Page 26 - Mann Ki Baat December 2022
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            आत्मननर्भर रारत...आत्मननर्भर कवि...

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                             प्राकततक कवि

                                          के छलए ्ेशवाछसयों को प्रणा ्ी है। वर्ष
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                                          2047 तक छवकछसत भारत का संकलि,
                                          गुलामी की मानछसकता से मुशकत, अिनी
                                          छवरासत िर गव्ष, एकता एवं एकजुटता
                                          और  नागररकों  का  कत्त्षवय  जैसे  ‘िंच
                                          प्ण’ से उनहोंने प्तयेक भारतीय को श्ष्ठ
                                                                     े
                                          राषट्र के छनमा्षण के छलए प्ररत छकया है।
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                                             आ़जा्ी  के  इस  ‘अमृत  काल’  में
                                          छवकछसत भारत के छनमा्षण के छलए हमें
                 आचाय्ष ्ेवव्रत
                 राजयिाल, गुजरात          जनशशकत  को  प्ेररत  कर  रासायछनक
                                          कृछर की गुलामी से मुशकत िाने का भी
                                          संकलि  लेना  है।  आज  समग्र  छव्व
                                          रासायछनक  कृछर  के  ्ुषिररणामों  से
            भारत ्ेश ने अिनी आ़जा्ी के 75   त्रसत है। छवशेरज्ा बता रहे हैं छक गलोबल
        वर्ष िण्ष कर अिने ‘अमृत काल’ में प्वेश   वाछमिंग की समसया के िीिे 24 प्छतशत
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        छकया  है।  भारत  के  यशसवी  प्धानमंत्री   रासायछनक  कृछर  एवं  जैछवक  कृछर
        नरेनद्र  मो्ी  के  नेतृतव  में  आज  भारत   छजममे्ार  है।  रासायछनक  उव्षरकों  के
        ते़जी से आगे बढ़ रहा है। भारत ्ेश ने   अँधाधुनध उियोग से ्ेश की उिजाऊ
        ‘सबका साथ, सबका छवकास’ कम्ष-मंत्र   जमीन  बंजर  हो  रही  है।  रासायछनक
        के साथ राषट्र की उन्नछत में जनशशकत के   उव्षरक एवं कीटनाशकों के छलए केनद्र
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        सामरय्ष को जोड़ा है। आज भारत ्छनया   सरकार  को  प्छतवर्ष  लगभग  ्ो  लाख
        की  िाँचवीं  सबसे  बड़ी  अथ्षवयवसथा   करोड़ का आछथ्षक बोझ उ्ठाना िड़ रहा
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        बनकर समथ्ष भारत-सशकत भारत के      है। रासायछनक कृछर और ्छरत खाद्ान्न
        संकलि के साथ आतमछनभ्षर भारत के    से लोग कैंसर, डायछबटीज जैसे असाधय
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        छवकास लक्य के प्छत िण्ष समि्षण भाव   रोगों  के  छशकार  हो  रहे  हैं।  इन  सभी
        से अहछन्षश आगे बढ़ रहा है।         समसयाओं  से  मुशकत  िाने  का  सक्म
            भारत वर्ष 2047 में अिनी आ़जा्ी   उिाय प्ाकृछतक कृछर है। प्ाकृछतक कृछर
        का शताब्ी वर्ष मनाएगा। प्धानमंत्री ने   से ्ेशी गाय का संरक्ण होगा। छकसान
        ‘एक  भारत,  श्ष्ठ  भारत’  का  संकलि   और खेती समृद् बनेंगे।
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        ्ोहराते हुए लाल छकले की प्ाचीर से ‘िंच   आतमछनभ्षर  भारत  के  छलए
        प्ण’ द्ारा ‘अमृत काल’ के इस नए युग   आतमछनभ्षर छकसान होना आव्यक है


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