Page 24 - Mann Ki Baat December 2022
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प्रधानमंत्री  का ’अमृत काल’ का विज़न


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        विश्वगुरु क रूप में भारत क फिर िे उभरने की फदशा में एक बड़ी छलाँग

                                          की भावना को बढ़ावा ्ेना।
                                             छ्समबर,  2022  में  भारत  का  G20
                                          की अधयक्ता ग्रहण करना, हाल के वरवों
                                          में  एक  महत्विूण्ष  छव्व  नेता  के  रूि
                                          में  इसकी  छवकास  यात्रा  की  प्मुख
                                          उिलशबधयों में से एक है। G20 की अधयक्ता
                                          एक बड़ी छजममे्ारी है और यह भारत िर
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                                          ्छनया के भरोसे को भी ्शा्षता है। भारत
                                          ने G20 की अधयक्ता ग्रहण करते समय,
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                                          ‘एक  िरवी,  एक  िररवार,  एक  भछवषय’
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                एम. वेंकैया नायडू         के अछत-महत्विण्ष छवरय के माधयम स  े
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               भारत के िव्ष उिराषट्रिछत   एकता की साव्षभौछमक भावना को बढ़ावा
                                          ्ेने  के  छलए  ‘वसुधैव  कुटुमबकम्’  के
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                                          अिने ्शषटकोण की घोरणा की।
                                             आइए, भारत की असाधारण छवकास
            वर्ष 2022 में छवछभन्न क्ेत्रों में हाछसल   यात्रा को ्शा्षने वाले कुि अनय संकेतकों
        की गई प्गछत के कारण यह वर्ष म़जबूत   िर  नजर  डालते  हैं।  वर्ष  2022  में  भारत
        आतमछनभ्षर  राषट्र  के  रूि  में  भारत  की   ्छनया की िाँचवीं सबसे बड़ी अथ्षवयवसथा
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        यात्रा में एक महत्विण्ष मील का ितथर है।   के रूि में उभरा। ्ेश की आछथ्षक वछद्
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        यह 2047 तक नए भारत के छनमा्षण के छलए   2021-22 में 83.57 छबछलयन डॉलर के अब
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        प्धानमत्री श्ी नरनद्र मो्ी द्ारा िररकशलित   तक के अछधकतम वाछर्षक प्तयक् छव्ेशी
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        ‘अमृत काल’ की शुरुआत का प्तीक है।   छनवेश (एफडीआई) प्वाह और एकसिोट स्ष
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        सवतंत्रता के 75 वर्ष िूरे होने के उिलक्य में   के 400 छबछलयन डॉलर तक िहँचने में भी
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        ्ेश भर में ‘जन भागी्ारी’ की भावना स  े  िररलछक्त होती है। इस बीच, नवमबर, 2022
        ‘आ़जा्ी का अमृत महोतसव’ के  समारोहों   तक छडछजटल भुगतान बढ़कर 11.90 लाख
        का आयोजन, भारत की उिलशबधयों को    करोड़  रुिये  तक  हो  जाने  से  एक  बड़ा
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        प््छश्षत  करने  और  भछवषय  का  रोडमि   ब्लाव आया है। यह छवशर रूि से रेहड़ी-
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        तैयार करने का प्यास है।           िटरी वालों और अनय िोटे उियोगकता्षओं
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            प्धानमत्री  ने  सवतंत्रता  छ्वस  के   के छलए वर्ान साछबत हो रहा है।
        समबोधन में 2047 तक भारत को िूरी तरह   कृछर के मोचवे िर भारतीय छकसान
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        से छवकछसत राषट्र बनाने के अिने ्शषटकोण   ्ेश  की  अथ्षवयवसथा  के  छवकास  में
        को िाँच प्छतज्ााओं या संकलिों– ‘िंच प्ण’   योग्ान ्ेना जारी रखे हुए है। उ्ाहरण के
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        के माधयम से रेखाछकत छकया था। ये हैं ः   छलए, छ्समबर, 2022 में खाद्ान्न उतिा्न
        1. छवकछसत भारत के ्ृढ़ संकलि के साथ   बढ़कर 315.72 छमछलयन टन हो गया (चौथ  े
        आगे बढ़ना, 2. औिछनवछशक मानछसकता    अछग्रम अनुमान के अनुसार) जो अब तक
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        के हर छनशान को हटाना, 3. अिनी जड़ों िर   का सबसे अछधक है। आज भारत गेहँ के
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        गव्ष करना, 4. राषट्र की एकता को म़जबूत   साथ-साथ चावल के उतिा्न में भी ्छनया
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        करना और 5. सभी नागररकों में कत्त्षवय   में ्ूसरे सथान िर है।
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