Page 10 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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लाभ का वैज्ाापनक अध््न कर सकें, ओर खींचा है, वो अभूतिवषि है। ्े हम
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मुझे लगता है पक अ्वी एक बपढ़्ा केस सबके पलए उतसाह बढ़ाने वाली बात है पक
सटडी है, िो ्ोग के सामर्षि को िाँचना- पिन लोगों का उिचार हुआ है, उनमें से
िरखना चाहते हैं, ऐसे वैज्ापनकों को आगे क़रीब आधे का बलड प्रेशर कंट्ोल में है।
आकर के अ्वी की इस सिलता िर मैं इस इपनपशएपटव के पलए काम करने
अध््न करके, ्ोग के सामर्षि से वाले उन सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई
ु
िपन्ा को िररपचत कराना चापहए। ऐसी िेता हूँ , पि्होंने अिने अिक िररश्रम से
ु
कोई भी परसचषि, िपन्ा भर में डाउन इसे सिल बना्ा।
पसंड्ोम से िीपड़त बच्ों की बहुत मिि सापि्ो, मानव िीवन की पवकास
ु
कर सकती है। िपन्ा अब इस बात को ्ात्रा पनरंतर िानी से िुड़ी हुई है - चाहे वो
सवीकार कर चुकी है पक पिपिकल और समुद्र हो, निी हो ्ा तालाब हो। भारत का
मेंटल वेलनेस के पलए ्ोग बहुत ़ज्ािा भी सौभाग् है पक करीब साढ़े सात ह़िार
को ज़रूर बताना चाहता हूँ। सापि्ो, अ्वी अ्वी अिने िो िैर िर भी खड़ी नहीं हो कारगर है, पवशे्कर डा्पबटीज़ और पकलोमीटर (7500 पकलोमीटर) से अपधक
ि्म से ही डाउन पसंड्ोम से िीपड़त हैं और िाती िी, ऐसी िररनसिपत में उनके माता- बलड प्रेशर से िुड़ी मुनशकलों में ्ोग से लमबी कोसटलाइन के कारण हमारा समुद्र
वो बचिन से ही हाट्ट की गमभीर बीमारी पितािी ने अ्वी को ्ोग सीखने के पलए बहुत मिि पमलती है। ्ोग की ऐसी ही से नाता अटूट रहा है। ्ह तटी् सीमा
से भी िूझती रही है। िब वो केवल तीन प्रेररत पक्ा। िहली बार िब वो ्ोग शनकत को िेखते हुए 21 िून को सं्ुकत कई राज्ों और द्ीिों से होकर गुिरती
महीने की िी, तभी उसे ओिेन हाट्ट सिषिरी पसखाने वाली कोच के िास गई तो वे भी राषट् ने अंतरराषट्ी् ्ोग पिवस मनाना है। भारत के अलग-अलग समुिा्ों और
ु
से भी गुिरना िड़ा। इन सब मुनशकलों के बड़ी िपवधा में िे पक क्ा ्े मासूम बच्ी त् पक्ा हुआ है। अब ्ूनाइटेड नेशन- पवपवधताओं से भरी संसकृपत को ्हाँ
बाविि न तो अ्वी ने और न ही उसके ्ोग कर िाएगी, लेपकन कोच को भी सं्ुकत राषट् ने भारत के एक और प्र्ास िलते-िकूलते िेखा िा सकता है। इतना
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माता-पिता ने कभी हार मानी। अ्वी के शा्ि इसका अंिा़िा नहीं िा पक अ्वी को परकोग्ाइज़ पक्ा है, उसे सममापनत ही नहीं, इन तटी् इलाकों का खानिान
माता-पिता ने डाउन पसंड्ोम के बारे में पकस पमट्ी की बनी है। वो अिनी माँ के पक्ा है। ्े प्र्ास है, व्षि 2017 में शुरू लोगों को खूब आकप्षित करता है, लेपकन
िूरी िानकारी इकट्ा की और पिर त् साि ्ोग का अभ्ास करने लगी और पक्ा ग्ा ‘इंपड्ा हाइिरटेंशन कंट्ोल इन म़ििार बातों के साि ही एक िुखि
े
पक्ा पक अ्वी की िूसरों िर पनभषिरता अब तो वो ्ोग में एकसिट्ट हो चुकी है। इपनपशएपटव’ इसके तहत बलड प्रेशर िहलू भी है। हमारे ्े तटी् क्त्र ि्ाषिवरण
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को कम कैसे करेंगे। उ्होंने अ्वी को अ्वी आि िेशभर के कमिेटीश्स में की मुनशकलों से िूझ रहे लाखों लोगों से िड़ी कई चुनौपत्ों का सामना कर रहे
ु
िानी का पगलास कैसे उठाना, िूते के पहससा लेती है और मेडल िीतती है। ्ोग का इलाि सरकारी सेवा केंद्रों में पक्ा हैं। कलाइमेट चेंि, मरीन इको पससटमस
िीते कैसे बाँधना, किड़ों के बटन कैसे ने अ्वी को न्ा िीवन िे पि्ा। अ्वी िा रहा है। पिस तरह इस इपनशएपटव ने के पलए बड़ा खतरा बना हुआ है तो िूसरी
लगाना, ऐसी छोटी-छोटी चीज़ें पसखाना ने ्ोग को आतमसात कर िीवन को अंतरराषट्ी् संसिाओं का ध्ान अिनी ओर हमारे बीचेज़ िर फ़ैली गंिगी िरेशान
शुरू पक्ा। कौन-सी चीज़ की िगह कहाँ आतमसात पक्ा। अ्वी के माता-पिता ने
है, कौन-सी अचछी आितें होती हैं, ्े सब मुझे बता्ा पक ्ोग से अ्वी के िीवन
कुछ बहुत धै्षि के साि उ्होंने अ्वी को में अि ्भुत बिलाव िेखने को पमला है,
पसखाने की कोपशश की। पबपट्ा अ्वी ने अब उसका सेलि काप्िडेंस गज़ब का
पिस तरह सीखने की इचछाशनकत पिखाई, हो ग्ा है। ्ोग से अ्वी की पिपिकल
अिनी प्रपतभा पिखाई, उससे उसके माता- हेलि में भी सुधार हुआ है और िवाओं की
पिता को भी बहुत हौसला पमला। उ्होंने ज़रूरत भी कम होती चली िा रही है।
अ्वी को ्ोग सीखने के पलए प्रेररत मैं चाहूँगा पक िेश-पविेश में मौिि, ‘मन
ू
पक्ा। मुसीबत इतनी गमभीर िी पक की बात’ के श्रोता अ्वी को ्ोग से हुए
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