Page 70 - Mann Ki Baat, October 2022
P. 70

मत्रयाि्  के  सिए  21,000  करोड़  रुपए   आंदोिन  के  रूप  में  प्चयाररत  सक्या
                                                                                         ं
                                                         े
             'सबका साथ, सबका क्वकास' क साथ सहरी
                                                                                       कया बजट आवसटत रया, िसकन आज ्ि      ग्या  और  जयानबूझकर  क्यांसतकयारर्ों,
                                                                                                  ं
                                                                                                          े
                 मायने में रनरािरीय सशततिकरण                                           78,000 करोड़ रुपए िे असधक िै।       आसदवयासि्ों और ियासश्े पर पड़े िोगों
                                                                                                                               ू
                                                                                           कोई  भी  सनषपक्ष  व्सकत  आियानी   की  भसमकया  को  कमतर  आँकया  ग्या।
                                                                                       िे देख िकतया िै सक जब भी प्धयानमत्री   उनिोंने इि तथ् को भी रेखयासकत सक्या
                                                                                                                                                ं
                                                                                                                    ं
                                                                  ं
                                           आकसष्यत  करते  िुए  प्धयानमत्री  मोदी       देश  के  मयामिों  के  प्बंधन  के  िमबनध   सक िमयारी आ़जयादी के सिए बड़ी िंख्या
                                                                                                ू
                                                                                                    ृ
                                           ने एक ऐिे मुद्े कया भी उलिख सक्या,          में  अपने  मि  दसषटकोण  ‘िबकया  ियार   में  प्याण  आिूत  करने  वयािे  पुरुषों  और
                                                                  े
                                                     ु
                                           जो  सबरिया  मंडया  के  हृद्  के  करीब  रया   िबकया  सवकयाि’  की  चचया्य  करते  िैं  तो   मसिियाओं  ने  भयारत  की  ियांसककृसतक,
                                           और  प्धयानमत्री  के  सिए  भी  बड़ी  सचंतया   इि  िमग्  ्ोजनया  में  जनजयासत्याँ  एक   आध्यासतमक  और  ऐसतियासिक  सवरयाित
                                                     ं
                                                                                             ू
                                           कया  सवष्  रिया  िै।  उनिोंने  बतया्या  सक   मित्वपण्य  सिसिया  रिती  िैं।  आज  सवशव   िे प्ेरणया िी री। इि अर्य में िम कि
                                                                                                                                          ं
                                            ु
                                           मंडया िमेशया किते रे, “्ि धरती िमयारी       कया ध्यान इि बयात पर ग्या िै सक कैि  े  िकते िैं सक प्धयानमत्री श्री मोदी ने 30
                                                                                             ं
                                                                                                                              ू
                                           िै और िम इिके रक्षक िैं।” जैिया सक          प्धयानमत्री मोदी ने िड़क, घर, शौचयाि्,   अकतबर को ‘मन की बयात’ िमबोधन  में
                                                                                        े
                                                           ं
                                           िम जयानते िैं प्धयानमत्री मोदी के शयािन     प्जि,  बैंक  खयाते,  सकूि  आसद  की   िमयारे ऐसतियासिक आख्यान में एक ििी
                                                                                                                                                       ू
                                                                                         ू
                 प्ो. रघुवेंद्र तंवर       की  मूिभूत  नीसत  भी  इिी  सवचयार  के       मिभूत व्वसरया करके आबयादी के बड़े   और आवश्क िुधयार करके मित्वपण्य
                                           अनुरूप िै। प्या्यवरण िंरक्षण की अपनी        वगषों को िशकत करने की कोसशश की     अंतरयािों को भी पयाट सद्या िै।
             प्ोफ़ेिर एमेररटि, कुरुक्षेत्र   प्सतबद्तया कया पयािन करने में प्धयानमत्री   िै। आँकड़े चौंकयाने वयािे िैं, जो सपषट रूप
                                                                       ं
             सवशवसवद्ययाि् तरया अध्क्ष,                                                िे भयारत में िो रिे सवकयाि रूपी
                                                                ू
         भयारती् ऐसतियासिक अनुिंधयान पररषद   मोदी वयासतव में िज़यारों वष्य पव्य सिखे गए   चमतकयार और ियासशए पर पड़े
                                                                     ु
              और पद्मश्री िे िममयासनत      ग्ंरों में किी गई बयात कया िी अनिरण
                                                                                         ं
                                                                                                   ू
                                           कर  रिे  िैं।  सफर  चयािे  उनिोंने  सपछि  े  वसचतों  और  भिे-सबिरे  िोगों
                                                                ं
                                           वष्य भगवयान सबरिया मुंडया िग्ियाि् कया      पर अिर डयाि रिे िैं।
                                                                                                  ू
                                           उदघयाटन सक्या िो ्या दो िौ करोड़ की              30 अकतबर को ‘मन की
                                                                                                           ं
            अपने  ‘मन  की  बयात’  िमबोधन   ियागत िे देशभर में सरयासपत सकए जया रि  े    बयात’ िमबोधन में प्धयानमत्री ने
        में  प्धयानमत्री  नरनद्र  मोदी,  करोड़ों   जनजयासत िग्ियाि् िों, इन िब के पीछे   मयानगढ़  की  अपनी  प्सतयासवत
                       े
                 ं
                                                    ं
        देशवयासि्ों के ियार वो मुद्े ियाझया करत  े  िमयारे  जनजयाती्  बंधुओं  की  प्रक  एव  ं  ्यात्रया (1 नवमबर) कया बड़ी श्रद्या
                                                                   े
                                                                                              े
        िैं, जो उनके सदि के बिुत करीब िैं ्या   िमद् सवरयाित को रयाषट्री् जनमयानि में   िे  उलिख  सक्या।  मयानगढ़
                                              ृ
        सजनिें  िोगों  के  ियार  ियाझया  करने  की   सबठयानया िै।                       केवि विी सरयान निीं िै, जिया  ँ
        ज़रूरत िै। 30 अकतबर, 2022 को अपन  े   देश की कुि जनिंख्या में िगभग             1913  में  अंग्ेज़ी  िुकूमत  न  े
                        ू
                            ं
        इि  िमबोधन  में  प्धयानमत्री  ने  िर  वष्य   10  प्सतशत  सिसिया  जनजयासत्ों  कया  िै,   आसदवयासि्ों  कया  बेरिमी  ि  े
                                                                                           ं
        15 नवमबर को  जनजयाती् गौरव सदवि    िसकन  दभया्यग्  िे  इि  अिम  वग्य  को       नरिियार सक्या रया, ्ि सरयान
                                                  ु
                                            े
                         े
        मनयाए जयाने कया उलिख सक्या, सजिकी   पििे कभी वोट बैंक िे असधक कुछ निीं         आज िमयारे इसतियाि में गौरव
        पिि उनिोंने सपछिे वष्य की री। इि सदन,   िमझया  ग्या।  ि्ोग  िे  ्ि  श्री  अटि   कया प्तीक बन चुकया िै। इि बयात
                                                        ं
        सवतंत्रतया िंग्याम के एक नया्क भगवयान   सबियारी वयाजप्ी की िरकयार री, सजिन  े  पर भी ध्यान देनया ज़रूरी िै सक
                                                     े
               ु
        सबरिया मंडया की ज्ंती िोती िै। सवतंत्रतया   पििी बयार ‘जनजयाती्’ सवकयाि कल्याण   सवतंत्रतया िंग्याम की मुख्धयारया
                        ु
        आंदोिन में सबरिया मंडया के ्ोगदयान और   मत्रयाि् कया गठन सक्या। 2014 में जब श्री   के वण्यन में सपछिे कई वषषों ि  े
                                            ं
        उनके  जीवन  की  ओर  रयाषट्र  कया  ध्यान   नरनद्र  मोदी  प्धयानमत्री  बने,  उि  िम्   इिे मुख् रूप िे रयाजनीसतक
                                                          ं
                                             े
                                                                                                                       67
                                       66                                                                              67
                                       66
   65   66   67   68   69   70   71   72   73   74   75