Page 55 - Mann Ki Baat, October 2022
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तत्रपुरा का बारो-ववलज 2.0 : सतत ववकास और
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जलवारु अनुकलन का एकीकरण
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प्या्यवरण को नुकियान न पिुँचयाने रिया िै। इिी तरि उन्नत पशुधन नसि
वयािी जीवनशैिी को बढ़यावया देने के सिए कया प्यावधयान, मधुमकखी पयािन और
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प्धयानमंत्री के आह्यान िे प्ेररत िो सत्रपुरया तयापमयान-िसिषण मशरूम की खेती को
के एक गयाँव ने एक अनूठी पिि की िै, बढ़यावया देने जिे घटक बदिते जिवया् ु
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बया्ो-सविेज 2.0, जो प्याककृसतक आपदयाओं के सिए बितर अनुकूिन िुसनसशचत कर
िे िोने वयािे नुकियान को कम करतया िै रिे िैं।
और ग्यामीणों को एक िसटेनेबि जीवन िमयारी दूरदश्यन टीम ने इि पिि के
जीने में मदद करतया िै। बयारे में असधक जयानने के सिए सत्रपुरया के
जियाँ एक बया्ो-सविेज मुख् रूप ि े दयािपयारया के सनवयासि्ों िे बयात की।
जसवक खेती को बढ़यावया देतया िै, विीं बया्ो- दयािपयारया गयाँव के िेफि दयाि किते के सिए चूज़े व बत्ख समिे। इि तरि की के बयाद मुझे िगतया िै सक मेरया जीवन
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सविेज 2.0 परर्ोजनया कया मुख् उद्श् िैं, “दो ियाि पििे ्ियाँ आ् कया कोई िुसवधयाओं िे मेरे पररवयार में शोधन क्षमतया बिुत आियान और असधक सवकसित िो
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ितत सवकयाि, जिवया्ु पररवत्यन शमन ज़रर्या निीं रया, िसकन िमें उममीद की आई िै।” ग्या िै, क्ोंसक मुझे गयाँव के बयािर िे गैि
और जिवया्ु अनुकूिन कया िमर्यन एक नई रोशनी समिी। इि इियाके में दयािपयारया में बया्ो-सविेज की सििेंडर खरीदने कया कोई तनयाव निीं िै।
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करनया िै। िौर ऊजया्य िे चिने वयािे सवद्यत चौंिठ पररवयारों को जैव प्ौद्योसगकी सवभयाग अवधयारणया के आगमन ने गयाँव को गयाँव में इि तरि की िसवधयाओं के सिए मैं
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और ककृसष उपकरण, बया्ोमयाि सटोव, िे कई िसवधयाएँ समिीं, जो िमयारे सिए आतमसनभ्यर बनया सद्या िै और ग्यामीणों के प्धयानमंत्री कया आभयार व्कत करती िूँ,”
बया्ोगि ि्ंत्र, जैव उव्यरक जिी िररत कयाफी फ़या्देमंद रिी िैं। िमें िोिर ियाइट जीवन और आजीसवकया को आियान बनया दयािपयारया गयाँव की िुरोबयािया दयाि ने किया।
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प्ौद्योसगसक्ों कया उप्ोग सरयानी् सतर और पमप, मशरूम सपॉन, खेती के सिए सद्या िै। इि परर्ोजनया िे िगभग 500 सत्रपुरया के बया्ो-सविेज 2.0 ने िोगों
पर जिवया्ु शमन कया िमर्यन कर पौधे और जैव उव्यरक और मुगजी पयािन पररवयारों को ियाभ िुआ िै। ियाभयासर्य्ों की की ज़रूरतों को पिचयानया िै और तदनुियार
मयासिक आ् में प्सत पररवयार प्सत मयाि ग्यामीण िमुदया् के सिए जीवन की
िगभग 5,500 रुप्े की वृसद् िुई िै। गयाँव गुणवत्या में िुधयार के अियावया उन ज़रूरतों
के सनवयािी, दीपयांकर दत्या किते िैं, ''मेरे को पूरया करने के सिए असभनव, जिवया्ु-
पयाि 12 िोिर पमप िैं। अब मैं खेती के अनुकूि िमयाधयान प्दयान सकए िैं।
सिए अपने तयाियाब के पयानी कया उप्ोग आकयाशवयाणी िमयाचयार िे बयात करते िुए
करने में िक्षम िूँ।” दीपयांकर ने बतया्या सत्रपुरया िरकयार के जैव प्ौद्योसगकी सवभयाग
सक गयाँव की मसिियाएँ भी अंडे बेचने जैिी के वररषठ वैज्यायासनक असधकयारी अंजन
आसर्यक रूप िे ियाभदया्क नौकरर्ों में िेनगुपतया ने किया, “प्धयानमंत्री ने अपने
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शयासमि िैं, जो पििे ऐिया निीं रया। ‘मन की बयात’ कया्क्म में बया्ो-सविेज
िौर सट्रीट ियाइटि और पमप जैिी की गसतसवसध्ों और इिकी उपिस्ध्ों
िुसवधयाओं के अियावया दयािपयारया बया्ो- पर ज़ोर सद्या। ्ि िमयारी टीम को इिके
सविेज ने खयानया पकयाने के सिए सवचछ ठोि और ितत सवकयाि की ओर कयाम
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ईंधन के सवकलप की ओर भी कदम करने के सिए और प्ोतियासित और प्ररत
बढ़या्या िै। “बया्ो गैि कनेकशन समिने करेगया।
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