Page 62 - Mann Ki Baat December 2022
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अपनरी पारम्पररक सम्पदा को आगे बढ़ाते लषिद्रीप क यिा
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            हाल के ‘मन की बात’ में प्धानमत्री
                                    ं
        ने  लोगों  और  सम्ायों  द्ारा  अिनी
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        सछ्यों  िुरानी  छवरासत,  जो  समय  के
        साथ खो रहे हैं, को बचाने के छलए छकए
        जा  रहे  प्यासों  की  सराहना  की।  ऐसा
        ही एक सफल प्यास लक्द्ीि में छकया
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        जा रहा है। कलिनी द्ीि िर एक कलब,
        कुमेल  ब््स्ष  चैलेंजस्ष  कलब,  सथानीय   बारे में बात की।
        संसकृछत  और  िारमिररक  कलाओं  को      “हमारे लोक कला और छशलि क्ेत्रों,
        संरछक्त करने के छलए द्ीि के युवाओं   अन्ान  और  सामाछजक  गछतछवछधयों
                                             ु
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        को प्ररत कर रहा है। कलब ने युवाओं को   को  बढ़ावा  ्ेने  के  छलए  द्ीिवाछसयों  के
        कोलकली, िरीचाकली, छकछलपिाट्ट और   बीच  चल  रहे  प्यासों  की  प्धानमत्री
                                                                     ं
        िारमिररक गीतों की सथानीय कला में   द्ारा की गई सराहना से बहुत खुश हैं।
        प्छशछक्त करने की छजममे्ारी ली है।  हम  सममाछनत  महसूस  कर  रहे  हैं  छक
            हमारी  ्ूर्श्षन  टीम  ने  कलब  के   उनहोंने ‘मन की बात’ काय्षक्म में हमार  े
        अधयक् छ्फरोज खान से उनकी िहल के   साम्ाछयक प्यासों को शाछमल छकया।”
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       स्ानरीय कला और संस्तत क संरषिक : कनाटक क कािेमश्री
            ्ेश  में  सथानीय  कला  और     ग्ग  में  की  थी,  जहाँ  आज  कना्षटक
                                                  ु
        संसकृछत को िुनजजीछवत करने के बढ़ते   और ्ेश-्छनया के कलाकारों के कई
        प्यासों  के  बीच  प्धानमंत्री  नरेनद्र  मो्ी   काय्षक्म  आयोछजत  छकए  जाते  हैं।
        ने  डॉ.  कावेमश्ी  श्ीछनवास  के  प्यासों   ्ूर्श्षन से अिना अनुभव साझा करते
        की  सराहना  की,  छजनकी  अिनी  भूछम   हुए उनहोंने कहा, “मैंने यहाँ एक होटल
        की  संसकृछत  और  साछहशतयक  कौशल   शुरू  छकया  था,  जहाँ  से  ‘कला  चेतना’
        के  प्छत  जुनून  और  इस  छवरासत  को   संसथा की शुरुआत हुई। हा. मा. नायक
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        संरछक्त करने की आव्यकता ने ‘कला   और  िव्ष  मुखयमंत्री  वीरपिा  मोइली  के
        चेतना’  को  जनम  छ्या।  िच्ीस  साल   माग्ष्श्षन में मैंने यक्गान का अधययन
        िहले  होटल  वयवसायी  डॉ.  कावेमश्ी   छकया और िीएचडी प्ापत की और अब
        ने  उस  मंच  की  सथािना  कना्षटक  के   मैं  ग्ग  में  25  वरवों  से  ‘कला  चेतना’
                                          िूरे  उतसाह  से  चला  रहा  हूँ।  मुझे  बहुत
                                          आ्चय्ष  हुआ,  जब  प्धानमंत्री  मो्ी  ने
                                          ‘मन की बात’ में मेरी उिलशबधयों का
                                          छजक् छकया। मुझे बहुत खुशी हुई।”

                                           कावेमश्ी  ने  ‘मन  की  बात’  में
                                           अिने  उललख  के  बारे  में  कया
                                                  े
                                           कहा, यह सुनने के छलए QR कोड
                                           सकैन करें।

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