Page 42 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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व्यवहार पररवत्शन और साव्शजलनक स्वच्छता की
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लिम्दारी का नया दौर
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के बच्, इस सवचछ भारत अपभ्ान के
पसिाही हैं। अगर उनके माता-पिता ्ा घर
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के बिगषि अिने घरों के बाहर कड़ा डालत े
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हैं, तो वे ही तुरंत उ्ह बताते हैं पक ्ह
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गलत है, तो ्ह सांसकृपतक िररवतषिन, ्ह
व्वहार िररवतषिन कुछ ऐसा है, पिसे हम
िहली बार िेख रहे हैं। िब हम िूसरे िेशों
का िौरा करते हैं, तो हम अिने आस-िास
की सिाई से चपकत होते हैं, लपकन िब हम
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तेिसवी सू्ाषि वािस आते हैं तो हमारा व्वहार िूरी तरह स े
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सांसि और भाििा ्ुवा मोचाषि अध्क् बिल िाता है और हम पिर से कड़ा-कचरा िब तक प्रधानमत्री ने इस अपभ्ान को शािी हो रही िी, उस घर में शौचाल् नहीं
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करने लगते हैं। सवचछ भारत अपभ्ान न े शुरू नहीं पक्ा, तब तक भारत में करोड़ों िा। एक सकल िाने वाली लड़की ने अिन े
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वासतव में इसे बिल पि्ा है, लोग आि मपहलाएँ खुले में शौच कर रही िीं और सकल में एक साि शौचाल् की माँग की,
महसूस कर रहे हैं पक अगर हमारी सड़कों एक राषट् के रूि में हमने इसे इतने िशकों क्ोंपक वहाँ शौचाल् नहीं िा, ्े सभी िेश
हमारी िूरिशषिन टीम ने सवचछ भारत को साि रखना है, तो हमें कड़ा नहीं फ़ैलाना तक होने पि्ा। ग्रामीण क्ेत्रों में मपहलाओं में सांसकृपतक और व्वहार िररवतषिन के
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अपभ्ान की सिलता के बारे में तिसवी है। अगर हमारे सावषििपनक शौचाल् साि- को पिस तरह का सामापिक प्रभाव पि्ा उिाहरण हैं।
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स्ाषि से बात की। सिरे होने चापहए, तो हमें ही उनका अचछी ग्ा है, वह अभूतिूवषि है। मुझे लगता है पक हम सावषििपनक
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िब से प्रधानमत्री नर्द्र मोिी न े तरह से रखरखाव करना है। अगर हमार े प्रधानमत्री नर्द्र मोिी अरब पशक्ा के एक महान सतर िर िहँच रहे हैं।
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सवचछ भारत अपभ्ान की शुरुआत की रेलवे पलटिॉमसषि को साि रखना है तो हमें भारती्ों को सामपहक रूि से इस िेश पितने अपधक ्ुवाओं को इस अपभ्ान
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है, तब से हमारे सावषििपनक सिानों की िूकना नहीं है। भारत में सावषििपनक सिानों के पनमाषिण और इसे अभूतिवषि ऊँचाइ्ों के बारे में िागरूक पक्ा िाएगा और
सवचछता बनाए रखने के पलए नागररकों में की सिाई अब केवल सरकार का कतषिव् िर ले िाने की पिशा में प्र्ास करने के इस बात से अवगत करा्ा िाएगा पक
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पज़ममेिारी की एक नई भावना ििा हुई है। नहीं रही, ्ह सभी भारती्ों की सामपहक पलए प्रररत कर रहे हैं, लपकन सवचछता सावषििपनक सवचछता को बनाए रखना
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प्रधानमत्री मोिीिी की सबसे बड़ी ़खापस्त पज़ममेिारी है। इसका श्रे् प्रधानमत्रीिी को अपभ्ान एक बार की गपतपवपध नहीं है, हमारी पज़ममेिारी है, तब हम उस सतर की
्ह है पक िब वे पकसी मद्दा ्ा ्ोिना िाता है। ्ह एक सतत का्षिक्रम है। पिस प्रकार सवचछता को बनाए रखने में सक्म होंगे,
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का प्रचार करते हैं तो वे िनभागीिारी की सवचछ भारत अपभ्ान एक एकीकृत हम प्रपतपिन अिने घरों की सिाई करत े िो हम पविेशों में िेखते हैं। सवचछ भारत
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भावना को सपननशचत करते हैं। शा्ि, अपभ्ान रहा है, क्ोंपक इसका शहरी हैं, उसी प्रकार सवचछ भारत अपभ्ान एक अपभ्ान िूरी िपन्ा में सबसे बड़ा िन
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सवतंत्र भारत के इपतहास में वे एकमात्र और ग्रामीण िोनों क्ेत्रों में बहुत प्रभाव सतत चलने वाली प्रपक्र्ा है। इस का्षिक्रम आिोलन है, िो भारत को सवचछ बनाने के
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ऐसे प्रधानमत्री हैं, पि्होंने पवकास को एक िड़ा है, लपकन ग्रामीण क्ेत्रों में, अपभ्ान की सिलता को मािने के पलए सबस े पलए सामपहक रूि से नागररकों की ऊिाषि
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िन आिोलन बना्ा है। इसपलए आि का एक बड़ा सामापिक प्रभाव है, क्ोंपक महत्विणषि िैमाना इस िहल द्ारा लाए गए का उि्ोग कर रहा है।
हम सवचछ भारत अपभ्ान को केवल एक इस ्ोिना के तहत बनाए गए कुछ सांसकृपतक िररवतषिन का आकलन करना
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सरकारी िहल के रूि में नहीं, बनलक एक करोड़ शौचाल्ों ने सही मा्ने में ग्रामीण होगा। िैसा पक मुझे ्ाि है, ्िी में एक सवचछ भारत अपभ्ान िर ्ुवा
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िन आिोलन के रूि में िेख रहे हैं। मपहलाओं को सशकत बना्ा है। 21वीं सिी मपहला िी, पि्होंने शािी करने से इंकार आइकन श्री तिसवी स्ाषि के पवचार
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सकली बच्, खासकर प्राइमरी सकल के भारत में ्ह अपवशवसनी् िा पक कर पि्ा िा, क्ोंपक पिस घर में उनकी िानने के पलए QR कोड सकैन करें।
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