Page 46 - Mann Ki Baat - November2022
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भारिरीय संगरीि

                      िवश्व पटल पर लहराता भारतीय परचि




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            हम भारतीय, हर चीज़ में संगीत     मूि  रूप  से  प्राचीन,  िफकन
        तिाश  ही  िेते  हैं।  संगीत  की  हमारी   िगातार  फ्कफसत  हो  रहे  भारतीय
        फ्धिाओं ने न के्ि हमारी संसकफत को   संगीत  के  प्रारतमभक  स्ोतों  में  हज़ारों
                                 कृ
                                                    ै
        समृद्ध  फकया  है,  बतलक  दुफनयाभर  के   ्््य  पू््य  के  ्फदक  ग्रनिों  के  अनुषठान
        संगीत पर अपनी अफमट छाप भी छोड़ी    और  उपमहाद्ीप  के  िोक  संगीत  का
        है। भारतीय संगीत की ़खयाफत फ्श् के   कािातीत  स्ोत  सतममफित  है।  चार
        कोने-कोने में फ़ैि चुकी है।        ्ेदों में से साम्ेद को भारतीय संगीत
                                          का  उदगम  माना  गया  है।  भारत  की
                    -प्रधिानमंत्ी नरेनद्र मोदी
             (‘मन की बात’ के समबोधिन में )  फ्फशषटता, हर राजय या क्षेत् की अनूठी
                                              कृ
                                          संसकफत  में  फनफहत  है।  भारत  की  हर
                                              कृ
                                          संसकफत में प्रस्, फ््ाह, प््य, ्योहार से
                                          िेकर दे्ी-दे्ताओं की पूजा-अच्यना जैसे
                                          फ्फभन्  अ्सरों  पर  गीत-संगीत  की
                                          भूफमका अ्शय रहती है।
             “भारतीय  संगीत  और  ्ाद्        िगभग  एक  करोड़  अससी  िाख
         यनत्ों के बढ़ते महत्् का अनदाज़ा   की संखया के साि फ्श् के फ्फभन् देशों
         इस बात से िगाया जा सकता है फक    में बसे भारतीयों का भारतीय संसकफत
                                                                      कृ
         प्रधिानमंत्ी ने एक ऐसे काय्यक्रम में   और संगीत के प्रसार में बड़ा योगदान
         इस फ््य पर फ्सतार से बात की,
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         फजसका  प्रयोग  ्े  महत््पण्य  मुद्ों   है। के्ि फिलम संगीत के फिए ही नहीं,
         और पहिों पर चचा्य करने के फिए    भारतीय  शासत्ीय  गायन  ए्ं  ्ादन  के
         एक  मंच  के  रूप  में  करते  हैं।  पूरी   प्रफत भी गहरा िगा् फ्श् में हर जगह
         संगीत फबरादरी की ओर से, मैं श्ी   फदखाई देता है। दुफनया भर में बड़ी संखया
         नरनद्र  मोदी  को  उनके  प्ररक  श्दों   में  िोग  फजस  प्रकार  भारतीय  संगीत
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         और संगीत को हमारे देश की सॉ़फट   अपना रहे हैं, उसे देखते हुए इसे भारत
         पा्र के एक महत््पण्य पहिू के रूप   की सॉ़फट पॉ्र का एक महत््पूण्य पहिू
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         में मानयता देने के फिए धिनय्ाद देना   माना जा सकता है।
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         चाहँगा।”                            अपने  हाि  के  ‘मन  की  बात’
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                     -डॉ. एि. सब्मणयम     समबोधिन में प्रधिानमंत्ी ने 2013-14 के बाद
                         ्ायफिन ्ादक      से भारतीय ्ाद्यंत्ों के फनया्यत में साढ़े


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