Page 15 - Mann Ki Baat December 2022
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कोलकली, िरीचाकली, छकछलपिाट्ट और प्ाचीन िरमिरा को आगे बढ़ा रही हैं,
िारमिररक गानों की ट्रेछनंग ्ी जाती है, िूरे मनोयोग से बढ़ा रही हैं, ये उसका
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यानी िुरानी छवरासत, नई िीढ़ी के हाथों अ् भुत उ्ाहरण है।
में सुरछक्त हो रही है, आगे बढ़ रही ह ै साछथयो, ‘मन की बात’ के श्ोताओं
और साछथयो मुझे ख़ुशी है इस प्कार के को मैं कना्षटका के गडक छजले में रहन े
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प्यास ्ेश में ही नहीं; छव्ेश में भी हो रह े वाले ‘कवमश्ीजी’ के बारे में भी बताना
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हैं। हाल ही में ्ुबई से ख़बर आई छक वहा ँ चाहता हँ। ‘कवमश्ी’ ्छक्ण में कना्षटका
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के कलारी कलब ने छगनीज बुक आ्फ की कला-संसकृछत को िुनजजीछवत करन े
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वलड्ड छरकॉड्ड में नाम ्ज्ष छकया है। कोई के छमशन में छििले 25 वरवों से अनवरत
भी सोच सकता है छक ्ुबई के कलब न े लगे हुए हैं। आि कलिना कर सकते हैं
छरकॉड्ड बनाया तो इसमें भारत से कया छक उनकी तिसया छकतनी बड़ी है। िहल े
समबनध? ्रअसल ये छरकॉड्ड भारत की तो वो होटल मैनजमेंट के प्ोफेशन से जुड़े
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प्ाचीन माश्षल आट्ड कलारीियट्टू से जुड़ा थे, लछकन अिनी संसकृछत और िरमिरा
है। ये ररकॉड्ड एक साथ सबसे अछधक को लेकर उनका लगाव इतना गहरा
लोगों के द्ारा कलारी के प््श्षन का था छक उनहोंने इसे अिना छमशन बना
है। कलारी कलब ्ुबई ने ्ुबई िछलस छलया। उनहोंने ‘कला चेतना’ के नाम स े
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के साथ छमलकर ये पलान छकया और एक मंच बनाया। ये मंच आज कना्षटका
यूएई के नेशनल डे में प््छश्षत छकया। के और ्ेश-छव्ेश के कलाकारों के कई
इस आयोजन में 4 साल के बच्ों स े काय्षक्म आयोछजत करता है। इसमें
लेकर 60 वर्ष तक के लोगों ने कलारी लोकल आट्ड और कलचर को प्मोट
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की अिनी क्मता का बेहतरीन प््श्षन करने के छलए कई इनोवछटव काम भी
छकया। अलग-अलग िीछढ़याँ कैसे एक होते हैं।
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