Page 103 - Putting Farmers First Hindi
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प्रतयक् आय सहायता और प्रतयक् पेंशन सहायता भी

               कभी-कभी छोट और सीिांत मकसानों को औपचाररक कज्थ नहीं मिल
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             पात हैं। कज्थ के अनौपचाररक स्ोत बहुत िहंग होत हैं और ऐस िें इन
             मकसानों की शसरमत काफी बदतर हो जाती है। हालांमक, पीएि-मकसान
             के जररए इन मकसानों को प्रमत वि्थ 6,000 रुप्यषे की आ्य सुमनशशचत कर
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             दी गई है, जो सीध उनके बैंक खातों िें पहुंचती है। ्यह रामर दरअसल
             पूंजी के एक छोट स्ोत के रूप िें भी काि करती है जो उन मकसानों के
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             काफी काि आ सकती है मजनहें पैस की सखत जरूरत है।
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               अब तक कुल 95,628 करोड़ रुप्यषे जारी मकए गए हैं और 10.52

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             करोड़ मकसान पररवार इस ्योजना स लाभाशनवत हुए हैं।
               इसके अलावा, जैसा मक वादा मक्या ग्या रा, पीएि मकसान िानधन
             ्योजना रुरू की गई है, तामक मकसानों को पेंरन की सुरक्ा दी जा सके।
             इसके  तहत  न्यूनति  प्रीमि्यि  पर  प्रमत  िाह  3,000  रुप्यषे  तक  पेंरन
             मिलगी।
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               इस ्योजना के लाभारजी पीएि-मकसान के तहत मिलन वाली आ्य
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             सहा्यता रामर को इस पेंरन ्योजना िें लगा सकतषे हैं।



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                                         अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार | 96
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