Page 8 - Mann Ki Baat, October 2022
P. 8

ं
            प्धयानमत्री :- ियाँ, ्े फौज में िोने के कयारण   प्धयानमत्री :-  और गयाँव के बयाकी िोग भी
                 ं
                                               ैं
        आप सिंदी भी बसढ़्या बोि रिी िो।     खुश ि इिके कयारण?
                                                                 ैं
            वषया्य बेन :- ियाँ-ियाँ, िीखया िै िर, ियाँ।  वषया्य बेन :-  बिुत-बिुत खुश ि िर।
            प्धयानमत्री :- मुझे बतयाइए मोढेरया में जो   प्धयानमत्री :– अचछया ्े आपके पसतदेव तो
                                                   ं
                 ं
                                               ू
                                                               ैं
                                                  ं
        इतनया बड़या पररवत्यन आ्या, ्े िोिर रूफटॉउन   वियाँ ि््य मसदर में कयाम करते ि? तो वियाँ जो वो
           ं
        पियाट आपने िगवया सद्या। जो शुरू में िोग कि   ियाइट शो िुआ, इतनया बड़या इवेंट िुआ और अभी
                                                     े
                                            ु
        रिे िोंगे, तब तो आपको मन में आ्या िोगया, ्  े  दसन्याभर के मिमयान आ रिे ि। ैं
                                                       ु
        क्या मतिब िै? क्या कर रिे ि? क्या िोगया? ऐि  े  वषया्य बेन :– दसन्याभर के फोन्यर आ िकत  े
                            ैं
        रोड़ी सबजिी आती िै? ्े िब बयातें ि सक आपके   ि, पर आपने वलड्ड में प्सिद् कर सद्या िै िमयार  े
                                            ैं
                               ैं
        मन में आई िोंगी। अब क्या अनुभव आ रिया िै?   गयाँव को।
                                                   ं
        इिकया फया्दया क्या िुआ िै?            प्धयानमत्री  :–  तो  आपके  पसत  को  अब
                                                              े
            वषया्य बेन :-  बिुत िर, फया्दया तो फया्दया िी   कयाम बढ़ ग्या िोगया। इतने मिमयान वियाँ मसदर
                                                                       ं
        फया्दया िुआ िै िर। िर िमयारे गयाँव में तो रोज   में देखने के सिए आ रिे ि। ैं   आती िै और िम बिुत खुश ि। ैं        प्ियाद तो सजतनया सवसतयार िो, उतनया िी अचछया िोतया
        दीवयािी मनयाई जयाती िै आपकी वजि िे। चौबीि     वषया्य बेन :- अरे! कोई बयात निीं, सजतनया भी   प्धयानमत्री :– चसिए! मेरी आपको बिुत   िै। इिसिए मेरी आप िबिे प्यारनया िै, आप भी
                                                                                                                                               ्य
                                                                                                ं
                                                                                                                                     ू
                                                                                                            ैं
                                                                                                 ैं
                                                                                                      ै
        घंटे िमें सबजिी समि रिी िै, सबि तो आतया िी   कयाम बढ़े िर, कोई बयात निीं, इिकी िमें कोई   शुभकयामनयाएँ ि। जो पिे बचे ि, इिकया बच्ों   इिमें जुड़ें और दिरों को भी जोड़। ें
                                                                                                                    ै
        निीं िै सबिकुि। िमयारे घर में िमने इिसकट्रक   सदककत निीं ि िमयारे पसत को, बि आप सवकयाि   की भियाई के सिए उप्ोग कीसजए। उन पिों
                                                    ैं
                                  े
        िब चीज़ घर में िया रखी ि िर, िब चीज़ ्ूज़   करते जयाओ िमयारे गयाँव कया।        कया उप्ोग अचछया िो तयासक आपकया जीवन को   मेरे प्यारे देशवयासि्ो, अभी मैं आपि  े
                          ैं
              ें
                                   ें
                                                   ं
               ैं
        कर रिे ि – आपकी वजि िे िर, सबि आतया   प्धयानमत्री :– अब गयाँव कया सवकयाि तो िम   फया्दया िो। मेरी आपको बिुत शुभकयामनयाएँ ि  ैं  िूरज की बयातें कर रिया रया। अब मेरया ध्यान सपेि
        िी निीं िै, तो िम फ्ी मयाइंड िे िब ्ूज़ कर     िबको समिकर के करनया िै।         और िब मोढेरया वयािों को मेरया नमसकयार!  की तरफ जया रिया िै। वो इिसिए, क्ोंसक िमयारया
        िकते ि न!                             वषया्य बेन :-  ियाँ, ियाँ। िर िम आपके ियार ि। ैं  ियासर्ो,  वषया्यबेन  और  सवसपन  भयाई  ने  जो   देश, िोिर िेकटर के ियार िी सपेि िेकटर में
              ैं
                                                                                                                                             ु
            प्धयानमत्री :-  ्े बयात ििी िै, आपने सबजिी   प्धयानमत्री :– और मैं तो मोढेरया के िोगों   बतया्या  िै,  वो  पूरे  देश  के  सिए,  गयाँवों-शिरों  के   भी कमयाि कर रिया िै। पूरी दसन्या, आज भयारत
                 ं
                                                   ं
                                                                                               े
        कया असधकतम उप्ोग करने के सिए भी मन   कया  असभनंदन  करूगया,  क्ोंसक  गयाँव  ने  इि   सिए एक प्रणया िै। मोढेरया कया ्े अनुभव पूरे देश   की उपिस्ध्याँ देखकर िैरयान िै। इिसिए मैंन  े
                                                        ूँ
                                                                                                          ू
        बनया सि्या िै।                     ्ोजनया को सवीकयार सक्या और उनको सवशवयाि     में दोिरया्या जया िकतया िै। ि््य की शसकत, अब   िोचया, ‘मन की बयात’ के श्रोतयाओं को ्े बतयाकर
            वषया्य बेन :-  बनया सि्या िर, बनया सि्या।   िो ग्या सक ियाँ िम अपने घर में सबजिी बनया   पिे भी बचयाएगी और आ् भी बढ़याएगी। जमम- ू  मैं उनकी भी खुशी बढ़याऊ। ूँ
                                                                                        ै
                                                                                                               ैं
        अभी िमें कोई सदककत िी निीं िै. िम फ्ी मयाइंड   िकते ि। ैं                      कशमीर के श्रीनगर िे एक ियारी ि – मंजूर   ियासर्ो, अब िे कुछ सदन पििे आपन  े
        िे, िब ्े जो वयासशंग मशीन िै, एिी िै, िब चिया   वषया्य बेन -: 24 घंटे िर! िमयारे घर में सबजिी   अिमद िईवयाि। कशमीर में िसद्य्ों के कयारण   देखया  िोगया  भयारत  ने  एक  ियार  36  िेटेियाइट
        िकते ि िर।                                                                     सबजिी  कया  खच्य  कयाफी  िोतया  िै।  इिी  कयारण,   को  अंतररक्ष  में  सरयासपत  सक्या  िै।  दीवयािी  ि  े
              ैं
                                                                                       मंजूरजी कया सबजिी कया सबि भी 4 िजयार रुप्  े  ठीक  एक  सदन  पििे  समिी  ्े  िफितया  एक
                                                                                                      े
                                                                                       िे ़ज्यादया आतया रया, िसकन, जबिे मंजूरजी न  े  प्कयार िे ्े िमयारे ्ुवयाओं की तरफ िे देश को
                                                                                       अपने घर पर िोिर रूफ़टॉप पियाट िगवया्या िै,   एक सपशि दीवयािी सगफट िै। इि िॉसनचग ि  े
                                                                                                             ं
                                                                                                                               े
                                                                                                                                                     ं
                                                                                       उनकया खच्य आधे िे भी कम िो ग्या िै। ऐिे िी,   कशमीर िे कन्याकुमयारी और कचछ िे कोसिमया
                                                                                                                                             े
                                                                                       ओडीशया की एक बेटी कुन्नी देउरी, िौर ऊजया्य को   तक, पूरे देश में सडसजटि कनसकटसवटी को और
                                                                                       अपने ियार-ियार दिरी मसिियाओं के रोज़गयार   मजबूती  समिेगी।  इिकी  मदद  िे  बिद  दूर-
                                                                                                                                                   े
                                                                                                    ू
                                                                                       कया  मयाध्म  बनया  रिी  ि।  कुन्नी,  ओडीशया  के   दरयाज के इियाके भी देश के बयाकी सिसिों िे और
                                                                                                        ैं
                                                                                                                   ैं
                                                                                           ु
                                                                                       केनदझर सजिे के करदयापयाि गयाँव में रिती ि। वो   आियानी िे जुड़ जयाएँगे। देश जब आतमसनभ्यर
                                                                                       आसदवयािी मसिियाओं को िोिर िे चिने वयािी   िोतया िै, तो कैिे िफितया की नई ऊचयाई पर
                                                                                                                                                   ूँ
                                                                                       रीसिंग मशीन पर सिलक की कतयाई की ट्रेसनंग   पिँचतया  जयातया  िै,  ्े  इिकया  भी  एक  उदयािरण
                                                                                                                            ु
                                                                                       देती ि। िोिर मशीन के कयारण इन आसदवयािी   िै। आपिे बयात करते िुए मुझे वो पुरयानया िम्
                                                                                           ैं
                                                                                       मसिियाओं पर सबजिी के सबि कया बोझ निीं पड़तया   भी ्याद आ रिया िै, जब भयारत को क्या्ोजसनक
                                                                                                                  ू
                                                                                       और उनकी आमदनी िो रिी िै। ्िी तो ि््य देव   रॉकेट टेक्ोिॉजी देने िे मनया कर सद्या ग्या
                                                                                       की िौर ऊजया्य कया वरदयान िी तो िै। वरदयान और   रया,  िसकन  भयारत  के  वैज्यायासनकों  ने  नया  सिफ  ्फ
                                                                                                                              े
                                        4 4                                                                            5 5
   3   4   5   6   7   8   9   10   11   12   13