Page 6 - Mann Ki Baat, October 2022
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                             ैं
                                                                                                ं
                                                                                                               े
        िोती िै। आजकि िम देखते ि, सवदेशों िे भी   सकियान ि – कमिजी मीणया। कमिजी ने खेत     प्धयानमत्री :- सवसपन भयाई नमसत!   दसखए,   जनरि उनकी खुद की इचछया री। उनिोंने मुझ  े
                                                                                                                  े
        छठ पूजया की सकतनी भव् तसवीरें आती ि, ्यानी   में िोिर पमप िगया्या, सजििे उनकी ियागत   अब तो मोढेरया पूरे देश के सिए एक मॉडि के   बड़या  आग्ि  सक्या  सक  भई  इतनया  बड़या  कयाम
                                  ैं
                                                                                                          े
                                                                                                                                                   ू
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                                   ु
        भयारत की िमद् सवरयाित, िमयारी आसरया, दसन्या   कम िो गई िै। ियागत कम िुई तो आमदनी भी   रूप में चचया्य में आ ग्या िै, िसकन जब आपको   सक्या िै तो मैं वियाँ जयाके देखनया चयाितया िँ। चसिए
        के कोने-कोने में अपनी पिचयान बढ़या रिी िै। इि   बढ़ गई। कमिजी िोियार सबजिी िे दिरे कई   अपने  ररशतदयार,  पररसचत  िब  बयातें  पूछते  िोंग  े  सवसपन भयाई आपको और आपके गयाँव के िब
                                                                                               े
                                                                    ू
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                                                                                                             ैं
        मियापव्य में शयासमि िोने वयािे िर आसरयावयान को   छोटे उद्योगों को भी जोड़ रिे ि। उनके इियाके   तो आप उनको क्या-क्या बतयाते ि, क्या फया्दया   िोगों को मेरे तरफ़ िे बिुत-बिुत शुभकयामनयाए  ँ
                                                                                                                                         े
        मेरी तरफ़ िे बिुत-बिुत शुभकयामनयाएँ।  में िकड़ी कया कयाम िै, गया् के गोबर िे बनन  े  िुआ?                           और दसन्या आप िे प्रणया िे और ्े िोिर
                                                                                                                               ु
                                           वयािे  उतपयाद  ि,  इनमें  भी  िोिर  सबजिी  कया   सवसपन :- िर, िोग िमयारे को पूछते ि तो   एनजजी कया असभ्यान घर-घर चिे।
                                                                                                                   ैं
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            मेरे  प्यारे  देशवयासि्ो,  अभी  िमने   इसतमयाि िो रिया िै, वो, 10-12 िोगों को रो़जगयार   िम किते ि सक िमें जो सबि आतया रया, ियाइट   सवसपन :-  ठीक िै िर। वो िम िब िोगों
                                                                                               ैं
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        पसवत्र छठ पूजया की बयात की, भगवयान ि््य की   भी दे रिे ि, ्यानी कुिुम ्ोजनया िे कमिजी न  े  सबि, वो अभी जीरो आ रिया िै और कभी 70   को बतयाएँगे िर सक भई िोिर िगवयाओ, अपन  े
                                                  ैं
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        उपयािनया की बयात की, तो क्ों न ि््य उपयािनया   जो शुरुआत की, उिकी मिक सकतने िी िोगों   रुप्े आतया िै, िसकन िमयारे पूरे गयाँव में जो   पिे िे भी िगवयाओ, तो बिुत फया्दया िै।
                                                                                                                           ै
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        के ियार-ियार आज िम उनके वरदयान की भी   तक पिँचने िगी िै।                       आसर्यक पररससरसत िै, वो िुधर रिी िै।    प्धयानमत्री  :-  ियाँ  िोगों  को  िमझयाइए।
                                                                                                                                   ं
        चचया्य  करें।  ि््य  देव  कया  ्े  वरदयान  िै–  ‘िौर   ियासर्ो,  क्या  आप  कभी  कलपनया  कर   प्धयानमत्री :- ्यानी एक प्कयार िे पििे जो   चसिए बिुत-बिुत शुभकयामनयाएँ। धन्वयाद भ्या।
                                                                                                                                                      ै
                                                                                                ं
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        ऊजया्य’। िोिर एनजजी आज एक ऐिया सवष्   िकते ि सक आप मिीने भर सबजिी कया उप्ोग    सबजिी सबि की सचंतया री, वो खतम िो गई।  सवसपन :- रक ्ू िर, रक ्ू िर, मेरया
        िै, सजिमें पूरी दुसन्या अपनया भसवष् देख रिी   करें और आपकया सबजिी सबि आने के बजया्,   सवसपन :- ियाँ िर, वो तो बयात ििी िै िर।   जीवन धन् िो ग्या आपिे बयात करके।
                                                                                                                                   ं
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        िै और भयारत के सिए तो ि््य देव िसद्ों िे   आपको सबजिी के पिे समि? िौर ऊजया्य ने ्  े  अभी तो कोई टेंशन निीं िै पूरे गयाँव में। िब   प्धयानमत्री  :-  सवसपन  भयाई  कया  बिुत-बिुत
        उपयािनया िी निीं, जीवन पद्सत के भी केंद्र में रि   भी कर सदखया्या िै। आपने कुछ सदन पििे देश   िोगों को िग रिया िै सक िर ने जो सक्या तो वो   धन्वयाद।
        रिे िैं। भयारत, आज अपने पयारमपररक अनुभवों   के पििे ि््य ग्याम – गुजरयात के मोढेरया की खूब   तो बिुत अचछया सक्या। वो खुश ि िर। आनसदत   आइए अब मोढेरया गयाँव में वषया्य बिन िे भी
                                                  ू
                                                                                                            ैं
                                                                                                                   ं
        को आधुसनक सवज्यायान िे जोड़ रिया िै, तभी आज   चचया्य िुनी िोगी। मोढेरया ि््य ग्याम के ज्यादयातर   िो रिे ि िब।     बयात करेंगे।
                                                                                            ैं
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                                                                        ैं
                                                                                                ं
        िम िौर ऊजया्य िे सबजिी बनयाने वयािे िबिे   घर, िोिर पयावर िे सबजिी पैदया करने िगे ि।   प्धयानमत्री :- अब अपने घर में िी खुद िी   वषया्य बेन :- ििो नमसत िर !
                                                                                                                                            े
        बड़े देशों में शयासमि िो गए िैं। िौर ऊजया्य िे   अब वियाँ के कई घरों में मिीने के आसखर में   सबजिी कया कयारखयानया के मयासिक बन गए। खुद   प्धयानमत्री  :-  नमसत-नमसत  वषया्यबेन।
                                                                                                                                   ं
                                                                                                                                                 े
                                                                                                                                            े
        कैिे िमयारे देश के गरीब और मध्म वग्य के   सबजिी कया सबि निीं आ रिया, बसलक सबजिी ि  े  कया अपनया घर के छत पर सबजिी बन रिी िै।  कैिी ि आप?
                                                                                                                               ैं
                                                                                                                                                 ैं
        जीवन में बदियाव आ रिया िै, वो भी अध््न   कमयाई कया चेक आ रिया िै। ्े िोतया देख, अब देश   सवसपन :- ियाँ िर, ििी िै िर।  वषया्य बेन :- िम बिुत अचछे ि िर। आप
                                                                                                ं
                                                                                                                              ैं
        कया सवष् िै।                       के बिुत िे गयाँवों के िोग मुझे सचसठि्याँ सिखकर   प्धयानमत्री :- तो क्या ्े बदियाव जो आ्या िै,   कैिे ि ?
                                                                                                                                   ं
                                                 ैं
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            तसमिनयाडु में कयांचीपुरम में एक सकियान   कि रिे ि सक उनके गयाँव को भी ि््य ग्याम में   उिकी गयाँव के िोगों पे क्या अिर िै ?  प्धयानमत्री :- मैं बिुत ठीक िँ। ू
        ि,  सररु  के.  एसजिन।  इनिोंने  ‘पी.एम  कुिुम   बदिया जयाए, ्यानी वो सदन दूर निीं, जब भयारत में   सवसपन :- िर वो पूरे गयाँव के िोग, वो खेती   वषया्य बेन :- िम धन् िो गए िर आपिे बयात
         ैं
        ्ोजनया’ कया ियाभ सि्या और अपने खेत में दि   ि््यग्यामों कया सनमया्यण बिुत बड़या जन-आंदोिन   कर रिे ि, तो सफर िमयारे को सबजिी की जो   करके।
                                                                                              ैं
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        ियाि्य पयावर कया िोिर पमप िेट िगवया्या। अब   बनेगया  और  इिकी  शुरुआत  मोढेरया  गयाँव  के   झंझट रया तो उिमें मसकत िो गई िै। सबजिी कया   प्धयानमत्री :- अचछया वषया्यबेन।
                                                                                                                                   ं
                                                                                                     ु
                                                                                                                ैं
                                                                                                         ं
           ें
        उनि अपने खेत के सिए सबजिी पर कुछ खच्य   िोग कर िी चुके ि। ैं                   सबि तो भरनया निीं िै, सनसशचत िो गए ि िर।  वषया्य बेन :- ियाँ।
                                                                                                                                   ं
        निीं करनया िोतया िै। खेत में सिंचयाई के सिए अब   आइए, ‘मन की बयात’ के श्रोतयाओं को भी   प्धयानमत्री :- मतिब, सबजिी कया सबि भी   प्धयानमत्री :- आप मोढेरया में, आप तो एक
                                                                                                ं
                                                                                               ु
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        वो िरकयार की सबजिी िपियाई पर सनभ्यर भी   मोढेरया के िोगों िे समिवयाते ि। िमयारे ियार इि   ग्या और िसवधया बढ़ गई।   तो फौजी पररवयार िे ि। ैं
            ैं
                                                                                                                                                   ू
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               ै
        निीं ि। विे िी रयाजसरयान के भरतपुर में ‘पी.  िम् फोन ियाइन पर जुड़े ि श्रीमयान सवसपन भयाई   सवसपन  :-  झंझट  िी  ग्या  िर  और  िर   वषया्य बेन :- मैं फौजी पररवयार िे िँ। आमजी
        एम.  कुिुम  ्ोजनया’  के  एक  और  ियाभयारजी   पटेि।                             जब आप ्ियाँ आए रे और वो 3D शो, जो ्िया  ँ  एकि-मैन की वयाइफ बोि रिी िूँ िर।
                                                                                       उदघयाटन सक्या तो इिके बयाद तो मोढेरया गयाँव   प्धयानमत्री :- तो पििे सिंदुसतयान में कियाँ-
                                                                                                                                   ं
                                                                                                                    े
                                                                                                      ैं
                                                                                       में चयार चयाँद िग गए ि िर और वो जो िेक्ट्री   कियाँ जयाने कया मौकया समिया आपको?
                            सौर ऊरा                  जा                                आए रे िर...                            वषया्य बेन :- मुझे रयाजसरयान में समिया, गयाँधी
                                                                                                ं
                                                                                                                                             ू
                                                                                           प्धयानमत्री :- जी जी...        नगर में समिया, कटरया जमम िै, वियाँ पर समिया
                                                                                                                                                ु
                        प्रज्वनलि करिरी भारि का भक्वष्य                                    सवसपन :- तो वो गयाँव फेमि िो ग्या िर।  मौकया, ियार में रिने कया। बिुत िसवधया वियाँ पर
                                                                                                                    े
                                                                                                ं
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                                        2 2 2                                                                          3 3
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