Page 16 - Putting Farmers First Hindi
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कैस मकसानों को मकसान सिर्थक सुधारों का लाभ
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                                मिलना रुरू हो ग्या ह    ै

             ''मकसानों को मिली इस आजादी के कई लाभ मदखाई दन रुरू भी हो गए हैं। क्योंमक
                                                       षे
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             इसका अध्यादषेर कुछ िहीन पहल मनकाला ग्या रा। ऐस प्रदषेर जहां पर आलू बहुत
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                                                       षे
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             होता है, वहां स ररपोरस्थ हैं मक जून-जुलाई के दौरान रोक खरीददारों न मकसानों को
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                                                                 षे
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             अमधक भाव दकर सीध कोलर सटोरज स ही आलू खरीद मल्या है। बाहर मकसानों को
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             आलू के ज्यादा दाि मिल तो इसकी वजह स जो मकसान िमर्यों िें आलू लकर पहुंच  षे
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                                                        ं
                                                                    षे
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             रषे, आमखर दबाव िें आन के कारण, बाहर बड़ा ऊंचा िाककेट होन के कारण िरी के
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             लोगों को भी मकसानों को ज़्यादा दाि दना पड़ा। उनहें भी ज्यादा कीित मिली। इसी
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                                                                 षे
             तरह िध्य प्रदषेर और राजसरान स ररपोरस्थ हैं मक वहां पर तल मिलों न मकसानों को
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             सीध 20 स 30 प्रमतरत ज्यादा दकर सरसों की खरीद की है। िध्य प्रदषेर, उत्र प्रदषेर,
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             छत्ीसगढ, पशशचि बंगाल जैस राज्यों िें दालें बहुत होती हैं। इन राज्यों िें मपछल  षे
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             साल की तुलना िें 15 स 25 प्रमतरत तक ज्यादा दाि सीध मकसानों को मिल हैं।
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             दाल मिलों न वहां भी सीध मकसानों स खरीद की है, सीध उनहें ही भुगतान मक्या है।''
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                            प्रधानित्री िोदी का 21 मसतंबर, 2020 को
                               मबहार के एक का्य्थक्रि िें वकतव्य।
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                  कहीं भी, मकसी को भी उपज बचन की आजादी
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             ''अगर िैं एग्ीकलचर सकटर की बात करूं तो हिार ्यहां आजादी के बाद जो मन्यि-
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             का्यद बन, उसिें मकसानों को मबचौमल्यों के हारों िें छोड़ मद्या ग्या रा।  मकसान
             कहां फसल बच सकता है, कहां नहीं, मन्यि बहुत सखत रषे।  मकसानों के सार दरकों
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             स हो रह अन्या्य को दूर करन की इचछारशकत हिारी सरकार न मदखाई।  APMC
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             एकट िें बदलाव के बाद अब मकसानों को भी उनके अमधकार हामसल होंग। मकसान
             अब मजस चाहें, जहां चाहें और जब चाहें अपनी फसल बच सकत हैं। अब कोई
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             मकसान अपनी फसल दषेर के मकसी भी राज्य िें ल जाकर बच सकता है।  सार
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             ही वषे्यरहाउसस िें रख अनाज ्या एग्ीकलचर प्रोरकट ्स अब इलषेकट्ॉमनक ट्टेमरंग
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             के जररए भी बच जा सकत हैं।   आप कलपना कर सकत हैं, इसस एग्ी-प्रोरकट ्स
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                                                               षे
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             मबजनस के मलए मकतन नए रासतषे खुलन जा रह हैं।''
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                      2 जून, 2020 को भारती्य उद्ोग पररसंर के वामि्थक सत्र ि  ें
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                            प्रधानित्री िोदी के उदराटन भािण का अंर
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