Page 83 - Putting Farmers First Hindi
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ग्ामीण बाजारों िा कविास

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             मकसानों  की  बाजार  तक  पहुंच  बढान  के  मलए  ्यह  आवश्यक  है  मक
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             बाजारों की सुमवधा वहां दी जाए, जहां मकसान रहत हैं। इसस मकसान
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             अपनी उपज को दूर के बाजार िें ल जान पर खच्थ होन वाली धनरामर
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             और िषेहनत की बचत कर सकतषे हैं।
             िोदी सरकार िौजूदा 22,000 ग्ािीण हाटों को ग्ािीण कृमि बाजारों
             (जीआरएएि)  के  रूप  िें  मवकमसत  कर  रही  है।  इन  जीआरएएि  िें

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             बुमन्यादी ढांच को िजबूत मक्या जा रहा है। इसके मलए िनरगा का्यषों
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             को इसके सार एकीकृत मक्या जा रहा है।
             इसस जहां एक ओर बाजारों की संख्या िें वृमधि हो रही है, वहीं दूसरी ओर
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             बड़ी संख्या िें ग्ािीण श्रमिकों को इन परर्योजनाओं िें काि भी मिल

             रहा है।
             गांवों में बुकनयादी ढांचे िो वयापि प्रोतसाहन

             बाज़ार तक बेहतर पहुंच सुकनल्चत करने के कलए ककसानों को अपने गांवों के

             आस-पास बेहतर सडक कनेलकटकवटरी और बुकन्यादरी ढांचे करी आव््यकता है।
             लगभग 97.5 प्रकतशत पात् ग्ामरीण बलसत्यों को बारहमासरी सडकों से जोड कद्या
             ग्या है। इसका अथ्भ ्यह है कक ककसान बाजारों तक आसानरी से पहुंच सकते हैं,
             बच्चे सकूल जा सकते हैं और बरीमार लोग असपतालों तक पहुंच सकते हैं। अत:
             इस तरह से ककसान पररवारों का जरीवन सतर बेहतर हो रहा है।

             उललेखनरी्य है कक वर 2014 तक कनेकट़ेर बलसत्यों का प्रकतशत 60.3 प्रकतशत
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             था और मोदरी सरकार ने इसे बढाकर वर 2020 तक 97.5 प्रकतशत के सतर
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             तक पहुंचा कद्या है।

                                           अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार | 76
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