Page 28 - Mann Ki Baat - Hindi (September, 2022)
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                              भारिरीय सांकतिक भाषा
                                गौरव और पहचाि का प्रतीक





            िीवन के संघ्शों से तिे हुए व्नकत   श्रवण  अक्मता  आि  मनुष्ों  में
                                            ं
        के  सामने  कोई  भी  बाधा  पटक  नहीं   इपद्र्ों की समस्ाओं में सबसे आम है।
        िाती। बहुत से ऐसे भी लोग होते हैं, िो   पवशव सवासर् संगठन के अनुसार भारत
        ्ा तो सुन नहीं िाते ्ा बोलकर अिनी   में लगभग 6.3 करोड़ लोग इससे िीपड़त
        बात नहीं रख िाते। ऐसे सापि्ों के पलए   हैं। राषट्ी् प्रपतिशषि सवगेक्ण का्ाषिल् के
        सबसे  बड़ा  समबल  होती  है  -  इंपड्न   एक सवगेक्ण के अनुसार, प्रपत एक लाख
                                                                                                                                                       ू
        साइन लैंगवेि।                      की आबािी िर 291 व्नकत गमभीर और              अिषि  व्कत  करने  के  पलए  एक  व्नकत   न  केवल  उन  लोगों  के  पलए  महत्विणषि
                    -प्रधानमंत्री नरे्द्र मोिी   अपत गमभीर श्रवण अक्मता से िीपड़त हैं।   इशारों  की  मिि  से  संचार  करता  है।   है, िो सुन नहीं सकते, बनलक सभी के
                                                                                                                                                  ु
             (‘मन की बात’ के समबोधन में )  इनमें से एक बड़ा प्रपतशत 0-14 व्षि के        पिछले सात व्शों में ISLRTC ने लगभग   पलए  ज़रूरी  है,  तापक  ्ह  सपननशचत
                                                                                                         ़
                                           आ्ु वगषि के बच्ों का है।                    10,000 शबिों की एक पविुअल पडकशनरी   पक्ा िा सके पक हम उनके पलए एक
                                              भारत बहुत लमबे सम् से साइन               पवकपसत की है।                      सवागत-्ोग् समाि प्रिान करें। ISLRTC
                                           लैंगवेि  ्ानी  सांकेपतक  भा्ा  के  पलए          बच्ों के पलए पशक्ा के एक समान   ने  एक  किम  आगे  बढ़ाते  हुए  िेडरल
                                                                                               ु
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                                           सिषट  इशारों  और  मानकों  के  अभाव          अवसर सपननशचत करने के पलए राषट्ी्   इंसटीट्ट ऑि साइंस एंड टेक्ोलॉिी,
                                           का सामना करता रहा है। संवाि करन  े          पशक्ा नीपत, 2020 में िेश भर में भारती्   केरल के सह्ोग से 23 पसतमबर, 2022
                                           में  असमिषि,  भारत  की  आबािी  का  ्ह       सांकेपतक  भा्ा  के  मानकीकरण  और   को  सांकेपतक  भा्ा  पिवस  िर  ‘साइन
             “्पि  हम  भारत  में  पशक्ा  की   पहससा न केवल एकांत और असंतो् की          श्रवण-बापधत  पवद्ापिषि्ों  के  उि्ोग   लनषि ऐि’ लॉ्च पक्ा।
         बात  करें  तो  बपधर  पवद्ापिषि्ों  के   भावना से िूझता है, बनलक पवकास और      के  पलए  राषट्ी्  और  राज्  िाठ्यक्रम   अब इनमें से कई िहलों के िररणाम
                                                                                                                                                      ू
         िास  पशक्ा  के  अवसरों  की  कमी   समपद के पवपभन् अवसरों से भी चूक             सामग्री के पवकास की पसिाररश की गई   सामने आने लगे हैं। हरर्ाणा की ििा
                                              ृ
         िी क्ोंपक सांकेपतक भा्ा में कोई   िाता है।                                    है। इसे पनषिापित करने के पलए, NCERT   अिने बेटे से बात नहीं कर िा रही िीं।
         सामग्री  उिलबध  नहीं  िी।  इसस  े    भारत सरकार ने भारती् सांकेपतक            ने  ISLRTC  के  साि  पमलकर  2020  में   भारती्  सांकेपतक  भा्ा  में  प्रपशपक्त
         मूक-बपधर छात्रों को कािी िरेशानी                                              िहली कक्ा  से 12वीं कक्ा तक वीपड्ो   होने के बाि माँ और बेटे िोनों का िीवन
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         हुई,  लपकन  िब  से  इपड्न  साइन   भा्ा का पवकास करने और इसे पवपभन्            िुसतकें पवकपसत करना शुरू कर पि्ा।   आसान हो ग्ा है। पतनकािी, पिनकी
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         लैंगवेि  परसचषि  एंड  ट्ेपनंग  सेंटर   क्ेत्रों में संचार के एक माध्म के रूि में   अब तक संगठन ने िहली से छठी कक्ा   छह साल की बेटी श्रवण-बापधत है, उ्होंन  े
                                                        े
         (ISLRTC) की सिािना हुई है, तब स  े  बढ़ावा िेने के उद्दश् से 2015 में भारती्   तक  के  पलए  ई-कंटेंट  शुरू  पक्ा  है।   भारती्  सांकेपतक  भा्ा  का  प्रपशक्ण
         नसिपत बिल गई है। हम सरकार के      सांकेपतक भा्ा अनुसंधान और प्रपशक्ण          वीपड्ो पडकशनरी और NCERT ई-कंटेंट   पल्ा  और  अब  वे  आसानी  से  उसस  े
         बहुत आभारी हैं।”                  केंद्र (ISLRTC) की सिािना की। भारती्        को ‘िीक्ा पलटिॉमषि’ िर एकसस पक्ा   बात  कर  सकती  हैं।  केरल  की  मििी
                                                                                                                                                     ं
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                                -मंि,      सांकेपतक  भा्ा  एक  बपधर-अनुककूल
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             पवद्ाियी, इपड्न साइन लैंगवेि   भा्ा है। ्ह पवज़ुअल-मैनुअल मोडैपलटी        िा सकता है।                        ि्म  से  ही  सुन  नहीं  िाती  िीं,  उनके
                   परसचषि एंड ट्ेपनंग सेंटर  का उि्ोग करके बनाई गई है। इसमें               भारती्  सांकेपतक  भा्ा  सीखना   माता-पिता  भी  श्रवण  बापधत  िे।  आि,
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