Page 29 - Mann Ki Baat December 2022
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रखते हुए अिने शहरों, शैछक्क संसथानों, बड़ी संखया में हैं। आने वाले वरवों में हमें
सवासरय तथा िररवहन बुछनया्ी ढाँचे का इस ब्लाव का छसफ्क एक छहससा नहीं,
छवसतार और वयािार- अनुकूल वातावरण बशलक इसमें अगुआ होना चाछहए।
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प््ान करना होगा। आछथ्षक ्शषटकोण से एक अनय
भारत खाद् और ऊजा्ष-सुरक्ा महत्विण्ष िहलू है छक हमें आयात को
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क्ेत्रों में भी अचिी शसथछत में है, जो हमारे छनबा्षध रूि से होने ्ेना चाछहए। इन
अग्रणी नीछतगत लक्यों में शाछमल हैं। आयात का भुगतान करने के छलए
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हमने सौर और िवन ऊजा्ष के क्त्र में जाछहर है हम छनया्षत बढ़ाएँगे। हमें
प्भावशाली प्गछत की है, लेछकन इस क्त्र वयािार बाधाएँ कम करनी चाछहए और
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में अिना िूरा ्ब्बा बनाने के छलए हमें समान छवचारधारा वाले ्ेशों के साथ
ग्रीन हाइड्ोजन और बाजरा-आधाररत मुकत वयािार समझौते करने चाछहए।
िोरण िर धयान केशनद्रत करना चाछहए। अनत में, मैं इस तरय िर बल ्ेना
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हाल के वरवों में भारत का सु्ढ़ और चाहूँगा छक हमें अिनी अथ्षवयवसथा
अतयछधक सुलभ छडछजटल बुछनया्ी को उ्ार बनाने की ओर लौटने की
ढाँचा, छजसमें छडछजटल भुगतान प्णाली आव्यकता है। छकसे भी ्ेश ने अिनी
और हर छकसी को डाटा की सुलभता अथ्षवयवसथा खोले छबना 8 से 10 प्छतशत
शाछमल हैं, एक बड़ी उिलशबध रही है। छवकास हाछसल नहीं छकया है और तभी
अब इसी बुछनया्ी ढाँचे िर हम कृछत्रम वह वै्वीकरण में शाछमल हो सका।
मेधा (एआई) जैसे क्ेत्रों में नए छवकास ‘अमृत काल’ में आगे बढ़ने और
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करने की बेहतर शसथछत में हैं। छडछजटल आछथ्षक क्त्र में असली मायनों में
और एआई युग का आगमन, भारत के आतमछनभ्षरता प्ापत करने के छलए भारत
छलए इससे अछधक उियुकत समय िर को भी यह राह िकड़नी चाछहए।
नहीं हो सकता था। इन प्ौद्ोछगछकयों का डॉ. अरछवन् िनगछढ़या स े
्ोहन करने के छलए युवा सबसे अचिी भारतीय अथ्षवयवसथा के बार े
शसथछत में हैं और सौभागय से भारत में वे में और जानने के छलए QR कोड
सकैन करें।
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