Page 91 - Putting Farmers First Hindi
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किसान उतपादि संगठन (एफपीओ)
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मकसान उतपादक संग्ठन दरअसल मकसानों को एक सार लान और
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संगम्ठत करनषे का िाध्यि हैं, जो उनके महतों का प्रमतमनमधतव करत हैं।
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इसिें मकसान एक दूसर के बहतर तौर तरीकों को सिझन के अलावा
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खरीददारों स संगम्ठत रूप िें बहतर िोलभाव कर सकत हैं।
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इस तरह वि्थ 2023-24 तक पूर दषेर िें 10,000 मकसान उतपादक
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संग्ठन खड़ा करन का लक््य रखा ग्या है।
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प्रधानित्री नरषेनद्र िोदी न एक मवरषेि अवसर पर बता्या मक
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मकस तरह खाद् प्रसंसकरण स मकसानों की आ्य बढ जाती है
उनहांेने कहा-
‘‘गांधीनगर के मनकट एक गांव है रूपल, जहां मिचजी की खती होती है।
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कभी-कभी जब एक मकसान कोई मवरषेि फसल उगाता है तो उस क्षेत्र
के अन्य मकसान भी वही फसल उगान लगत हैं। ्यहां िैं मजस फसल का
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मजक्र कर रहा हूं, वह मिच्थ है। ज्यादा उतपादन के पररणािसवरूप कीितें
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मगर जाती हैं। उस गांव की आिदनी सिसत मिच्थ बचन के बाद कभी
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भी 3 लाख रुप्यषे स अमधक नहीं हो पाई। ्यह रामर अपक्ा स बहद कि
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री, इसमलए ग्ािीणों न एक सोसा्यटी बनान का फैसला मक्या। जब
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उनहें 24 रंट मबजली सपलाई मिलन लगी तो उनहोंन मिच्थ का प्रसंसकरण
करन और मिच्थ पाउरर बनान की बात सोची। उनहोंन प्रोससर खरीद षे
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और अंतत: पैकेमजंग का काि भी पूरा कर मल्या। इसका पररणाि ्यह
मनकला मक 3 लाख रुप्यषे िें बची जान वाली मिच्थ को मिच्थ पाउरर
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बनाकर 18 लाख रुप्यषे िें बचा ग्या।’’
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अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार | 84
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