Page 20 - Mann Ki Baat December 2022
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अमृि काल


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                                                         े
                ‘विकसित भारत’ क पथ पर दश अग्रिर



                                                   ं
            2022 वाकई कई मायनों में बहुत     प्धानमत्री ने ‘अमृत काल’ का मंत्र
        ही प्रक रहा, अ् ्भुत रहा। इस साल   छ्या  है  –  एक  चौथाई  स्ी  की  अवछध,
            े
        भारत ने अिनी आ़जा्ी के 75 वर्ष िूरे   छजसमें भारत को एक सभयतागत और
        छकए और इसी वर्ष ‘अमृत काल’ का     वैश्वक शशकत का ्जा्ष हाछसल करने का
        प्ारमभ  हुआ।  इस  साल  ्ेश  ने  नई   प्यास करना चाछहए, छजसकी िहचान एक
        रफ़तार िकड़ी, सभी ्ेशवाछसयों ने एक   ऐसे ्ेश के रूि में हो, छजसमें चीजों को
        से बढ़कर एक काम छकया। 2022 की      अलग तरीके से करने की अिनी क्मता
        छवछभन्न सफलताओं ने आज िूरे छव्व   है। ‘अमृत काल’ भारत की सवतंत्रता के
        में  भारत  के  छलए  एक  छवशेर  सथान   75वें वर्ष से लेकर 2047 में सवतंत्रता की
        बनाया है।                         शताब्ी िूरे होने तक का है। ‘अमृत काल’
                                          नए भारत के छलए केवल एक छवजन ही
                    -प्धानमंत्री नरेनद्र मो्ी   नहीं, बशलक एक महत्विण्ष और छनधा्षरक
                                                           ू
             (‘मन की बात’ के समबोधन में )
                                          अवछध  है,  छजसमें  अननत  समभावनाए  ँ
                                          समाई हुई हैं।
                                             इसी अवछध के ्ौरान हमारे काय्ष,
                                          प्यास, सहयोग और भागी्ाररयाँ हमारी
                                          आकांक्ाओं और उन अनछगनत नायकों
                                          की  आकांक्ाओं  के  भारत  को  साकार
                                          और िररभाछरत करेंगी, छजनहोंने इसकी
                                          सवतंत्रता के छलए संघर्ष छकया।
         “वर्ष 2022 में छवछभन्न क्ेत्रों में हाछसल   2022  में  ‘आजा्ी  का  अमृत
         की  गई  प्गछत  के  कारण  यह  वर्ष   महोतसव’  के  तहत  अिने  गौरवशाली
         म़जबूत  आतमछनभ्षर  राषट्र  के  रूि   इछतहास  का  जश्न  मनाते  हुए  भारत  न  े
                                   ू
         में भारत की यात्रा में एक महत्विण्ष   अिनी सवतंत्रता की यात्रा के 75 साल िूर  े
         मील का ितथर है। यह 2047 तक नए    कर छलए। इसके साथ ही उन आ्शवों को
         भारत के छनमा्षण के छलए प्धानमत्री   साकार  करने  की  छ्शा  में  संकलिबद्
                                  ं
         नरनद्र मो्ी द्ारा िररकशलित ‘अमृत   होकर आगे बढ़ने का भारी उत्तर्ाछयतव
            े
         काल’ की शुरुआत का प्तीक है।”     भी  आता  है,  छजनहोंने  सवतंत्रता  संघर्ष
                      -एम. वेंकैया नायडू  को  छक्याशील  और  प्ेररत  छकया  था;
                          ू
                 भारत के िव्ष उिराषट्रिछत
                                          उत्तर्ाछयतव अिने िुरखों के सिनों को

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