में
          सबसे िुराने छशलिों में से एक है और यह   प्छशछक्त करके उनहें सशकत भी बना रहा
          िूरे भारत के छवछभन्न क्ेत्रों में प्चछलत है।   है। पलाशसटक और इसी तरह के ‘एंटी-
          बाँस  भारतीय  भूछम  के  13.96  छमछलयन   नेचर’ ततवों के उियोग से बचने के छलए
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          हेकटेयर क्त्र को कवर करता है, छजसने   जो इकोछससटम के छलए हाछनकारक हैं,
          ्ेश  में  ह़जारों  वयशकतयों  को  रोजगार   सेवा छववेक अिने उतिा्ों के माधयम से
          प््ान करने के साथ-साथ हसतकला को   ससटेनेछबछलटी  और  िया्षवरण  के  छलए
          बनाए रखा है। बाँस के हसतछशलि उतिा्ों   सममान की भावना का प्सार कर रहा
          में  अनेक  सजावटी  वसतुओं  से  लेकर   है।
          ्फनजीचर  और  अनय  उियोगी  सामान,     सेवा छववेक की टीम ने अिने छवचार
          जैसे हैंडबैग, ट्रे, टोकरी, बकसे शाछमल हैं।   साझा  करते  हुए  कहा,  “हमें  खुशी  है
          ्ेश भर के कुशल कारीगर, छवशेरकर    छक  प्धानमंत्री  ने  अिने  हाछलया  ‘मन
          आछ्वासी  क्ेत्रों  से,  बाँस  हसतकला   की बात’ काय्षक्म में सेवा छववेक और
          में  शाछमल  हैं।  ऐसा  ही  एक  संग्ठन  है   इसकी  ‘आछ्वासी-छनछम्षत  बाँस  उतिा्
          महाराषट्र  के  िालघर  में  ‘सेवा  छववेक’   िहल’ का समथ्षन और उललेख छकया
          छजसके बारे में प्धानमंत्री ने अिने ‘मन   है।  हमें  सभी  बाँस  सेवकों,  जनजातीय
          की बात’ में छजक् छकया। यह संग्ठन न   कारीगरों और हमारे सटा्फ िर बहुत गव्ष
          केवल अछद्तीय बाँस उतिा् बना रहा है,   है, जो सेवा छववेक एनजीओ से छनकटता
          बशलक  सथानीय  समु्ायों  को  बाँस  की   से जुड़े हुए हैं।”
































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