Page 53 - Mann Ki Baat, October 2022
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 परावरण और सांस्तत एक साथ ववकनसत कर   परावरण सांरक्षण में तनमलनाडु की आददवासनी
 रह ह कना्यरक क सुरेश कमार  मट्हलाओां का रोगदान
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 प्धयानमंत्री  ने  अपने  ियासि्या  ‘मन   के  सकनयारे  मिोगनी,  जकरंदया,  त्बइ्या,   जिे-जिे  प्या्यवरण  के  अनुकूि   में  एक  सरयाई  आजीसवकया  प्दयान  करन  े
                                                                ैं
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 की  बयात’  में  देश  के  सवसभन्न  सिसिों  में   जयामुन, नीम आसद के अचछे बड़े पड़ देख   जीवन  जीने  के  मित्व  के  बयारे  में   पर  ध्यान  केंसद्रत  कर  रिे  ि,  सवशेष  रूप
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 प्या्यवरण िंरक्षण के सिए बढ़ते उतियाि   िकते  ि।”  िुंदरतया  और  ऐिे  वक्षों  िे   जयागरूकतया बढ़ रिी िै, िर कया््य क्षत्र के   िे  आसदवयािी  मसिियाओं  के  सिए  इन
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 के  बयारे  में  बतया्या।  उनिोंने  कनया्यटक  के   समिने वयािे अिंख् ियाभों के ियार-ियार,   िोग आगे आ रिे ि और प्या्यवरण िंरक्षण   मसिियाओं  को  ज्यायान-आधयाररत  रोज़गयार
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 बेंगिुरु में रिने वयािे िुरेश कुमयार कया   ्े  वृक्ष  ििकयारनगर  के  सनवयासि्ों  कया   को एक ियामसिक आंदोिन बनयाने के सिए   प्दयान सक्या जयातया िै। मैंने कई प्या्यवरण-
 उलिेख सक्या, जो सपछिे 20 वषषों िे शिर   गौरव भी बन गए ि। ैं  सकिी न सकिी तरि िे ्ोगदयान दे रिे ि।   िुरसक्षत उतपयाद सवकसित सकए ि और ्  े
                                                                   ैं
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 के ििकयारनगर के जंगि को सफर िे   िुरेश  कुमयार  को  सिफ्फ  प्या्यवरण   ऐिे िी िोगों कया एक िमि तसमिनयाडु के   िभी इन आसदवयािी मसिियाओं द्यारया सनसम्यत
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 जीवंत करने में अरक प््याि कर रिे िैं।  िंरक्षण कया शौक निीं िै। वे कन्नड़ भयाषया   को्मबटर सज़िे के अनयाइकट्ी के िुदूर   सकए गए ि।”
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 िमयारी दूरदश्यन टीम ने िुरेश कुमयार   और  िंसकसत  को  बढ़यावया  देने  के  सिए   गयाँव में रिने वयािी आसदवयािी मसिियाओं   श्री  िौंदररयाजन  ने  बतया्या,  “इन
 िे उनकी इि पिि के बयारे में और जयानने   भी  कयाम  कर  रिे  िैं।  िुरेश  कुमयार  ने   कया िै, जो सन्या्यत-गुणवत्या वयािे टेरयाकोटया   आसदवयािी  मसिियाओं  कया  कौशि,  तप,
 के सिए उनिे बयात की।  ििकयारनगर में एक बि शेलटर बनया्या   चया् के कप बनया रिी ि। ैं  दढ़तया  और  प्सतबद्तया  अद भुत  िै।  िमें
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 “मैं देवनिलिी में िरर्यािी के बीच   िै,  जो  कनया्यटक  के  मियान  कसव्ों  और   कतर िे समट्ी के प्यािों कया सन्या्यत ऑड्डर
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 पिया-बढ़या  िूँ।  जब  मैं  बेंगिुरु  आ्या,  तो   व्सकततवों और कन्नड़ सफलमों के पोसटरों   िमयारी दूरदश्यन टीम ने असधक जयानन
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 मुझे एिियाि िुआ सक ्ि एक कंक्ीट के   िे ििसजित िै। ख़ूबिूरती िे िजयाए गए   के सिए इि पिि के सितधयारकों के ियार   समिया रया, सजिके सिए इन मसिियाओं न  े
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 जंगि में बदि रिया िै। मैंने ििकयारनगर   इि  शेलटर  में  रयाज्  की  िंसकसत  और   बयातचीत की।  10,000  कप  बनयाए।  समट्ी  के  समश्रण  ि  े
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 में  पेड़  िगयाने  की  कोसशश  की,  िसकन   इसतियाि के बयारे में जयानकयारी समिती िै।   पिि के ियार कयाम करने वयािी एक   िेकर असतम पैकेसजंग तक, अनयाइकट्ी
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 सनवयासि्ों को केवि सवशेष तरि के पेड़   िुरेश कुमयार ने कन्नड़ में सिखी पीति   मसििया, एि. पंगोडी किती ि, “मैं द्यािेवया   गयाँव की आसदवयािी मसिियाओं ने इन समट्ी
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 चयासिए रे और सकिी ने भी प्सतसदन पौधों   की पिेट भी िैकड़ों िोगों को भेंट की।  िदन में कयाम कर रिी िँ। ्ि (समट्ी के   के कपों के सनमया्यण की पूरी सज़ममदयारी िी
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 को पयानी देने की परवयाि तक निीं की।”  िुरेश कुमयार इि बयात के एक अनूठे   प्यािे बनयानया) मेरे जिी 20 मसिियाओं की   िै और वे अपने कयाम पर गव्य करती ि।”
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 ियाियासक  िुरेश  कुमयार  कया  अपन  े  उदयािरण  िैं  सक  कैिे  प्या्यवरण  और   आमदनी कया ज़रर्या बन ग्या िै। इििे   “मैं इि बयात िे असभभूत िँ सक िमयार  े
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 आि-पयाि के कंक्ीट के जंगि को िरया-  िंसकसत एक ियार सवकसित िो िकती िैं   पििे मेरे पररवयार के सिए सिफ्फ मेरे पसत   कयाम पर प्धयानमत्री कया ध्यान ग्या। ्ि
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 भरया बनयाने कया जूनून इन कयारणों िे सडगया   और फि-फूि िकती िैं।  िी कमयाते रे। अब मैं अपने बच्ों को सकूि   तथ् सक उनिोंने ‘मन की बयात’ में इिके
 निीं। “मैंने रिवे ट्रक पर िररत आवरण   भेजने में िक्षम िूँ।”  बयारे में बयात की, िमें देशभर में इि तरि
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 बनयाने कया फैििया सक्या। मैं असधकयारर्ों   प्या्यवरण िंरक्षण के सिए िुरेश कुमयार   श्री रमन िौंदररयाजन, एक शोधकतया्य   की  और  परर्ोजनयाओं  को  आगे  बढ़यान  े
 के िि्ोग िे 2,000 िे असधक पौधे िगयान  े  के जुनून के बयारे में असधक जयानने के   और  वैज्यायासनक  2012  िे  आसदवयािी   और सवकसित करने के सिए उतियाि और
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 में  िक्षम  िुआ।  आज  आप  रिवे  ट्रक   सिए QR कोड को सकैन करें।
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        मसिियाओं  के  सिए  इि  केंद्र  को  चिया   दढ़ िंकलप िे भर देतया िै,” श्री िौंदररयाजन
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        रिे ि। “िम वत्यमयान में ग्यामीण इियाकों   ने किया।
 ििकयारनगर कया बि शेलटर
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