Page 65 - Mann Ki Baat, October 2022
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भगवयान सबरिया मुंडया समयारक उद्ययान एवं
 जनजातनीर स्वतत्रता सेनाननी सांग्हालर     सवतंत्रतया िेनयानी िंग्ियाि् कया उदघयाटन
 ां
        भी  सक्या  रया।  उदघयाटन  के  अविर  पर
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 गौरिशाली जनजातीय इवतहास और संस्वत का उत्सि  उनिोंने किया, “सवतंत्रतया के अमृत कयाि में
        देश ने िंकलप सक्या िै सक वि भयारत की
        जनजयाती्  परमपरयाओं  और  उनिे  जुड़ी
                                ्य
        शौ््य  गयारयाओं  को  असधक  ियारक  और
 मेरे प्यारे देशवयासि्ो, 15 नवमबर   भयारत अपनी सवतंत्रतया के 75 वष्य और   सवरयाट  पिचयान  सदियाएगया।”  िंग्ियाि्
 कृ
 को  िमयारे  देश  में  जनजयाती्  गौरव   अपने िोगों, िंसकसत और उपिस्ध्ों के   में  सिद्धू-कयानिू,  पोटो  िो,  तेिंगया  खसड़्या,
 सदवि मनया्या जयाएगया। गत वष्य भगवयान   गौरवशयािी इसतियाि के जश्न में ‘आ़जयादी   ग्या  मुंडया,  जत्रया  तयानया  भगत  और  सदवया-
 सबरिया मुंडया के जनमसदवि के अविर   कया अमृत मिोतिव’ मनया रिया िै। भयारत   सकिुन  जैिे  अनेक  जनजयाती्  नया्कों
 पर मुझे रयाँची के भगवयान सबरिया मुंडया   औपसनवेसशक  शयािन  के  सखिया़फ  िंघष्य   की प्सतमयाएँ और उनिे जुड़ी गयारयाओं को
 िग्ियाि्  कया  उद ्घयाटन  करने  कया   परयाक्म,  बियादुरी,  सनषठया  और  बसिदयान   िसवसतयार बतया्या ग्या िै।
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 अविर समिया। मेरया ्ुवयाओं िे अनुरोध   िे जुड़ी सवसवधरूपी कियासन्ों िे भरया-पूरया   इि  सदशया  में  रयाँची  कया  जनजयाती्
 िै सक उनिें जब भी मौकया समिे, वे इि   सदखयाई देतया िै, जो उपमियाद्ीप के चपपे-चपपे   सवतंत्रतया  िेनयानी  िंग्ियाि्  केवि
 िग्ियाि् को ज़रूर देखें।  में  फैिी  िैं।  अगर  िम  अपने  सवतंत्रतया   एक  शुरुआत  भर  रया।  जनजयाती्
 ं
 -प्धयानमंत्री नरेनद्र मोदी   िंग्याम के दौर को देखें, तो शया्द िी कोई   कया््य  मंत्रयाि्  ऐिे  10  अन्  िंग्ियाि्ों
 (‘मन की बयात’ के िमबोधन में )  ऐिया क्षण रया, जब देश के सवसभन्न सिसिों   (गुजरयात, आंध्र प्देश, छत्ीिगढ़, केरि,
 में  जनजयाती्  प्सतरोध  न  िुआ  िो।  वि   मध् प्देश, तेिंगयानया, मसणपुर, समज़ोरम
 सबरिया मुंडया के नेतृतव में मुंडया आंदोिन   और गोवया में) कया सवकयाि कर रिया िै, जो   असधकयार  के  ियामंती  एवं  उप-ियामंती
 िो, ्या िरयाि सवद्रोि, पूववोत्र में खयािी और   भयारत के सवतंत्रतया िंग्याम में जनजयाती्   तौर-तरीकों  के  सखियाफ़  रया।  सब्सटश
 ं
 अिोम सवरोध िों ्या भीि िंघष्य, भयारत के   िोगों  के ्ोगदयान  को िमसप्यत िोंगे।  ्े   औपसनवेसशक तंत्र के सखियाफ़ सबरिया मुंडया
 जनजयाती् िमयाज के बेटे और बेसट्ों ने   िंग्ियाि् पियाड़ों तरया वनों में रिने वयािे   ने बेिद बियादुरी िे िड़याई िड़ी और सब्सटश
 प्त्क िम् सब्सटश शयािन को चुनौती दी   जनजयाती्  िोगों  द्यारया  अपने  अनुियार   शोषण  के  सखियाफ़  ‘उिगुियान’  (क्यांसत)
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 री।    जीवन  जीने  के  असधकयार  के  िंघष्य   कया  आह्यान  सक्या  रया।  अकिर  ‘धरती
 ‘अमृत मिोतिव’ के जयारी आ्ोजन   इसतियाि को दशया्यएँगे। इनमें पीढ़ी-दर-पीढ़ी   आबया’ नयाम िे जयाने जयाने वयािे सबरिया मुंडया
 में इसतियाि की ऐिी कई घटनयाएँ ियामने   चिे आ रिे गीतों, िंगीत, किया-कौशि,   भयारत के जनजयाती् िमयाज के अससततव
 “कोई भी सनषपक्ष व्सकत आियानी ि  े  आई िैं, सजनिें सपछिे दशकों में भुिया सद्या   िरकरघया और कयारीगरी को भी दशया्य्या   को िमयापत करने वयािे सवचयार के सखिया़फ
 देख िकतया िै सक जब भी प्धयानमत्री   ग्या रया। मौजूदया िरकयार ऐिे िी अज्यायात   जयाएगया। मौजूदया दौर में जनजयाती् िोग   रे। वि जयानते रे सक आधुसनकतया के नयाम
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 देश  के  मयामिों  के  प्बंधन  के   सकि तरि देश की जैव और ियांसककृसतक   पर प्याचीन पिचयान और प्ककृसत िे छेड़छयाड़
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 िमबनध  में  अपने  मि  दसषटकोण   नया्कों की गयारयाओं को पुनजजीसवत करने   सवसवधतया  के  िंरक्षक  की  भूसमकया  में   िमयाज  कल्याण  कया  ििी  तरीकया  निीं
 ‘िबकया  ियार  िबकया  सवकयाि’  की   कया प््याि कर रिी िै, सजनके बसिदयानों िे   कया््यरत  िैं  और  कैिे  वे  अपने  अनूठे   रया।  इिीसिए  उनिोंने  जनजयाती्  िोगों
 चचया्य करते िैं तो इि िमग् ्ोजनया   सवतंत्रतया कया िपनया ियाकयार िुआ।  तरीकों िे रयाषट्र-सनमया्यण में िि्ोग दे रिे   िे उनकी जड़ों और एकतया के मित्व को
 में जनजयासत्याँ एक मित्वपण्य सिसिया   ऐिी  कियासन्ों  को  ियामने  ियाने  के   िैं, ्े भी िंग्ियाि्ों में सदखया्या जयाएगया।  िमझने पर ़जोर सद्या रया।
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 रिती िैं।”  सवचयार के ियार िरकयार ने 2021 में सबरिया   जनजयाती् कबीिों कया प्मुख िंघष्य   सबरिया  मुंडया  ने  जो  शुरू  सक्या  रया,
 मुंडया की 146वीं ज्ंती के अविर पर 15
 - प्ो. रघुवेंद्र तंवर  नवमबर को ‘जनजयाती् गौरव सदवि’ के   उनकी भूसम पर सकए जयाने वयािे असधग्िण,   उिके पररणयामसवरूप जनजयाती् िमयाज
 अध्क्ष, भयारती् ऐसतियासिक   उनिें  ज़मीन  िे  बेदखि  करने,  कयानूनी   के भू-असधकयारों के िंरक्षण िेतु कयानूनों
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 अनिंधयान पररषद  रूप में मनयाने की घोषणया की। इि अविर   एवं ियामयासजक असधकयारों एवं रीसत्ों के   की  नींव  पड़ी।  1908  में  उपसनवेशवयादी
 पर  प्धयानमंत्री  ने  झयारखंड  के  रयाँची  में   सविोपन, सकरया्या वृसद्, और मयासिकयानया   िरकयार  ने  छोटयानयागपुर  टेनेंिी  कयानून
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