Page 60 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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रहे हैं। िािरा और नगर हवेली एवं िमन    “हमारे पलए ्ह बहुत खुशी की              सौंि  िी;  रुद्रप्र्ाग  के  मनोि  बैंिवाल,   उन लोगों का सममान हुआ, पिनके अिक
                                                                                                                                           ु
        और िीव का ही उिाहरण ले लीपिए। ्हा  ँ  बात है पक प्रधानमत्री ने ‘मन की बात’     िो  पिछले  25  व्शों  से  िपवत्र  सिलों  को   प्र्ासों  से  उनके  समिा्ों  में  लोगों  के
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        मपडकल कॉलि के छात्रों ने 50 गाँवों को   में हमारे इस पवलि अडॉपशन प्रोग्राम     पलानसटक-मुकत करने में भी िुटे हुए हैं,   िीवन में महतविणषि बिलाव आए हैं।
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        गोि  पल्ा  है।  ग्रामवापस्ों  को  पवपभन्   का उललख पक्ा।”                      ्ा िेवर गाँव की चमिािेवी, पि्होंने सैकड़ों   अगर  लगन  हो,  अिने  कत्तषिव्ों  के
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        बीमारर्ों  से  बचने  के  बारे  में  िागरूक                                     िेड़ लगाकर एक हरा-भरा वन त्ार कर    प्रपत गमभीरता हो, तो एक व्नकत भी िूर  े
                                                                                                               ै
        करने के साि-साि बीमारी के सम् में                    -रूिाली बरर्ा             पि्ा है, हमारे िेश में ऐसे अनपगनत लोग   समाि का भपवष् बिल सकता है। आि
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                                                                                                                                              ु
        मिि करने और सरकारी ्ोिनाओं के         छात्रा, नमो मपडकल एिुकेशन एंड            हैं, पि्होंने सव से ऊिर उठकर समाि की   िब भारत एक गलोबल सिरिावर बनन  े
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        बारे में गाँवों के लोगों को अवगत करान  े   ररसचषि इनसटट्ट, पसलवासा             सेवा के मंत्र को अिना िीवन ध्े् बना्ा   की ओर अिने किम बढ़ा रहा है, तो ज़रूरी
        का का्षि ्े छात्र कर रहे हैं।                                                  हुआ है।                            है पक हर नागररक सशकत बने, समाि को
            ‘Self4Society’ के आधार िर 2018 में   है। राषट् पनमाषिण की ्ात्रा में सरकार के   िब मन में लोगों की सेवा का भाव   सशकत करे और िररणामसवरूि िेश को
        ‘मैं नहीं हम’ िोट्टल को लॉ्च पक्ा ग्ा,   प्र्ासों  के  साि-साि  हर  नागररक  की   हो, िररवतषिन लाने की इचछाशनकत हो, तो   सशकत करे और ्ह तब होगा, िब हम
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        िो एक मंच बना उन आईटी िेशेवरों और   पज़ममेिारी  बनती  है  पक  वह  अिने  सतर    बड़े-से-बड़े लक्् को िाना संभव हो िाता   ‘वसुधैव कुटुमबकम ’ का अनुसरण करेंग  े
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        संगठनों के पलए िो सामापिक मद्दों और   िर सािी िेशवापस्ों के कल्ाण के पलए       है। समाि-सेवा का का्षि सबके पलए एक   और एक िररवार की तरह एक-िूसरे के
        समाि की सेवा में का्षिरत हैं। ्ह िोट्टल   अिना ्ोगिान िे।                      गवषि का पव्् होना चापहए और इस भावना   पलए  खड़े  होंगे।  ‘अमृत  काल’  में  प्रवेश
        आि समाि के कमज़ोर वगशों की सेवा में,   अिने  ‘मन  की  बात’  समबोधनों  में      को बढ़ावा िेने हेतु सरकार ने िद्म िुरसकरों   करते हुए ्ही हमारा संकलि होना चापहए
        ़खासकर प्रौद्ोपगकी के फ़ा्िों के ज़ररए,   अनेक  बार  प्रधानमत्री  ने  ऐसे  लोगों  का   को 'िीिुलस िद्म' का रूि पि्ा है, पिसस  े  और ्ही हमारी साधना भी होनी चापहए।
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        सह्ोग  को  बढ़ावा  िेने  में  उतप्ररक  की   उललख  पक्ा  है,  पि्होंने  अिना  समूचा
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        भपमका पनभा रहा है।                 िीवन समाि सेवा के पलए समपिषित कर
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            िैसा पक प्रधानमंत्री कहते हैं, “अनेक   पि्ा।  आंध्रप्रिेश  के  मकाषििुरम  के  राम
        अवसरों िर िब ‘सरकार’ कुछ नहीं कर   भिाल रेड्ी हों, पि्होंने ररटा्रमेंट के बाि
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        िाती है, तो उसे ‘संसकार’ कर पिखाते हैं।”   पमलने वाली अिनी सारी कमाई करीब 100
        सरकार नागररकों के पहत के पलए अनेक   बपच््ों की पशक्ा के पलए िान कर िी, ्ा
        ्ोिनाएँ  लेकर  आ  सकती  है,  लेपकन   आगरा, उत्तर प्रिेश के श्ाम पसंह, पि्होंन  े
        पकसी  भी  िहल  को  सिलता  उसमें    ररटा्रमेंट िर पमली अिनी सारी धनरापश
        शापमल लोगों की भागािारी से ही पमलती   अिने गाँव तक मीठा िानी िहँचाने के पलए
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