Page 30 - Mann Ki Baat January, 2023
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भारत का जीवंत लोकतंत्र - ववश्व का रारदरक
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गणरयाज् िलते-िरूलते थे। 10वीं िदी ् े
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उसत्रमेरूर ् सशलयालेखों में लो्तयांसत्र्
िहभयासगतया ्ी ्ही भयावनया प्रसतसबशमबत
होती है।
भयारती् उपमहयाविीप ्ी ियामयासज्
व्वसथया में ऐिे प्रमयाण, हमयारे देश ् े
लो्तयांसत्र् डीएनए ्ी बनयाव्ट ् े
अप्रसतम ियाक्् हैं। जब हम लो्तंत्र ्ी
बयात ्रते हैं, तो हमें ध्यान रखनया होगया
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रयामनयाथ ्ोसवनद स् सव्व ् अन् रयाषट्रों िे अलग,
पूव्य रयाषट्रपसत भयारत ्ी सव्याि ्यात्रया लयाखों वषषों ्ी
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रही है, परनत िमयावसशतया, िमयानतया और
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िदगणी आचरण ् इि् गुण आज
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त् अपने सथयान पर ्या्म हैं और हमयार े
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िबिे बड़या और सवसवधिरूपी लो्तंत्र िसवधियान ्या भी सहसिया हैं।
भयारत, सव्व ् सलए उज्वल उदयाहरण अपने आरशमभ् वषषों में मैं ए्
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है। आधिसन् ही नहीं, बश्् हमयारया ्ो्ट िे गयाँव में रहतया थया और भयारत
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प्रयाचीन इसतहयाि भी हमें हमयारी िभ्तया में अभी आज़याद ही हुआ थया, उि िम् देश
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सनसहत लो्तयांसत्र् म््ों ् प्रसत िचेत ् सलए देखे जया रहे हज़यारों िपनों ्ी
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्रतया है। तरह मेरया भी ए् िपनया थया स् ए् सदन
26 जनवरी, 1950 ्ो लयागू स्ए गए मैं भी ियाथ्य् रूप िे रयाषट्र-सनमया्यण ्या
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भयारती् िसवधियान ् ियाथ ही लो्तयांसत्र् सहसिया बनँ। ्ह भयारती् लो्तंत्र ्ी
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गणतंत्र ्ी नींव पड़ी थी। हयालयाँस्, हमयारे िशकततया ्या ही प्रमयाण है स् ्च् घर में
रयाषट्र में लो्तयासत्र् आधियार ्ी जड़ें रहने वयाले उि ्ुवया ्ो ए् सदन भयारती्
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गहरे में प्रयाचीन अतीत त् जयाती हैं। गणतंत्र ् िववोच् िंवधियासन् ्या्या्यल्
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भयारती् इसतहयाि अनिंधियान पररषद ्ो िमभयालने ्या अविर समलया। आज
(आईिीएचआर) वियारया हयाल में प्र्यासशत प्रत्े् नयागरर् समल्र हमयारी ियाझया
ए् पुसत्, ‘इसड्या : द मदर ऑफ़ सन्सत ्ो नवीन रूप देने ्या ्या््य ्र
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डेमोक्रेिी’ िसवसतयार हमयारी प्रयाचीन और रहया है, ्ह हमयारे जीवंत लो्तयांसत्र्
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आधिसन् रयाजनीसत् व्वसथया पर सवमश्य िंसथयानों ्ी अनतसन्यसहत शशकत ् ्यारण
्रती है। पुसत् ्ह भी बतयाती है स् ही िमभव हो रहया है।
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लो्तंत्र ्ी व्याप् अवधियारणया ् मूल हमयारे िसवधियान में प्रसतषठयासपत
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सिद्यानत ्िे गसठत और सव्सित हुए थे। सवतंत्रतया, िमयानतया और बधिुतव ् े
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भयारत में गणरयाज्ों ्या उत्कृष्ट सत्र्ोण ्ो ्वल ््पनया मयात्र मयाननया
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इसतहयाि समलतया है। 2,500 वष्य पव्य भयारत में गलत होगया। उन्ी मौसल्तया ्या प्रमयाण
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सलच्वी तथया शयाक् जिे चुनयाव आधियाररत हमयारया इसतहयाि देतया है; उनह मत्यरूप
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