Page 41 - Mann Ki Baat - November2022
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ड्ोन की स्ाम्म टक्ो़्ॉजी न पसारपे पंख
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गणतंत् फद्स 2022 के बीफटंग जाए, जो आपस में और बेस सटेशन स े
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ररट्ीट समारोह में आईआईटी फदलिी की भी इंटर्ट करें, इससे सफ््यिेनस ज़यादा
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इन्यूबेशन सुफ्धिा में शुरू हुए भारतीय इित्ट् होगा, साि ही इनमें मशीन
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सटाट्डअप, बॉटिैब डायनेफम्स ने 1,000 िफनणंग के माधयम से ऑिनस एपिीकेशन
ड्ोन िाइट शो के फिए उड़ाए। बोटिैब भी डािा जा सकता है, जो टेक्ोिॉजी हम
डायनेफम्स रोबोफट्स के फनमा्यण पर यहाँ ए्सपिोर कर रहे हैं।
पाँच ््गों से अफधिक समय से काम कर ड्ोन के एपिीकेशन काफ़ी हैं, जैस े
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रहा है। एयर ट्सी द्ारा िोगों को ट्ासपोट्ड
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हमारी दूरदश्यन टीम ने सह- करना, िोफजतसट्स, सफ््यिेनस, मफडफसन
संसिापक और एमडी, डॉ. सररता और फ़ूड फडिी्री करना— ड्ोन के साि
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अहिा्त से उनकी फ्शे्ज्ाता के बारे कुछ भी ट्ासपोट्ड करना अब मुमफकन है।
में बात की। मेरा यह माननाा है फक अगिी जनरेशन
“हम िोग ड्ोन स्ाम्य टेक्ोिॉजी के फिए ड्ोन और भी ज़रूरी हो जाएगा,
पर काम रहे हैं। इसमें बहुत सारे ड्ोन ्योंफक हर िीलड में इनका उपयोग हो
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एक साि कने्टेड रहते हैं, जो फसि्फ एक रहा है, यहाँ तक फक ड्ोन और समाट्ड भी
इनसान ऑपरेट करता है, फजससे एक हो जाएँगे और ऑटोनोमसिी ऑपरेट
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वयत्त ही 100 ड्ोन ऑपरेट कर सकता करेंगे। उनह चिाने के फिए िोगों की
है। ड्ोन का एतपिकेशन जहाँ- जहाँ होता ज़रूरत नहीं रहेगी, ्ह एक ह्ूमनिेस
है, ्हाँ 3 से ज़यादा ड्ोन जब यूज़ होते हैं तो एत्टफ्टी हो जाएगी।”
उनहें स्ाम्य कहा जाता है। बॉटिैब डायनाफम्स ड्ोन
हम यहाँ इस टेक्ोिॉजी के दो में इसतेमाि होने ्ािे पाटस्य को
एतपिकेशनस का यज़ करते हैं– एक इंफडफजनसिी बनाते हैं। उनका फ्ज़न है
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रफक्रएशनि पप्यस् के फिए और दूसरा फक ड्ोन के सॉ़फट्ेयर से िेकर हाड्ेयर
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फडिनस के फिए। जैसे बॉड्डर पर हज़ारों तक की पूरी मैनयुि्चररंग भारत में
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फकिोमीटर की फनगरानी करनी होती है, हो। डॉ. अहिा्त बताती हैं, “7500 ड्ोन
उस समय एक ड्ोन सफ््यिेनस से बेहतर जोड़कर उनहें साि में उड़ाकर, ्लड्ड
होगा अगर 10-20 ड्ोन का इसतमाि फकया ररकॉड्ड बनाने की भी हमारी इचछा है।”
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