Page 82 - Putting Farmers First Hindi
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बाजार िक पहुंच आसान



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                  मकसान चाहषे कोई भी फसल पैदा कर, उस मबक्री सरल तक
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                  पहुंचाए मबना उसकी आ्य नहीं बढ सकती है।
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                  बाजार तक बषेहतर पहुंच सुमनशशचत करन के मलए मकसानों
                  को अमधक बाजारों के सार-सार इन बाजारों तक पहुंचन     षे
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                  के मलए बहतर बुमन्यादी ढांचागत सुमवधाओं की भी जरूरत
                  है।  िोदी  सरकार  के  का्य्थकाल  िें  हजारों  ग्ािीण  बाजार

                  मवकमसत मकए जा रह हैं और उनहें उन्नत बना्या जा रहा है।
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                  इसके सार ही गांवों िें सड़क कनषेशकटमवटी िें भी काफी
                  सुधार हुआ है। इन दोनों ही कदिों स मकसानों के सि्य और
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                  धन की काफी बचत हो रही है, क्योंमक बाजार अब मकसानों
                  के और भी मनकट आ गए हैं।
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                                                                 ं
                  अब िोदी सरकार न भारती्य मकसानों को एपीएिसी िमर्यों
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                  िें और इनके बाहर भी दोनों ही जगहों पर अपनी उपज बचन  षे
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                  की आजादी द दी है। ्यमद मकसान िरी िें ही बचना चाहत हैं
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                  तो व ऐसा करन के मलए सवतंत्र हैं। ्यमद कोई इचछछुक  खरीददार
                  मकसानों के द्ार पर आ जाता है  तो मकसान उसका भी लाभ
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                  उ्ठा सकत हैं। इसस पहल मकसान जब एपीएिसी बाजारों
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                  स बाहर अपनी उपज बचत रषे तो ऐस कारोबार को अकसर
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                  अवैध िान मल्या जाता रा और खरीददार द्ारा उनहें ्ठग जान  षे
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                  की शसरमत िें उनको कोई कानूनी संरक्ण नहीं मिलता रा।
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                  अब मकसान ्यमद बाजार स बाहर अपनी उपज बचत हैं तब
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                  उनहें कानूनी व्यवसरा के तहत आवश्यक  सहा्यता मिलती है
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                  मजसस उनहें बईिान खरीददार ्ठग नहीं पात हैं।
                  अंततः मकसान अब मकसी भी अन्य  उतपादक की तरह सव्यं
                  अपनी िजजी के िुतामबक मनधा्थररत िूल्य पर अपनी उपज
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                  बचन के मलए सवतंत्र हैं।
          75 | अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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