Page 11 - Mann Ki Baat - November2022
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हमारे देश में मयूफज़क, डांस और आट्ड
की इतनी समृद्ध फ्रासत है।
साफियो! महान मनी्ी कफ्
भतृ्यहरर को हम सब उनके द्ारा रफचत
‘नीफत शतक’ के फिए जानते हैं। एक
शिोक में ्े कहते हैं फक किा, संगीत
और साफह्य से हमारा िगा् ही
मान्ता की असिी पहचान है। ्ासत्
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में हमारी संसककृफत इसे ह्मफनटी से भी हो या फिर ह्ा का गँजता स्र, हमारी
ऊपर फडफ्फनटी तक िे जाती है। ्ेदों सभयता में संगीत हर तरि समाया हुआ
में साम्ेद को तो हमारे फ्फ्धि संगीतों है। यह संगीत न फसफ़्फ शरीर को सुकून
का स्ोत कहा गया है। माँ सरस्ती की देता है, बतलक मन को भी आनतनदत
्ीणा हो, भग्ान श्ीककृषण की बाँसुरी हो, करता है। संगीत हमारे समाज को भी
या फिर भोिेनाि का डमरू, हमारे द्ी- जोड़ता है। यफद भांगड़ा और िा्णी में
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द्ता भी संगीत से अिग नहीं हैं। हम जोश और आननद का भा् है, तो रफ्नद्र
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भारतीय, हर चीज़ में संगीत तिाश ही संगीत, हमारी आ्मा को आह्ाफदत
िेते हैं। चाहे ्ह नदी की किकि हो, कर देता है। देशभर के आफद्ाफसयों की
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बाररश की बँदें हों, पफक्षयों का किर् अिग-अिग तरह की संगीत परमपराए ँ
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हैं। ये हमें आपस में फमिजि कर और
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प्रककृफत के साि रहने की प्ररणा देती हैं।
साफियो! संगीत की हमारी फ्धिाओं
ने न के्ि हमारी संसककृफत को समृद्ध
फकया है, बतलक दफनयाभर के संगीत पर
ु
अपनी अफमट छाप भी छोड़ी है। भारतीय
संगीत की खयाफत फ्श् के कोने-कोने में
फ़ैि चुकी है। मैं आप िोगों को एक और
ऑफडयो फ्िप सुनाता हँ। ू
(सकैन करें और सुनें।)
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