Page 53 - Putting Farmers First Hindi
P. 53
बकसान बहतैिरी सुधारों के परीछे बविपक्रीय सहमबत
षे
षे
षे
''मवरषेिज्ञ लंब सि्य स इन सुधारों के मलए आवाज उ्ठा रह रषे। ्यहां तक मक राजनीमतक
दल भी इन सुधारों के नाि पर वोट िांगत आ रह रषे। हर कोई चाहता रा मक ्यह सुधार होन षे
षे
षे
षे
चामहए। दरअसल असली वजह ्यह है मक मवपक्ी दल ्यह नहीं चाहत मक हिें इसका श्रषे्य
प्रापत हो।
हि भी श्रषे्य नहीं चाहत। मकसानों और श्रमिकों के कल्याण के मलए हिन ्यह सुधार
षे
षे
षे
षे
षे
षे
मकए हैं। हिार मपछल का्य्थ को दखत हुए वह हिें सिझत हैं और हिारी नी्यत पर उनको
षे
पूरा भरोसा है।
षे
षे
मपछल 6 विषों के दौरान हिन कृमि के क्षेत्र िें एक के बाद एक सुधार मकए हैं। इस प्रकार स षे
हिन जो आज मक्या है, वह उनहीं का्यषों की अगली कड़ी है जो हिन 2014 िें रुरू मकए रषे।
षे
षे
षे
हिन कई बार न्यूनति सिर्थन िूल्य िें वृमधि की है और वासतव िें कई बार हिन न्यूनति
षे
षे
षे
सिर्थन िूल्य पर मकसानों स मपछली कई सरकारों के िुकाबल अमधक खरीद की है। मसंचाई
और बीिा के क्षेत्र िें बहुत व्यापक सुधार मक्या है। मकसानों के मलए सीधी नकद सहा्यता
षे
भी हिन सुमनशशचत की है।
षे
भारती्य कृमि िें ्यह किी है मक हिार मकसानों को उनके खून-पसीन की िषेहनत के
षे
षे
बदल िें उमचत िुनाफा नहीं मिलता। सुधारों के द्ारा इस तरह का ढांचा खड़ा मक्या ग्या है
षे
जो हिार मकसानों के लाभ िें अचछी खासी वृमधि करगा। जैसा अन्य उद्ोग िें होता है एक
षे
बार जो िुनाफा प्रापत होता है उस उसी क्षेत्र िें अमधक उतपाद हामसल करन के मलए दोबारा
षे
षे
लगा मद्या जाता है। लाभ और उसके मफर स मनवषेर का एक लाभकारी चक्र बनता है।
षे
कृमि के क्षेत्र िें भी ्यह चक्र अमधक मनवषेर, नई पहल और नई प्रौद्ोमगकी के मलए दरवाज षे
षे
खोलगा। ना केवल कृमि क्षेत्र के मलए बशलक सिूची ग्ािीण अर्थव्यवसरा िें बदलाव के
मलए इन सुधारों िें बहुत संभावनाएं हैं।''
प्रधानित्री नरषेनद्र िोदी का 29 अकटूबर 2020 को इकोनॉमिक टाइमस को मदए
ं
साक्ातकार का अंर

