Page 7 - Mann Ki Baat- Speech
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मेरे �ारे दशवा�सय�, ‘मन क� बात’ क� एक माधवपुर मेला कहाँ लगता ह, �� लगता ह,
East और West का ये गहरा नाता, हमारी
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खूबसूरती ये भी ह �क मुझे आपक स�श बहुत कसे ये भारत क� �व�वधता से जुड़ा ह, ये
धरोहर ह। समय क साथ अब लोग� क प्रयास से,
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सी भाषाओं, बहुत सी बो�लय� म� �मलते ह। कई जानना मन क� बात क श्रोताओं को बहुत
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माधवपुर मेल म� नई- नई चीज� भी जुड़ रही ह।
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लोग MYGOV पर Audio message भी Interesting लगेगा।
हमारे यहाँ क�ा प� को घराती कहा जाता ह ै
भेजते ह। भारत क� सं��त, हमारी भाषाओं,
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सा�थय�,“माधवपुर मेला” गुजरात क पोरबंदर और इस मेल म� अब नॉथर् ई� से बहुत से घराती
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हमारी बो�लयाँ, हमारे रहन-सहन, खान-पान
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म� समुद्र क पास माधवपुर गाँव म� लगता ह। भी आने लगे ह| एक स�ाह तक चलने वाल े
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का �व�ार, ये सारी �व�वधताए हमारी बहुत
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ल�कन इसका �ह�ु�ान क पूव� छोर से भी माधवपुर मेल म� नॉथर् ई� क सभी रा�� क
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बड़ी ताकत ह। पूरब से प��म तक, उ�र से
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नाता जुड़ता ह। आप सोच रह ह�ग� �क ऐसा कसे आ�ट � � (artist) पहुचते ह, हडीक्रॉ�
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द��ण तक भारत को यही �व�वधता, एक
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संभव ह ? तो इसका भी उ�र एक पौरा�णक (handicraft) से जुड़ कलाकार पहुचत� ह और
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करक रखती ह , एक भारत-श्रे� भारत
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कथा से ही �मलता ह। कहा जाता ह �क हजार� इस मेल क� रौनक को चार चाँद लग जाते ह।
बनाती ह । इसम� भी हमारे ऐ�तहा�सक �ल�
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वषर् पूवर् भगवान् श्री क� का �ववाह, नॉथर् ई� एक स�ाह तक भारत क पूरब और प��म क�
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और पौरा�णक कथाओं, दोन� का बहुत
क� राजकमारी रु��णी से हुआ था। ये �ववाह सं��तय� का ये मेल, ये माधवपुर मेला, एक
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योगदान होता ह। आप सोच रह ह�गे �क ये बात
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पोरबंदर क माधवपुर म� संप� हुआ था और भारत – श्रे� भारत क� बहुत सु�र �मसाल
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म� अभी आपसे �� कर रहा हू। इसक� वजह ह ै
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उसी �ववाह क प्रतीक क रूप म� आज भी वहां बना रहा ह| मेरा आपसे आग्रह ह, आप भी इस
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“माधवपुर मेला”।
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माधवपुर मेला लगता ह। मेल क बारे म� पढ़ और जान�।
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