Page 46 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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'कबाड़ से जुगाड़' : लनष्प्योज्य सामग्ी


                           का उपयुक्त प्रयोग





                                           उि्ोगािषि  एवं  िशषिनािषि  कई  वसतएँ,
                                                                       ु
                                           कलातमक  संरचनाएँ  मेरठ  नगर  पनगम
                                           द्ारा सिापित कराई गईं। नगर के पवपभन्
                                           सिानों  िर  सिापित  इन  संरचनाओं  का
                                           सिानी्  िनता  िर  सकारातमक  प्रभाव          इंसटॉलेशन  का  पनमाषिण  करा्ा  ग्ा  है।   गई  है,  पिसमें  कबाड़  का  प्र्ोग  पक्ा
                                                      ु
                                                               ु
                                           िड़ा  और  अनि्ोगी  वसतओं  से  अलि            पिन  सिानों  िर  िौधारोिण  हेतु  उि्ुकत   ग्ा है।
                                           व््  िर  कलातमक  अपभनव  प्र्ोगों            सिान उिलबध नहीं िे, उन सभी सिानों िर   िुराने  िपह्ों  को  अलग-अलग  रंगों
                                                                   ृ
                                           के  प्रपत  िागरूकता  में  भी  वपद  हुई।     िुनपनषिपमषित ड्म को कलातमक गमलों की   में रंग कर संतपलत अनिात में व्वनसित
                                                                                                                                            ु
                                                                                                                                     ु
                                           प्रधानमत्रीिी ने मेरठ नगर में पनगम द्ारा    तरह सिापित पक्ा ग्ा है। इससे मागषि के   करते हुए नगर के वेसटनषि कचहरी मागषि
                                                ं
                   ए.के. शमाषि             ‘कबाड़  से  िुगाड़’  अपभ्ान  के  अंतगषित      सौंि्यीकरण के साि-साि नागररकों में 3R   िर पडवाइडर के रूि में भव्ता के साि
          मंत्री, ऊिाषि एवं नगर पवकास पवभाग, उ. प्र.  की गई िहल को अिने ‘मन की बात’ में   पप्रंपसिल की िागरूकता भी बढ़ रही है।   स्ोपित पक्ा ग्ा है ।
                                                                                                                            ं
                                                                ु
                                           सिान िेकर इस प्र्ास में िड़े हुए सबका            िुराने  िे.सी.बी./ट्कटर  व  ठेलों  के   नगर पनगम द्ारा पवगत िो-तीन माह
                                                                                                        ै
                                           बहुत उतसाहवधषिन पक्ा है, पिसके पलए          टा्रों  और  परमों  से  पडसिले  वाॅल  तिा   में ि्ाषिवरण के िनषटगत िन-िागरूकता
                                                                                                                                       ृ
            ‘कबाड़ से िुगाड़’ एक ऐसा अपभ्ान   उत्तर  प्रिेश  के  पनवासी  और  सरकार       बैररकेपडग तिा आइरन सक्रैि से लाइट   हेतु  इस  प्रकार  के  कराए  गए  का्षि  एव  ं
                                                                                             ं
                                                ं
        है, पिसमें अिपशषट और पनषप्र्ोज् ििािशों   प्रधानमत्रीिी को सािर ध््वाि  िेते हैं।  ट्ी का पनमाषिण करा्ा ग्ा है। पनषप्र्ोज्   इस पिशा में पवपभन् समािसेवी संसिाओं,
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        एवं वसतओं से ि्ाषिवरण संरक्ण, नगरी्   मेरठ नगर पनगम सवासर् सटोर में            टा्रों  से  बच्ों  के  खेलने  हेतु  झूले,  पल  े  नागररक संगठनों के सामिस् से आम
                                                                                                                                              ं
        सौंि्यीकरण तिा िन-उि्ोपगता की िनषट   उिलबध पनषप्र्ोज् िुराने ररकशा ठेलों के    टनल,  िौधारोिण  हेतु  क्रीिसषि  आपि  का   िनमानस में पवपभन् पनषप्र्ोज् सामग्री
                                    ृ
        से  अत्ंत  कम  खचषि  में  कलातमक  और   फ्ी  वहील,  साइपकल  चेन,  आ्रन  सक्रैि   पनमाषिण का्षि प्रगपत िर है।       को िुनः प्र्ोग में लाने की प्रवपत्त को बढ़ावा
                                                                                                                                               ृ
        आक्षिक  संरचनाओं  का  पनमाषिण  पक्ा   आपि  को  प्र्ोग  करते  हुए  अत्पधक           इसके  अलावा  मेरठ  नगर  पनगम   पमल रहा है।
        िाता है ।                          ््नतम व्् िर गाँधी आश्रम चौराहे के          द्ारा  प्रपतपिन  इकट्ा  की  िाने  वाली   ि्ाषिवरण की सुरक्ा और अनि्ोगी
                                             ू
                                                                                                                                                    ु
            सवचछता  अपभ्ान  के  िौरान  मेरठ   सौंि्यीकरण के साि-साि पमनी िाउंटेन       पलानसटक  का  उि्ोग  करने  के       वसतओं  से  पबना  पवश्  खचषि  के  समाि
                                                                                                                                          े
                                                                                                                             ु
        नगर पनगम द्ारा उनके पवपभन् पवभागों   सिापित  पक्ा  ग्ा।  नगर  पनगम  द्ारा      पलए  िॉलीिीन  ररसाइकलसषि  के  साि   के  पलए  उि्ोगी  आपिषिक  िररसमिपत्त
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                                ु
        में  उिलबध  अनि्ोगी  वसतएँ,  िैस  े  वाहनों के िुराने पनषप्र्ोज् टा्रों का प्र्ोग   अनुबंध  पक्ा  ग्ा  है।  इनके  माध्म   के  पनमाषिण  की  िनषट  से  ्ह  प्र्ोग  बहुत
                                                                                                                                       ृ
        आ्रन  सक्रैि,  िुराने  पनषप्र्ोज्  टा्र,   करते हुए च्पनत िाकशों में वररषठ नागररक   से  िाकशों  में  वाॅपकंग  ट्कस,  बैंच,  वाॅल   ही सराहनी् है। इसमें प्रधानमत्रीिी का
                                                                                                                                                 ं
                                                                                                          ै
                                                                ृ
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        तेल के िुराने ड्म, ररकशों के िपहए आपि   एवं मपहलाओं की सपवधा के िनषटगत बैठन  े  म्रलस का पनमाषिण करा्ा िा रहा है।    आशीवाषिि पमलने के कारण ्ह सिानी्
                                                                                          ू
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        का  प्र्ोग  करते  हुए  सिर  एवं  िशषिनी्   हेतु प्रिमतः सटूलों तिा मेज़ों के 15 सेट का   मेरठ  नगर  के  महत्विणषि  चौराहे  ‘बच्ा   मपहम अब एक राषट्ी् मपहम बन िाएगी,
                                                                                                          ू
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                                                                                                                                             ु
        संरचनाओं  और  कलाकृपत्ों  के  पनमाषिण   पनमाषिण का्षि करा्ा ग्ा है।            िाक्फ’ के पनकट फ्ी वहील, िुरानी ररकशा   इसमें सिेह नहीं। प्रधानमत्रीिी को उनके
                                                                                                                                ं
                                                                                                                                             ं
                            ै
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        की  पवसतत  का्षि्ोिना  त्ार  की  गई।   वाहनों  में  प्र्ुकत  होने  वाले  इिन   चेन आपि के प्र्ोग से महातमा गाँधी का   उि्बोधन  में  प्रिेश  के  नगर  मेरठ  की
                                                                      ं
        इसके अंतगषित मेरठ नगर के व्सततम    आ्ल के पनषप्र्ोज् ड्म का प्र्ोग करत  े      पचत्र उकेरा ग्ा है। नगर के एक अ््   ‘कबाड़ से िुगाड़’ के पलए की गई प्रशंसा
        चौराहों, िाकशों आपि में पनषप्र्ोज् सामग्री   हुए  ड्म  िर  िपटग,  ब्टीपफ़केशन  आपि   व्सत  चौराहे  ‘िेल-चुंगी’  िर  बीचों-बीच   के  पलए  कृतज्ाता  व्कत  करते  हुए  िुनः
                                                       ं
                                                      ें
                                                            ू
        का  प्र्ोग  करते  हुए  िनता  के  िपनक   का का्षि कराते हुए िौधारोिण हेतु सट्ीट   कई चरखों की आक्षिक संरचना बनाई   सािर ध््वाि।
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