Page 22 - Mann Ki Baat, October 2022
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मोढरा: भारत का पहला सूर्य ग्ाम                                         कन्नी दओरनी की सौर से सशक्तिकरण की गाथा
                         े
                                                                                                     े
                                                                                             ु
                                                        ू
            अपनी तरि की पिि में प्धयानमत्री   व्कत  करनया  चयािँगी  सक  उनिोंने  मोढेरया   िौर  ऊजया्य  कई  िोगों  के  सिए
                                     ं
                                                   ू
        मोदी ने ि््य-मसदर शिर मोढेरया को भयारत   ग्याम को ि््य ग्याम के रूप में देश-सवदेश में   सबजिी  कया  वैकसलपक  स्ोत  बन  गई  िै,
                   ं
                ू
        कया पििया 24x7 िौर ऊजया्य िंचयासित गयाँव   और भी प्सिद् सक्या। मेरया ्िी किनया ि  ै  िसकन ओसडशया की एक सनवयािी के सिए
                                                                                         े
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        घोसषत सक्या। ग्याउड मयाउटेड िोिर पयावर   सक चयािे पचयाि ि़जयार िगे ्या एक ियाख,   ्ि उिके और कई अन् मसिियाओं के
                                                       ै
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        पियाट, आवयािी् और िरकयारी भवनों पर   िोगों को इतने पिे देकर भी िोिर पैनि       सिए  रोज़गयार  कया  मयाध्म  िै।  ओसडशया
        1,300 िे असधक रूफ़टॉप िोिर सिसटम    िगयानया चयासिए क्ोंसक इििे िम सबजिी         के  केंदुझयार  सज़िे  के  करदयापयाि  गयाँव
                                                                     ैं
                                                        े
        के सवकयाि के ियार इि परर्ोजनया ने ्ि   कया आरयाम िे इसतमयाि कर िकते ि और       की  कुन्नी  देओरी  िौर  ऊजया्य  िे  चिन  े
        दशया्य्या िै सक कैिे भयारत कया नवीकरणी्   इििे बचत भी बढ़ती िै।”                वयािी रीसिंग मशीन पर रेशम की कतयाई   पुरसकयार भी प्यापत िै।
        ऊजया्य कौशि ज़मीनी सतर पर िोगों को     एक  और  सनवयािी,  सवसपन  भयाई           करने कया प्सशक्षण देकर कई आसदवयािी     िौर ऊजया्य वयािी मशीनों के बयारे में
        िशकत बनया रिया िै।                 पटेि ने भी अपनया अनुभव ियाझया सक्या,        मसिियाओं के सिए रोज़गयार पैदया कर रिी   वे बतयाती ि, “पििे िम ट-इन-वन चरखया
                                                                                                                                  ैं
                                                                                                                                             टू
            िमयारी  दूरदश्यन  टीम  ने  मोढेरया  के   “प्धयानमंत्री नरेनद्र मोदी जी के िमयारे गयाँव   िैं।                 मशीन में कयाम करते रे, जो तीन िोगों
        िोगों िे बयात की।                  के बयारे में चचया्य करने के बयाद िे िमयारया     िमयारी दूरदश्यन टीम ने उनकी पिि   के  ियार  कयाम  करने  िे  िी  चितया  रया।
                                                     ु
            मोढेरया  सनवयािी,  वषया्य  बयाई  िे   गयाँव कयाफ़ी िप्सिद् िो ग्या िै। ्ियाँ अब   के  बयारे  में  और  जयानने  के  सिए  उनि   उिी िम् ‘रेशम िूत्र’ के कुनयाि िर
                                                                                                                      े
                                                             े
        प्धयानमंत्री  नरेनद्र  मोदी  ने  अपने  ियाि   दूर-दूर िे िोग और िसिसब्टी भी आते   िमपक्फ सक्या।                   ने उन्नसत मशीन, जो एक िोिर सिलक
        िी के ‘मन की बयात’ में बयातचीत की री,   िैं। मोदी जी और UN के िेक्ेट्री जनरि       अपने  कयाम  के  बयारे  में  बतयाते  िुए   मशीन  िै,  कया  िमयारी  िोियाइटी  में  डेमो
        जियाँ  उनिोंने  गयाँव  के  िोिर  पयावर  द्यारया   जब िमयारे मोढेरया ग्याम को देखने आए रे,   उनिोंने किया, “अभी मैंने एक CFC (कॉमन   सद्या रया। उिके बयारे में जयानकर िमयारी
                                                                        ू
        सवकसित िोने के बयारे में चचया्य की री। वषया्य   तब उनके आने िे पूरे गयाँव को और ि््य   फ़ेिीसिटी िटर) शुरू सक्या िै, जियाँ एक   उिमें  सदिचसपी  बढ़ी,  क्ोंसक  इिके
                                                                                                 ें
        बयाई कया किनया िै, “पििे िम घर में बचत   मंसदर को चयार चयाँद िग गए।” प्धयानमंत्री   िटर में 50 और दिरे िटर में 80 िड़सक्याँ   मयाध्म  िे  िम  इसडसवजुअिी  कयाम  कर
                                                                                                        ें
                                                                                         ें
                                                                                                    ू
                                                                                                                                        ं
        करके चिते रे, पर आज जो िमयारे घर में   िे बयात करने के बयारे में वे बतयाते िैं सक,   कयाम  करती  ि।  ्ियाँ  तिर  सिलक  पयाक्फ   िकते  रे।  ्ियाँ  ट्रयाइबि  एरर्या  में  बयार-
                                                                                                   ैं
        िोिर पैनि िगया िै, उिकी वजि िे िम   “जब उनकया कॉि आ्या तो मैं एकदम             में िम धयागया सनकयािने िे िेकर वीसवंग,   बयार पयावर कट के कयारण सबजिी ज़्यादया
        आरयाम िे सबजिी कया इसतेमयाि करते िैं।   एकियाइटेड िो ग्या। नरेनद्र भयाई मोदीजी   रीसिंग,  सडज़याइसनंग  व  सडसजटि  सप्ंसटिंग   निीं समिती री, पर िोिर पयावर की मदद
        िम अब फ्ी मयाइंड िे सबजिी कया उप्ोग   िे बयात करके मैं बिुत गसव्यत िूँ और मुझे   जिी और भी कयाफ़ी एसकटसवटीज़ करते ि,   िे िम चौबीि घंटे सबजिी कया इसतमयाि
                                                                                         ै
                                                                                                                                                     े
                                                                                                                     ैं
        करते िैं। मेरे घर में िब िसवधया िै, जैिे   जीवन भर ्ि बयात ्याद रिेगी सक मैंने   सजनिे िम ियाड़ी, ड्ि, जैकेट और बयाकी   कर  िकते  रे,  ियार  िी  छोटी  मशीन
                             ु
                                                                                                      े
        वयासशंग मशीन, एिी, गीज़र और ्े िब   प्धयानमंत्रीजी िे बयात की।”                चीज़ बनयाते ि।”                    िोने  िे  िम  िभी  किीं  भी  कयाम  कर
                                                                                                 ैं
                                                                                           ें
        िम सबजिी के सबि की सचंतया सकए सबनया                                                कुन्नी  देओरी  रयाषट्री्  पुरसकयार  ि  े  िकते रे।”
        ्ज़ करते िैं।”                      वषया्य बयाई िे िौर ऊजया्य िे मोढेरया के    पुरसकत भी की जया चुकी ि और 2017 में    ‘रेशम  िूत्र’  नवीकरणी्  ऊजया्य
          ू
                                                                                            कृ
                                                                                                            ैं
                                            सवकयाि के बयारे में जयानने के सिए QR
            प्धयानमत्री को धन्वयाद देते िुए वषया्य   कोड को सकैन करें।                 उनि कुिुमी िोगों के ियार िुए कया्क्म   आधयाररत  ग्यामीण  आजीसवकया  िक्षम
                 ं
                                                                                           ें
                                                                                                                  ्य
                          ं
        बयाई ने किया, “मैं प्धयानमत्रीजी कया आभयार                                     में  वत्यमयान  रयाषट्रपसत  द्रौपदी  ममजी  द्यारया   मशीनों कया नवयाचयार करतया िै। वि ग्यामीण
                                                                                                               ू्य
                                                                                                              ु
                                                                                                                          रेशम धयागया उतपयादकों और कपड़या बुनकरों
                                                                                                                          के  सिए  उच्  उतपयादकतया  वयािी  मशीनें
                                                                                                                          सरयासपत करने में मदद करतया िै।
                                                                                                                              भयारत में बढ़ते िौर ऊजया्य के प््ोग
                                                                                                                          के बयारे में कुन्नीजी कया किनया िै, “दूर-
                                                                                                                          दरयाज़ इियाकों के सिए िोिर पयावर िबि  े
                                                                                                                          उत्म  िै  और  अगर  िर  घर  में  इिकया
                                                                                                                          इसतमयाि िोने िगे तो घरों में िर िम्
                                                                                                                              े
                                                         छसव केवि िनदभ्य के सिए                                           सबजिी रिेगी।”
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