Page 22 - Putting Farmers First Hindi
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अनुबंध कृहि कानून



                 का प्रभाव









             अनुबंध खेती में किसान िो एि तय िीमत िा भरोसा।




             अनुबंध खेती फसल िी बुवाई से पहले ही किसान और खरीददार िे बीच एि
             अनुबंध िी प्रकिया है। कजसमें किसान िो पहले से ही यह पता होगा कि उसे अपनी
             फसल िा कितना नयूनतम सम््भन मूलय (एमएसपी) कमलेगा, इसकलए वह फसल
             िी बुवाई से पहले ही एमएसपी से अकधि मूलय पर मोल-भाव िर सिेगा।






             एमएसपी वासतव में किसानों िे कलए सौदा िरने िे शुरुआती  मूलय  िे रूप में िाम
             िरेगी और किसानों िो  सशकत बनाएगी।




             अनुबंध िा मूलय  िेवल वह नयूनतम मूलय है जो किसान िो कमलेगा। अगर खरीददार
             उममीद से अकधि लाभ अकज्भत िरता है, तो किसान तय किए गए नयूनतम मूलय  पर
             बोनस प्रापत िरने िे हिदार होंगे।




             इसिा अ््भ है कि खरीददार िो पुन: कबरिी/मूलय संवध्भन (वैलयू एकरशन) िरते हुए
             अगर हाकन भी होती है तो भी किसान िो कनशशचत मूलय प्रापत  होगा। लेकिन अगर
             उममीद से अकधि लाभ होता है तो किसान िो भी उस लाभ िा कहससा  कमलेगा।



             आढकतये भी खरीददार बनिर अनुबंध खेती िानून िा उपयोग िरिे सशकत बन
             सिते हैं, कयोंकि किसानों िे सा् उनिा पहले से ही संबंध होता है और वे अच्ी तरह
             जानते हैं कि किसान कया उतपादन िर रहे हैं।



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          15 | अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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