Page 36 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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अनुसंधान केंद्र (ISLRTC) िैसी िहल के पब्रटेन और तकयी िैसे िेशों के 1,98,000 स े
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ISL क साथ समावेरन स्वप्न नहीं, साि सरकार ने एक बड़ी छलाँग लगाई अपधक उि्ोगकताषि हैं।
है। ्हाँ तक पक डीईए़ि भी इसी िशषिन िब केंद्र सरकार ने औिचाररक रूि
बल्कि वास्तववकता िर काम करता है। ्ह बपधर पवद्ापिषि्ों से सककूलों में भारती् सांकेपतक भा्ा
के पलए काम सुपननशचत करने में मिि शुरू करने के अिने िैसले की घो्णा
खुि को पशपक्त करने, अचछी नौकरी करने के पलए न केवल अकािपमक की, तो हम रोमांपचत िे पक हमारे िेश ने
खोिने और ्ह सुपननशचत करने में मिि सहा्ता और कौशल पवकास के अवसर आपखरकार लोगों को एक साि लाने में
कर सकता है पक वे पकसी भी प्रकार की प्रिान करता है, बनलक बपधरों के बारे में भारती् सांकेपतक भा्ा के महत्व को
सहा्ता ्ा सहानुभूपत के पबना सवतंत्र िागरूकता िैलाने के पलए पशक्ा, का्षि िहचानना शुरू कर पि्ा है। इस पवचार ने,
रूि से सममानिनक िीवन व्तीत कर और अ्् सावषििपनक उि्ोपगता वाले पक पकसी पिन लोगों को खुि को व्कत
सकें। मुझे नहीं िता िा पक एक सरल सा क्ेत्रों में सांकेपतक भा्ा का्षिशालाओं का करने के पलए िुभाप्ए की आवश्कता
्ह पवचार एक बहुत बड़े काम को अंिाम भी आ्ोिन करता है। महसूस नहीं होगी, मुझे आशवसत पक्ा
िेने में महत्विणषि किम सापबत होगा। एक अ्् प्रमुख िहल, पिसका पशक्ा पक भारती् बपधर समुिा् का भपवष्
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हमारी पशक्ा प्रणाली ने िरमिरागत और आपिषिक अवसरों के मामले में बपधरों आपखरकार पिन-िर-पिन बेहतर और
टी.के.एम. संिीि रूि से, पशक्ण के मौपखक रूि की को मुख्धारा में लाने िर िीघषिकापलक उज्वल पिख रहा है। ्ह एक नए सवेरे
सीईओ, डे़ि इनेबलड ़िाउंडेशन पहमा्त की, लेपकन बपधर पवद्ापिषि्ों प्रभाव िड़ेगा, वह है भारती् सांकेपतक भा्ा की शुरुआत है, पिसमें समावेशन को अब
की सहा्ता के पलए िुभाप्ए शा्ि ही (ISL) पडकशनरी। हमने ISL पडकशनरी बनान े िूर का सिना नहीं कहा िाएगा, बनलक
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उिलबध िे। इसके अलावा पवशे् पशक्ा में सरकार के साि-साि प्रबद समाि के ्ह एक वासतपवकता होगी, िो धीरे-धीरे
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संसिान केवल चुपनिा महानगरी् शहरों असाधारण प्र्ासों को िेखा है। ISLRTC, साकार हो रही है। प्रधानमंत्री नरे्द्र मोिी
िेश में बपधर लोग कई चुनौपत्ों का में ही िे। बुपन्ािी ढाँचे के मुद्दों के अलावा, अिनी ISL पडकशनरी के अभी तक तीन से अनुरोध है पक भारती् सांकेपतक भा्ा
सामना करते रहे हैं और राषट् पनमाषिण की एक बपधर व्नकत को सोशल नसटगमा से संसकरण लेकर आ्ा है। वासतव में हमन े को इस िेश की आपधकाररक भा्ाओं में
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प्रपक्र्ा से िूर रहे हैं, लेपकन अब नसिपत पनिटना िड़ता िा, िो बहरेिन को कमषि 2018 में डीईएि ISL मोबाइल पडकशनरी शापमल पक्ा िाए, पिससे इस िेश के
बिल गई है, क्ोंपक सरकार और प्रबुद और धमषि के चशमे से िेखते िे। इतना लॉ्च की िी तापक बड़ी संख्ा में लोगों बपधरों की संसकृपत को मान-महत्ता पमले।
समाि; िोनों पिव्ांगों के पवकास के पलए ही नहीं, कई बपधर बच्ों के माता-पिता तक संकेत भा्ा के ज्ाान का प्रसार पक्ा श्रवण-बापधत नागररकों हेतु सरकार के
अपभनव और संरपचत समाधान ला रहे हैं। ने भी उनकी ज़रूरतों को समझने की िा सके। आि, हमें आिको ्ह बताते हुए िहलों िर श्री टी.के.एम सिीि के पवचार
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भारती् सांकेपतक भा्ा अनुसंधान एवं बिा् उ्हें पन्पमत गैर-बपधर सककूलों खुशी हो रही है पक हमने 60,000 से अपधक िानने के पलए QR कोड सकैन करें।
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प्रपशक्ण केंद्र (ISLRTC) और डे़ि इनेबलड और कॉलेिों में भेिा, लेपकन हमारे अग्रेिी शबिों का भारती् सांकेपतक भा्ा
़िाउंडेशन (डीईए़ि) िैसे संगठनों की सामने सबसे बड़ी चुनौती संचार की खाई में अनुवाि पक्ा है और इस ऐि के न
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सिािना के साि िेश में बपधरों के अनुकल िी, िो समाि के भीतर व्ािक रूि से केवल भारत, बनलक बाँगलािेश, अमरीका,
वातावरण बन रहा है। व्ापत िी।
‘श्रवण अक्मता एक िाप्तव नहीं चूँपक चुनौपत्ाँ बहुत बड़ी िीं,
है। सांकेपतक भा्ा पसि्फ बपधरों की भा्ा इसपलए प्र्ास भी उसी सतर के करने
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नहीं है।’ ्ही शबि डीईए़ि की सिािना की आवश्कता िी और वह भी हर तरि
का आधार बन गए। एक ऐसा संगठन, से। ऐसे वातावरण का पनमाषिण करना
पिसकी सिािना मेरे िैसे बपधर व्नकत ने महत्विणषि िा, िो न केवल उ्हें पवकास
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की, पिसे कभी एक गैर-बपधर की तुलना के समान अवसर प्रिान करे, बनलक
में हीन माना िाता िा। मैंने एक ऐसा उ्हें राषट् पनमाषिण की प्रपक्र्ा में सपक्र्
संसिान खोलने के एिेंडे के साि डीईए़ि भागीिार के रूि में भी शापमल करे।
की शुरुआत की, िो बपधर ्ुवाओं को भारती् सांकेपतक भा्ा प्रपशक्ण और
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