Page 56 - Mann Ki Baat, October 2022
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भी िै। जैव-सवसवधतया के ह्याि के ियार िम   वयादों की मयाँग करनया सवकयािशीि देशों कया
                                                                                                                                            ्य
                                                                                                        ू
                                                                                       भसवष् की आकष्यक पँजी को भी खोते जया   असधकयार िै। इिकया अर िचीियापन बनयाए
                                                                                           ैं
                                                                                       रिे ि; अरया्यत् ऐिी औषसध्याँ, जो आगे कभी   रखने के सिए सवकयािशीि देशों को प्सतवष्य
                                                                                                    ु
                                                                                       विद् आबयादी की बसन्यादी ़जरूरतों के सिए   100 सबसि्न अमेररकी डॉिि्य कया िि्ोग
                                                                                         ृ
                                                                                                    ें
                                                                                       उपि्ध  निीं  रिगी।  जिवया्ु  पररवत्यन   देनया।
                                                                                                        ु
                                                                                       के कयारण िम आज दसन्या में बबया्यदी कया   COP  में  मैं  इन  चीज़ों  को  देखने  की
                                                                                         ं
                                                                                       मज़र देख रिे ि। इिसिए दसन्या के सिए   उममीद  करतया  िँ।  सवकसित  देशों  को
                                                                                                                                        ू
                                                                                                   ैं
                                                                                                            ु
                                                                                                         कृ
                                                                                       िममें िे प्त्ेक को प्कसत के ियार िौियाद्य   सवकयािशीि देशों की जया्ज़ मयाँगों के प्सत
                                 एंटोसन्ो गुटेरेि                                      सरयासपत कर अपने ग्ि की सचंतया करते िुए   िसदचछया दशया्यनी चयासिए, परंतु इििे िमस्या
                                                                                       इि सवधवंि को रोकनया िोगया।
                                                                                                                                                ू
                                                                                                                          कया िमयाधयान निीं िो जयातया। मि िमस्या
                                ि्ुकत रयाषट्र मियािसचव                                     जिवया्ु के िंदभ्य में भयारत की इि   ्ि िै सक िमयारया उतिज्यन बढ़ रिया िै, सजि  े
                                  ं
                                                                                       सवरयाट परर्ोजनया (2030 तक 500 गीगयावयाॅट   िमें कम करनया िै और उिके सिए G20 के
        "जलवारु पट्रवतन से ननपरने में हम सबकी ह भनमका"                                 नवीकत  ऊजया्य  उतपयादन)  कया  ्ोगदयान   बीच एक िमझौतया िो। इंडोनसश्या, भयारत,
                                                              ै
                                                                 ू
                            ्य
                                                                                                                                               े
                                                                                            कृ
                                                                                                  ू
                                                                                                                    ू
                                                                                         े
                                                                                                                                                 ै
                                                                                       बिद  मित्वपण्य  िै।  मोढेरया  ससरत  ि्  ्य  ब्याज़ीि और दसक्षण अफ्ीकया जिे चयार बड़े
        प्धयानमंत्री नरेनद्र मोदी द्यारया 20 अकतूबर, 2022 को गुजरयात के केवसड़्या में ‘समशन LiFE’ (ियाइफ़सटयाइि
                                                                                         ं
                                                                ं
           फ़ॉर एनवया्रनमेंट) नयामक रयाषट्री् और वैसशवक पिि के उदघयाटन के अविर पर ि्ुकत रयाषट्र   मसदर  के  सनकटवतजी  गयाँव  की  मेरी  ्यात्रया   सवकयािशीि देश, एक के बयाद एक, G20 की
                                                                                                                                        ैं
                                                               ू
         मियािसचव श्री एंटोसन्ो गुटेरेि भी मौजूद रे। ्यात्रया के दौरयान उनिोंने भयारत के पििे ि््य ग्याम मोढेरया   सिंबॉसिक रिी। ्ि िरकयार द्यारया सक्या   अध्क्षतया कर रिे ि। ्िी िम् िै सक जब
                                                                                            ू
          कया भी दौरया सक्या रया। श्री गुटेरेि ने दूरदश्यन को सदए एक ियाक्षयातकयार में अपने अनुभव ियाझया सकए।  ग्या पँजी सनवेश मयात्र निीं िै; ऐिे प््यािों   सवकसित और सवकयािशीि देशों के बीच
                                                                                       िे ियामुदयास्क एकजुटतया को समिने वयािया   िमझौतया  िो।  िमझौतया  ऐिया  िो,  सजिमें
            िरकयारों और कमपसन्ों की अपनी   में  ्ुवयावग्य  के  शयासमि  न  रिने  िे  ऐिे   बढ़यावया बिद प्शिनी् िोतया िै। ऐिे गयाँव,   सवकसित  देशों  िे  उभरती  अरव्वसरया
                                                                                                                                                  ्य
                                                                                              े
                                                                                                   ं
                                                           ैं
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          ू
                  े
        भसमकया िै, िसकन िम में िे प्त्क को   सवकलप ियामने आते ि, सजनकया अिर मेर  े     जियाँ  के  प्त्ेक  घर  में  िौर  ऊजया्य  पैनि   वयािे  सवकयािशीि  देशों  को  सवत्ी्  और
                               कृ
        ्ि िमझनया चयासिए सक िमें प्कसत के ियार   बजया् उनके जीवन पर किीं दीघ्यकयासिक   िगे ि, वे सवचछ ऊजया्य और पररवयारों तरया   तकनीकी  िियाधन  बड़ी  िंख्या  में  प्दयान
                                                                                                                                   ं
                                                                                            ैं
        िौियाद्य बनयाने, अपने कयाब्यन फुटसप्टि को   तौर पर पड़तया िै। ि्ुकत रयाषट्र में िम इि   ियामुदयास्क सित के बीच िेतु ियासबत िोत  े  सकए जयाएँ और दोनों ओर िे उतिज्यन कम
                                                         ं
                                 ं
        कम  करने  और  एक  ऐिी  जीवन  शिी   िमबनध में िुधयार कर रिे ि, परंतु प्त्ेक     ि।  इि  तरि  सकूि  कुशितया  िे  कया्  ्य  करने के असतररकत प््याि िों। प्धयानमत्री
                                                               ैं
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        अपनयाने  की  आवश्कतया  िै,  जो  िमयाज   देश के सतर पर कुछ िंसरयागत तंत्र बनयान  े  करते ि, असधक पिया कमयाने वयािे िोग   नरनद्र मोदी के ियार मेरी इिी सवष् पर
                                                                                             ैं
                                                                                                                            े
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                           ु
        और अरव्वसरया के अनियार िंधयारणी्   की आवश्कतया िै तयासक सनण्य् िेने और         अपनी कयाम की वसतओं पर व्् ्या बचत   बयातचीत िुई।
               ्य
                                                                                                       ु
        तौर  पर  अनुकूि  िो।  इि  कया््य  में  िम   भसवष् की नीसत्याँ बनयाने की प्णयािी में   पर ध्यान देते ि। ैं
        िबकी भसमकया िै और प्धयानमत्री नरनद्र   ्ुवयाओं को आवयाज़ दी जया िके।               िमयावसशतया  और  एकजुटतया  दशया्यन  े  UNSG ने जलिायु पररित्तन क िारे म  ें
                                    े
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        मोदी के द्यारया समशन LiFE की इि पिि   मौजूदया िम् में िमयारया ग्ि सजतनया       वयािी ्ि अियाधयारण परर्ोजनया, ि्ुकत   और क्ा कहा, यह सुनने क मलए QR
                                                                                                                  ं
                                                                                                                                         े
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        िे दसन्या भर के नयागररक अपनी भसमकया   उतपयादन कर पयातया िै, िमयारी खपत उिि  े  रयाषट्र  द्यारया  गरीबी  उनमूिन,  िबके  सिए,   कोड स्न करें।
                                  ू
                                                                                                                               कै
        िमझ िकेंगे।                        किीं असधक िै। िम िर ियाि 1.6 ग्िों के       िब ओर बितर जीवनशिी के िसटेनेबि
                                                                                                         ै
                                                                                               े
            ्ुवया  जयानते  ि  सक  व्सक  िोंगे  तो   बरयाबर िियाधनों कया उप्ोग कर रिे ि, जो   डेविपमेंट  गोलि  (एिडीजी)  के  एजेंडया
                      ैं
                                                  ं
                                                                      ैं
        इि िम् िमयारे द्यारया न सकए जयाने वयािे   िसटेनेबि निीं िै। िमें अपने व्वियार पर,   2030 की तज्य पर िै। जिवया्ु पररवत्यन की
                                                      ैं
        कया्षों के पररणयाम वे भुगतेंगे। इिसिए ्ि   िम क्या खयाते ि, पुनच्यक्ण और वसतओं को   चुनौती को पछयाड़ने के सिए ्ि जिवया्  ु
                                                                    ु
          ु
        िसनसशचत  करनया  उनकया  मौसिक  सनसित   बबया्यद न करने पर सवचयार करनया िोगया। िमें   कयारवयाई में बिद प्यािंसगक ्ोगदयान िै। ्ि
                                                                                           ्य
                                                                                                 े
            ्य
        सवयार भी िै सक प्या्यवरण कया िममयान िो,   िमझनया िोगया सक िसटेनेबि िमयाज के    ियामुदयास्क एकजुटतया और िमनव्तया के
        जिवया्ु  पररवत्यन  िे  सनपटया  जयाए,  और   सिए व्सकतक तौर पर प्त्ेक व्सकत के   तौर पर सवशव के सिए िबक की तरि भी
                                                ै
                                               े
        दसन्या में जैव सवसवधतया कया िंरक्षण सक्या   सज़ममदयार व्वियार के सबनया िरकयारें अपन  े  िै।
         ु
        जयाए। िमयारे िभी िमयाजों में, ्ुवयावग्य की   दम पर प्दूषण कम करने कया कयाम निीं    इि  िम्  दो  आवश्कतयाएँ  िबि  े
        ििभयासगतया  बिद  ़जरूरी  िै  और  सवसभन्न   कर िकतीं। ्याद रखनया िोगया सक प्दूषण   असधक  ि।  पििी,  सवकसित  देशों  को
                  े
                                                                                               ैं
                                                                        ैं
        कया्षों के सिए ्ुवयाओं िे परयामश्य करने की   िे प्सतवष्य ित्र ियाख िोग मयारे जयाते ि।   िमझनया  िोगया  सक  पेररि  (COP21  कया
        व्वसरया िै, परंतु फैििया िेने की प्सक््या   इिसिए प्दूषण बुरया िी निीं, वि ित्यारया   पेररि  जिवया्ु  िमझौतया)  में  सकए  गए
                                       52                                                                              53
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