Page 18 - Putting Farmers First Hindi
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नए कृकि कानूनों के
लाभ : संक्प में
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क्रमांक सुधारों से पहले सुधारों के बाद
1 पहल मकसान अमधसूमचत कृमि एपीएिसी िरी िें बचन ्या मकसी
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उपज केवल एपीएिसी िरी िें बच अन्य मवक्रेता को चुनन की सवतंत्रता
सकता रा। है।
व्यवसा्यी सिूहों का एकामधकार बचन के मलए कई मवकलप हैं।
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रा जो कीितों को कृमत्रि रूप स षे प्रमतसपधा्थ के िाध्यि स बहतर
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कि रखत रषे। िूल्य प्राशपत हो रही है।
2 िरी िें एक बार उपज लान के िरी िें आन स पहल ही िोल-भाव
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बाद, मकसान को मजस कीित की कर कीित त्य कर सकत हैं।
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पषेरकर हो, उस सवीकार करना
पड़ता रा।
3 उतपादकों और उपभोकताओं को कोई रुलक , कोई दलाली नहीं है।
िरी रुलक, दलाली और अन्य उतपादकों और उपभोकताओं को
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मकसि के रुलक दन पड़त रषे। बड़ी बचत मिली है।
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4. कीितों का अलग-अलग होना। अब उपभोकता िूल्य का अमधकतर
मबचौमल्यों की लंबी श्रृंखला। महससा सीध मकसानों को।
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मबचौमल्यों की कि ्या रून्य भूमिका
है।
5. कृमि वसतुओं का व्यापार करन के अब ग्ािीण ्युवा मकसानों को
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मलए ्युवा मकसानों के पास कोई व्यापार और आपूमत्थ श्रृंखला चलान षे
अवसर नहीं रा। का अवसर मिल रहा है।
11 | अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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