Page 98 - Putting Farmers First Hindi
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नीली रिांकत से मतसय पालन िरने वाले किसानों िे

             कलए नए रासते खुले हैं

               िछली पालन और जली्य कृमि िें मकसानों के मलए आ्य के उतकृषट
             स्ोत होनषे की व्यापक क्िता है।
                                                       टे
               नीली क्रांमत ्योजना का लक््य 42,632 हकट्यर भूमि को ताज और
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                                                                      षे
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             खार दोनों ही क्षेत्रों िें एकवाकलचर ्यानी जली्य कृमि के तहत लाना है,
             मजसस मकसानों के मलए अमतररकत आ्य का एक बड़ा स्ोत मिल सकता
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             है।
               इस क्षेत्र पर िोदी सरकार के फोकस को दरा्थत हुए 1.5 करोड़ िछआरों
                                                                       छु
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             के कल्याण हषेतु ितस्य पालन के मलए एक अलग मवभाग की सरापना की
             गई री।
               प्रधानित्री ितस्य समपदा ्योजना 20,000 करोड़ रुप्यषे के अब तक के
                      ं
             सवा्थमधक मनवषेर के सार रुरू की गई री, तामक िछआरों, ितस्य पालक
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             मकसानों,  ितस्य  पालक  श्रमिकों  और  िछली  मवक्रेताओं  के  कल्याण
             समहत ितस्य पालन क्षेत्र िें िहतवपूण्थ बुमन्यादी ढांचागत जरूरतों को पूरा
             मक्या जा सके।
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               इन सभी पहलों स दषेर 1 लाख करोड़ रुप्यषे के ितस्य मन्या्थत के लक््य
             की ओर आग बढ रहा है मजस वि्थ 2024-25 तक हामसल मक्या जाना
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             है।

             किसानों िी अकतररकत आय िा साधन है बागवानी

               मकसान अकसर अपनी आ्य के अमतररकत साधन के मलए अन्य
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             फसलों के सार ही बागवानी फसलों को भी उगात हैं।
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               हालांमक, ऐस मकसानों के मलए सबस आवश्यक िदद फसल
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             कटाई के बाद होन वाल नुकसान को कि करन िें िदद करना होगा,
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             क्योंमक बागवानी उपज  अकसर रीघ्र खराब हो जाती है।
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               बागवानी के एकीकृत मवकास के मलए मिरन स रीघ्र खराब होन        षे
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             वाली बागवानी उपज की बबा्थदी को कि करन िें िदद मिल रही है।
               इसिें कटाई के उपरांत प्रबंधन सुमवधाओं, जैस मक मवमभन्न प्रकार
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          91 | अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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