Page 51 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
P. 51
उतिाि और अ्् सिानी् सामान
े
लोकल क नलए वोकल खरीिना चापहए।”
‘वोकल ़िॉर लोकल’ बनने के
या
आत्मनिभरता की ओर अग्रसर भारत प्रधानमत्री के आह्ान के बाि लोगों न े
ं
इस अपभ्ान को बहुत प्रोतसाहन और
समिषिन पि्ा है। ्ही कारण है पक पिछल े
कुछ व्शों के िौरान खािी और हिकरघा
पिछले व्शों के िौरान, िेश का ‘हर भारती् को वोकल ़िॉर उतिािों की पबक्री ररकॉड्ट सतर िर िहँच
ु
ं
एक न्ा संकलि हमारे त्ोहारों से लोकल होना चापहए’, ्ह प्रधानमत्री का गई है।
िुड़ा है, ्ह है ’वोकल ़िॉर लोकल’ ििप्रिशषिक मंत्र िा, िो भारती् उद्ोगों इसी तरह से इस व्षि आिािी
़
का संकलि। अब हम अिने सिानी् को बढ़ावा िेने और सिानी् सतर िर का अमृत महोतसव के िौरान, िेश के
कारीगरों, पशलिकारों और व्ािारर्ों उिभोकता माँगों को िूरा करने के पलए सवतंत्रता सेनापन्ों को श्रदांिपल के रूि
को त्ोहारों की खुशी में शापमल करते कोपवड-19 महामारी के िौरान उभरा। में ‘वोकल ़िॉर लोकल’ को अिनान े
ं
हैं। ्ह अपभ्ान इसपलए भी ़खास है, प्रधानमत्री ने भारत को आपिषिक रूि स े के पलए िेशवापस्ों को प्रधानमत्री का
ं
सशकत बनाने के पलए सिानी् पवपनमाषिण,
क्ोंपक आ़िािी का अमृत महोतसव के सिानी् बािारों और सिानी् आिपतषि आह्ान, उतसवों में इसे शापमल करने के त्ोहारों में सिानी् उतिािों को
ू
़
िौरान हम आतमपनभषिर भारत के लक्् श्रखलाओं को बढ़ावा िेने के संकलि के पिलचसि तरीकों को सामने लाता है। पज़ममेिारी से शापमल करने का एक
ृ
ं
ै
के साि भी आगे बढ़ रहे हैं। एक सुझाव ्ह है पक त्ोहारों के और तरीका है त्ोहारों के िौरान िपकंग
रूि में ‘वोकल ़िॉर लोकल’ अपभ्ान और िैकेपिंग के पलए िूट, किास और
-प्रधानमंत्री नरे्द्र मोिी शुरू पक्ा िा। अंततः ्ह संकलि हमार े िौरान अिने िररवार और िोसतों को
ै
(‘मन की बात’ के समबोधन में ) त्ोहारों के साि िड़ने लगा। िनता स े उिहार के रूि में खूबसूरती से त्ार केले के िाइबर बैग का उि्ोग करना
ु
और हापनकारक पलानसटक िॉलीपिन
सिानी् रूि से खरीिारी करने और पकए गए सिानी् हिकरघा और बैग को अलपविा कहना। ्ह न केवल
सभी के बीच त्ोहारों की खुशी िैलान े हसतपशलि उतिाि िें। ्े न केवल आिके हमारे सवासर्, ि्ाषिवरण और सवचछता
े
के आग्रह वाले इस अपभ्ान का उद्दश् पप्र्िनों के घरों को रोशन करेंगे, बनलक का ध्ान रखेगा, बनलक गैर-पलानसटक,
ु
त्ोहारों के मौसम में सिानी् कारीगरों, कई िररवारों में खपश्ाँ लाएँगे। इन िारमिररक बैग के उतिािन में भी वपद
ृ
उतिािों की पबक्री उनकी आिीपवका का
“प्रधानमत्री के नेतृतव में ‘वोकल पशलिकारों, उद्पम्ों और व्ािारर्ों ज़रर्ा बनेगी। करेगा।
ं
ं
़िॉर लोकल’ िहल एक महान मंच के घरों को रोशन करना िा। प्रधानमत्री
े
है, पवश् रूि से छोटे उद्पम्ों और ने इसका समिषिन करते हुए और
़
व्वसा्ों के पलए हमारे उतिािों को ‘आतमपनभषिरता’ की भावना को मिबूत
बेचने और पवपभन् पलटिामशों िर करते हुए, भारती्ों को सिानी् सामान
े
ॅ
उ्हें बढ़ावा िेने के पलए। ्ह वासतव खरीिने और न केवल इनके प्रपत ‘मुखर’
में एक आतमपनभषिर भारत बनाने, होने, बनलक ‘पवशव सतर िर’ इ्हें बढ़ावा
िेश की अिषिव्वसिा को बढ़ावा िेन े िेने का आह्ान पक्ा है।
और हमारे िीवन को बेहतर बनान े हापल्ा ‘मन की बात’ समबोधन
ं
के पलए अग्रणी िहल है।” में प्रधानमत्री ने ‘वोकल ़िॉर लोकल’
को सिल बनाने में िनभागीिारी िर
-सनी पसंघल ज़ोर पि्ा। उ्होंने लोगों से अिील की,
हरर्ाणा खािी एवं ग्रामोद्ोग बोड्ट
“आिको खािी, हिकरघा, हसतपशलि
46
46 47
47
47