Page 49 - Putting Farmers First Hindi
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जैबवक खेतरी को िढावा
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वि्थ 2015-16 ि जमवक खती को बढावा दन के मलए परंपरागत कृमि मवकास
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्योजना की रुरुआत की गई री। इस ्योजना के तहत मकसानों की लागत जरूरतों
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को पूरा करन ि िदद मिलती है।
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इस ्योजना के तहत 6.19 लाख हषेकट्यर क्षेत्र को कवर मक्या ग्या है और
15.47 लाख मकसानों को इसका लाभ मिला है।
पववोत्र भारत की जलवा्यु रुरू सषे ही जमवक खती के अनुकूल रही है। इसी
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खामस्यत को दखत हुए पववोत्र भारत ि जमवक िूल्य श्रखला मवकास मिरन की
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रुरुआत की गई है। इसी के तहत 169 मकसान उतपादन संग्ठन (एफपीओ) का
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ग्ठन मक्या ग्या है मजसस 83,096 मकसान जड़टे हुए हैं। इसके अंतग्थत 79,455
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हकट्यर कृमि क्षेत्र ि जमवक खती की जा रही है ।
स्युकत राज्य अिररका, मरिटन, फास, दुबई, सवाजीलैंर को अदरक, हलदी,
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मिच्थ, प्रसंसकृत अनानास आमद का मन्या्थत मक्या ग्या है। काल राई अदरक और
औिधी्य पौधों की अनुबंध पर खषेती रुरू की गई है।
जरीरो िजट खेतरी को िढावा
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जीरो बजट खती ऐसी खती है मजसिें रासा्यमनक खाद का इसतषेिाल नहीं
मक्या जाता है। इसके अलावा इसिें मकसान को अपनी लागत, खती के जररए
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ही वसूल हो जाती है। ्यानी उस पर कोई अमतररकत दनदारी नहीं रहती है।
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इसके जररए छोट और सीिांत मकसान के मलए भी खती एक फा्यद का
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सौदा बन जाती है और वह कज्थ के जाल िें नहीं फंसता है।
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चूंमक रुरुआत स जीरो बजट खती िें प्राकृमतक खाद का इसतषेिाल मक्या
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जाता है, इसमलए ्यह एक प्राकृमतक तरीके स की जान वाली मटकाऊ खती का
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तरीका है।
िोदी सरकार मकसानों को भल ही खाद उपलबध करा रही है लषेमकन वह उनहें
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भमवष्य के मलए भी तै्यार कर रही है। ऐस िें जो मकसान रासा्यमनक खाद का
इसतषेिाल नहीं करना चाहत वह परंपरागत खती के तरीकों का इसतषेिाल कर
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अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार | 42
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