Page 64 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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                                                                                       प्रणाली तैनात की है। आईटी पलटिॉमषि, पन-  अपतररकत पनिान और िाँच करवाने अिवा
              रीबी उन्मूिन क लिए जन-आंदोिन                                             क्् लाइव राषट्ी् डाटा भणडार के रूि में   उ्ह व्ावसाप्क प्रपशक्ण िेने के रूि में
                                     े
                                                                                                                             ें
                                                                                       का्षि करता है, पिसकी मिि से का्षिक्रम   मिि करना चाहेंगे।
                                                                                           ु
                                                                                       से िड़ी टीमें उन्त पवशले्ण कर िाती हैं   एक महीने से भी कम सम् में इस
                                                                                                                    े
                                                                                                                                              ्
                                           भर में टीबी के अपधक रोपग्ों वाले 350        और टीबी महामारी पवज्ाान, उिचार कवरि   िहल को पिस तरह की अि भुत प्रपतपक्र्ा
                                           से अपधक पज़लों में प्रभावी प्रणापल्ाँ शुरू   और का्षिक्रम के कामकाि को समझन  े  पमली, वह पिल को छू लेने वाली है। इस
                                           की गईं तापक िेखभाल के स्ोत की िरवाह         के पलए एक पवशाल संसाधन भी पमलता है।   अपभ्ान के तहत 10 लाख टीबी रोपग्ों
                                           पकए  पबना  सभी  रोपग्ों  को  मानकीकृत       का्षिक्रम के कुछ तत्वों को मज़बूत करन  े  के एक समूह ने सहा्ता लेने को सहमपत
                                                                                                              ें
                                           और  गुणवत्तािणषि  िेखभाल  प्रिान  करना      के पलए आपट्टपफ़पश्ल इंटेपलिस (एआई)   व्कत  की।  िवाब  में  28,000  से  अपधक
                                                      ू
                                           सपननशचत  हो  सके।  कुछ  महत्विणषि           वाले समाधान भी तलाशे िा रहे हैं, िैस  े  पन-क््  पमत्र  (िाता)  सामने  आए,  िो  9.8
                                            ु
                                                                        ू
                                                                                                       ै
                                           नीपतगत बिलाव करके इस िहल से पनिी            एकस-रे  सक्रीपनंग,  निापनक  िरीक्णों  की   लाख (97 प्रपतशत) से अपधक टीबी रोपग्ों
                                                                                               ं
                                                                                                                                  ें
                                           क्त्र में टीबी मामलों की सूचनाएँ पमलन  े    सवतः रीपडग, हॉटसिॉट मैपिंग आपि। इन   को मिि िगे। ्ह भारत को एक सवसि
                                            े
                                                                                                                                                    ं
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                                           में तज़ी से सुधार हुआ (2014 में लगभग 1      नए पवकलिों से सटीक उिचार कर िाने की   राषट्  बनाने  और  सबसे  ़िरूरतमिों  की
                 डॉ. पवनोि िॉल             लाख मामले और 2019 में 6.6 लाख)।             अत्पधक समभावना है।                 िेखभाल के पलए हमारे उिार समाि की
                                                                                                                          प्रपतबदता का शानिार उिाहरण है।
                                                                                           कोई भी राषट्ी् सवासर् पमशन लोगों
                 सिस्, नीपत आ्ोग              इसके अलावा, पनिान समब्धी क्मता
                                           के  उन््न  और  पवसतार  िर  भी  ध्ान         की सपक्र् भागीिारी और एकिुटता के       ्ह िहल हमारे अ्् प्र्ासों के साि-
                                                                                                                                                  ू
                                           पि्ा ग्ा है। आि 3,700 से अपधक उन्त          पबना सिल नहीं हो सकता है। 2025 का   साि चलनी चापहए। सबसे महत्विणषि तो ्ह
                                                 ु
                                           मॉपलक्र डा्ग्ॉनसटक लैब हैं। िेश के          लक्् बहुत िूर नहीं है, इसपलए टीबी की   है पक अगर हमारी िानकारी में कोई टीबी
                                                                                                                                        ें
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                              े
            2018  में  प्रधानमत्री  नर्द्र  मोिी  न  े  हर पज़ले में िेश में ही पवकपसत पकए गए   समानपत  के  पलए  हर  क्ेत्र  के  लोगों  को   से िीपड़त है तो उ्ह उपचत उिचार लेने में
                                                                                                            ं
                                                                                                                                      े
        पवशव के पलए सतत पवकास लक्् प्रानपत के   ऐसे उिकरण हैं, पिनसे निापनक सेवाए  ँ   साि  आ  कर  इसे  िन-आिोलन  बनाना   मिि करें। लमब सम् तक खाँसी रहना
                                                               ै
        पनधाषिररत व्षि 2030 की सम् सीमा से िाँच   लोगों  को  उनके  आस-िास  ही  उिलबध   होगा। इसके पलए समाि के प्रभावशाली   ्ा टीबी के अ्् लक्ण होने िर शुरुआती
                                                                                                  े
        साल िहले ही व्षि 2025 तक िेश से टीबी   करवाई गई हैं।                           व्नकत्ों, पवश्कर पनवाषिपचत प्रपतपनपध्ों,   इलाज़ लेना बेहि ज़रूरी होता है, क्ोंपक
                                                                                                                                                 षि
        समापत पकए िाने का आह्ान पक्ा िा।      सरकार  ने  बैडाकवीलीन  और                बड़े व्वसा्ी एवं उद्ोगिपत्ों, िानी-मानी   इस के बाि ही आगे की कारवाई संभव
                                                                                                                 ु
        इसके बाि ही टीबी-मुकत भारत का लक््   डेलामापनड िैसे नए, सुरपक्त और उिचार       हनसत्ों, मीपड्ाकपमषि्ों और सामिाप्क   होगी। ऐसे लोगों का एकस-रे और अ््
                                                                                                         ू
        हापसल करने के पलए रोगी-केंपद्रत, व्ािक   की छोटी अवपध वाली औ्पध्ाँ उिलबध       नेताओं  िर  टीबी  उ्मलन  को  अिना   िरीक्ण करवाने और उिचार शुरू करवान  े
                                                                                                      े
        और उत्तरिा्ी राषट्ी् रणनीपतक ्ोिना   करवाने में भी तज़ी पिखाई, पिससे िवा       समिषिन िेने की पवश् पज़ममेिारी है।  में  मिि  िेने  आगे  आएँ।  मीपड्ा  इस
                                                        े
                                                                                                                                   ु
        शुरू की गई। टीबी का िता लगाने, इसकी   प्रपतरोधी  टीबी  रोपग्ों  के  उिचार  के      पिछले  महीने  भारत  के  राषट्िपत   बीमारी से िड़ा कलंक िूर करने में और
                                                                                                                                                       े
                                                                                                                                 ू
                                                                                                               ं
        रोकिाम करने, टीबी मरीज़ों के उिचार   िररणामों में महत्विणषि सुधार हुआ है। इस   द्ारा  शुरू  पक्ा  ग्ा  ‘प्रधानमत्री  टीबी   भी बड़ी भपमका पनभा सकता है। हमें पवश्
                                                         ू
        और उनकी बाि की िेखभाल िैसे अनेक    का्षिक्रम के तहत टीबी रोगी को उिलबध         मुकत भारत अपभ्ान’, टीबी रोपग्ों की   रूि  से  अिनी  िनिाती्  आबािी  तक
                                                                                                             ्
                                                                                                                            ु
                                                                                                                                                      ु
        िररवतषिन करके इस का्षिक्रम को अपधक   सहा्ता का िा्रा बढ़ाने की आवश्कता          िेखभाल  में  समाि  की  सि भावना  का   िहँचने की ज़रूरत है, क्ोंपक उनके सिूर
                                                                                                                                                       े
        प्रभावी बना्ा ग्ा।                 को भी समझा ग्ा और उिचाराधीन सभी             लाभ उठाने की एक अनूठी िहल है। इस   इलाके  और  िररवार  की  पनधषिनता  पवश्
                                                                                          ं
                                                                                                           ु
                                                                                                    े
            िेखा  ग्ा  पक  बड़ी  संख्ा  में  रोगी   रोपग्ों को प्रत्क् नक़ि लाभ के माध्म   आिोलन  का  उद्दश्  समिा्ों  को  टीबी   चुनौपत्ाँ िेश करते हैं। आपिवासी कल्ाण
                                                                                                                                      ै
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        पनिी  क्त्र  में  उिचार  प्रापत  कर  रहे  हैं,   से िो्णिपतषि के पलए पन-क्् िो्ण ्ोिना   उ्मलन पमशन के पलए एकिुट करना   पवभागों  और  ग़र-सरकारी  संगठनों  को
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        लपकन टीबी प्रणापल्ों से िूरी तरह न िड़े   शुरू की गई।                           है। ‘िीएम टीबी मुकत भारत अपभ्ान’ का   इस पमशन के पलए हर संभव प्र्ास करन  े
                                                                                          े
        होने के कारण उनकी कारगर िेखभाल        भारत  उन  कुछ  िेशों  में  शापमल  है,    उद्दश्  व्नकत्ों  से  लेकर  संगठनों  तक   की आवश्कता है।
        में  बाधा  आ  रही  है।  इससे  पनिटने  के   पि्होंने  प्रत्ेक  टीबी  रोगी  की  िेखभाल   के लोगों को उिचाराधीन टीबी रोपग्ों स  े  हम टीबी समापत करने के लक्् के
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        पलए इपड्न मपडकल एसोपसएशन और        समब्धी  िूरे  काम  िर  पडपिटल  रूि  स  े    िोड़ना है। इन रोपग्ों की मिि के इचछुक   करीब हैं। प्रभावी का्षिक्रम और मज़बूत
                                                                                                                                ं
        इपड्न अकेडमी ऑि िीपड्ापट्कस िैस  े  नज़र रखने तिा ज़मीनी सतर से राषट्ी्        लोग सव्ं चुन सकते हैं पक वे रोगी को   िन-आिोलन के बल िर हम इसे आसानी
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        िेशेवर  संगठनों  के  साि  पमलकर,  िेश   सतर तक सूचना भिने के पलए इलकट्ॉपनक     पकस तरह ्ानी अपतररकत िो्ण िेने में,   से हापसल कर सकेंगे।
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