Page 95 - Putting Farmers First Hindi
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सरकारें नरीकत्यां बनातरी हैं, कानून-का्यदे बनातरी हैं।  नरीकत्यों और कानूनों को समथ्भन
             भरी कमलता है तो कुछ सवाल भरी सवाभाकवक हरी हैं। ्ये लोकतंत् का कहससा है और भारत
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             में ्ये जरीवंत परंपरा रहरी है। लेककन कपछले कुछ सम्य से एक अलग हरी रिर देश में देखने
             को कमल रहा है। काशरी के आप सभरी जागरूक साकथ्यो ने भरी ्ये जरूर अनुभव कक्या
             होगा। पहले होता ्ये था कक सरकार का कोई फैसला अगर ककसरी को पसंद नहीं आता था
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             तो उसका कवरोि होता था। लेककन बरीते कुछ सम्य से हम एक न्या रिर देख रहे हैं, हम
             अब देख रहे हैं कक अब कवरोि का आिार फैसला नहीं बललक भ्रम फैलाकर, आशंकाएँ
             फैलाकर, कफर तो भकव््य में ऐसा होगा, अब तो ्ये होने वाला है, उसको आिार बना्या
             जा रहा है। अपप्रचार कक्या जाता है कक फैसला तो ठरीक है लेककन पता नहीं इससे आगे
             चलकर क्या-क्या होगा और कफर कहते हैं ऐसा होगा। जो अभरी हुआ हरी नहीं है, जो कभरी
             होगा हरी नहीं, उसको लेकर समाज में भ्रम फैला्या जाता है। ऐकतहाकसक कृकर सुिारों के
             मामले में भरी जानबूझकर ्यहरी खेल खेला जा रहा है। हमें ्याद रखना है, ्ये वहरी लोग
             हैं कजनहोंने दशकों तक ककसानों के साथ लगातार छल कक्या है। अब जैसे, MSP तो
             घोकरत होता था लेककन MSP पर खररीद बहुत कम करी जातरी थरी। घोरणाएं होतरी थीं,
             खररीद नहीं होतरी थरी। सालों तक MSP को लेकर छल कक्या ग्या। ककसानों के नाम पर
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             बड़े-बड़े कज्भमाफरी के पैकेज घोकरत ककए जाते थे। लेककन छोट और सरीमांत ककसानों
             तक ्ये पहुंचते हरी नहीं थे। ्याकन कज्भमाफरी को लेकर भरी छल कक्या ग्या। ककसानों के
             नाम पर बडरी-बडरी ्योजनाएं घोकरत होतरी थीं। लेककन वो खुद मानते थे कक 1 रुपए में से
             कसफ्फ 15 पैसे हरी ककसान तक पहुंचते हैं ्याकन ्योजनाओं के नाम पर छल। ककसानों के
             नाम पर, खाद पर बहुत बडरी सल्सररी दरी गई। लेककन ्ये फकट्डलाइजर खेत से ज्यादा काला
             बाजारर्यों के पास पहुंच जाता था। ्याकन ्यूरर्या खाद के नाम पर भरी छल। ककसानों को
             Productivity बढाने के कलए कहा ग्या लेककन Profitability ककसान के बजा्य
             ककसरी और करी सुकनल्चत करी गई। पहले वोट के कलए वादा और कफर छल, ्यहरी खेल लंबे
             सम्य तक देश में चलता रहा है।’’


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             - प्रधानित्री नरषेनद्र िोदी न 30 नवमबर, 2020 को वाराणसी िें एक परर्योजना
             के रुभारमभ का्य्थक्रि िें उप्यु्थकत बातें कहीं













                                            अन्नदाता क हितों को समह्त मोदी सरकार
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