Page 13 - Mann Ki Baat - November2022
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जुड़ी कई मंडफियाँ बना डािीं। फफ़जी में बचाकर अगिी पीढ़ी तक पहुँचाने के
रामायण मंडिी के नाम से आज भी दो फिए ्हाँ के िोगों ने एक संसिा बनाई
हज़ार से जयादा भजन-कीत्यन मंडफिया ँ है, फजसका नाम है– ‘फिफड-क्रो-यू’।
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हैं। इनहें आज हर गा्-मोहलि में देखा नागा संसकफत के जो खूबसूरत आयाम
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जा सकता है। मैंने तो यहाँ के्ि कुछ ही धिीरे–धिीरे खोने िगे िे, ‘फिफड-क्रो-यू’
ु
उदाहरण फदए हैं। अगर आप पूरी दफनया संसिा ने उनहें फिर से पुनजवीफ्त करने
में देखेंगे तो भारतीय संगीत को चाहन े का काम फकया है। उदाहरण के तौर पर
्ािों की ये फिसट कािी िमबी है। नागा िोक-संगीत अपने आप में एक
बहुत समृद्ध फ्धिा है। इस संसिा ने नागा
मेरे पयारे देश्ाफसयों, हम सब, संगीत की एिबमस िॉनच करने का
हमेशा इस बात पर ग््य करते हैं फक काम शुरू फकया है। अब तक ऐसी तीन
ु
हमारा देश दफनया में सबसे प्राचीन एिबमस िॉनच की जा चुकी हैं। ये िोग
परमपराओं का घर है। इसफिए यह िोक-संगीत, िोक-नृ्य से जुड़ी ्क्फशॉप
हमारी फज़ममदारी भी है फक हम अपनी भी आयोफजत करते हैं। यु्ाओं को इन
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परमपराओं और पारमपररक ज्ाान को सब चीज़ों के फिए ट्ेफनंग भी दी जाती है।
संरफक्षत करें, उसका सम्धि्यन भी करें यही नहीं, नगािैंड की पारमपररक शैिी
और हो सके, उतना आगे भी बढ़ाएँ। में कपड़े बनाने, फसिाई-बुनाई जैसे जो
ऐसा ही एक सराहनीय प्रयास हमार े काम, उनकी भी ट्ेफनंग यु्ाओं को दी
ू
प्वोत्तर राजय नगािैंड के कुछ सािी जाती है। पू्वोत्तर में बेमबू से भी फकतने
कर रहे हैं। मुझे ये प्रयास कािी अचछा ही तरह के प्रोड्टस बनाए जाते हैं।
िगा, तो मैंने सोचा इसे ‘मन की बात’ नई पीढ़ी के यु्ाओं को बेमबू प्रोड्टस
के श्ोताओं के साि भी शेयर करूूँ। बनाने का काम भी फसखाया जाता है।
साफियो! नगािैंड
में नागा समाज की
जी्नशैिी, उनकी किा–
कृ
संसकफत और संगीत, ये
्य
हर फकसी को आकफ्त
करती है। ये हमारे देश की
गौर्शािी फ्रासत का
अहम फहससा है। नगािैंड
के िोगों का जी्न और
उनके तसकि ससटेनेबि
िाइफ़ सटाइि के फिए
भी बहुत महत््पूण्य हैं। इन
परमपराओं और तसकि को
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