Page 9 - Mann Ki Baat- Speech
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मेरे �ारे

                                                                                                                                             दशवा�सय�,
                                                                                                                                               े
                                                                                                                                             ‘मन क� बात’ म� इस बार भी हमने

                                                                                                                                             अनेक �वषय� पर बात क�। अगल  े
                                                                                                                                             महीने बहुत से पवर्-�ोहार आ रह  े
                                                                                                                                                                     ै
                                                                                                                                                 ु
                                                                                                                                             ह।  कछ  �दन  बाद  ही  नवरात्र  ह।
                                                                                                                                              �
                                                                                                                                             नवरात्र म� हम व्रत-उपवास, श��
                                                                                                                                             क� साधना करते ह, श�� क� पूजा
                                                                                                                                                           �
                                                                                                                                                   �
                                                                                                                                             करते  ह,  यानी  हमारी  पर�राए  ं
                                                                                                                                                                  �
                                                                                                                                             हम�  उ�ास  भी  �सखाती  ह  और
                                                                                                                                             संयम भी। संयम और तप भी हमारे
                                                                                                                                                        ै
                                                                                                                                             �लए  पवर्  ही  ह,  इस�लए  नवरात्र
                                                                                                                                                             े
                                                                                                                                             हमेशा से हम सभी क �लए बहुत
                                                                                                                                                                    े
                                                                                                                                                      ै
                                                                                                                                                               े
                                                                                                                                             �वशेष रही ह। नवरात्र क पहल ही
                                                                                                                                             �दन  गुड़ी  पड़वा  का  पवर्  भी  ह।
                                                                                                                                                                     ै
                                                                                                                                             अप्रैल  म�  ही  Easter  भी  आता  ह  ै
                                                                                                                                                         े
                                                                                                                                             और  रमजान  क  प�वत्र  �दन  भी
                                                                                                                                                        �
                                                                                                                                             शुरू  हो  रह  ह।  हम  सबको  साथ
                                                                                                                                                      े
                                                                                                                                             लकर अपने पवर् मनाए, भारत क�
                                                                                                                                               े
                                                                                                                                                              ँ
                                                                                                                                             �व�वधता को सश� कर�, सबक�
                                                                                                                                             यही कामना ह। इस बार ‘मन क�
                                                                                                                                                        ै
                                                                                                                                             बात’  म�  इतना  ही।  अगल  महीने
                                                                                                                                                                े
                                                                                                                                             आपसे  नए  �वषय�  क  साथ  �फर
                                                                                                                                                             े
                                                                                                                                             मुलाकात होगी।
                                                                                                                                             बहुत-बहुत ध�वाद !






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