Page 50 - Mann Ki Baat - November2022
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कॉन्सटटनोस कज़्ि्ज़िस :
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ग्ीस स सप्म भारत क ज़्ए
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कृ
भारत अपनी फ्फ्धि संसकफत, किाकारों से मुिाकात की। खुद एक
परमपरा, भोजन, पहना्े के फिए जाना संगीतकार के रूप में ्े ताि्ाद् तबिा
जाता है। संगीत के क्षेत् में भारत की बजाते हैं और उत्तर भारत के भजन,
फ्फशषट पहचान है। आज दुफनया भर ग़ज़ि और कव्ािी और दफक्षण भारत
के फ्फभन् किाकार भारतीय संगीत की फ्फभन् शैफियों में गाते हैं। के्ि
के रागों और सरगमों से प्रेफरत हैं और संगीत और नृ्य ही नहीं, कफित्ज़स ने
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कॉनसटफटनोस कफित्ज़स ग्रीस के एक ग्रीक और भारतीय दश्यन के फ््यों के
ऐसे किाकार हैं, फजनहोंने ््गों से भारत साि दफक्षण भारत में दो नाटकों में भी
े
और भारतीय संगीत के प्रफत अपने स्ह प्रमुख भूफमकाएँ फनभाई हैं। ्े दो बार पोट्ड
को दशा्यया है। ्िेयर के ‘द्ीप पय्यटन महो्स्’ का
फपछिे तीस ््गों में कफित्ज़स ने भी फहससा रहे हैं, जहाँ उनहोंने बंगािी,
44 बार भारत का दौरा फकया है। उनकी उदू्य और फहंदी में गायन फकया। 2019
आधयात्मक और संगीत की खोजों ने में उनहें एिेंस में भारतीय दूता्ास द्ारा
उनहें भारत के सभी 29 राजयों के साि- प्रयागराज में कुंभ मेिे (182 देशों) की
साि द्ीप और फहमाियी क्षेत् का दौरा ्तश्क भागीदारी में भाग िेने के फिए
ै
करने के फिए प्रेररत फकया। उनका आमंफत्त फकया गया िा।
उद्शय भारत के शासत्ीय संगीत, नृ्य कॉनसटफटनोस कफित्ज़स का
े
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परमपराओं और भारतीय संगीत की कई भारत के प्रफत आक््यण ‘इंफडयन
महान हतसतयों के योगदान का अधययन मयूफज़क’ नामक उनकी पुसतक में देखा
करना िा। जा सकता है, फजसमें उनहोंने 760 तस्ीरों
अपनी खोज के दौरान उनहोंने के साि भारत से समबतनधित अपने
कई महान भारतीय संगीत प्रफशक्षकों अनुभ् को बुना है। इनमें से ़जयादातर
तिा भारतीय संगीत के स्र और ्ाद् िोटोज़ उनहोंने त्िक की हैं। पुसतक,
जो भारतीय संगीत का सारांश है, पाठकों
कृ
को भारतीय संसकफत की एक सममोहक
यात्ा कराती है। यह पुसतक एिेंस में
भारतीय दूता्ास और अनय प्रायोजकों
े
के समि्यन के साि हेिफनक-इंफडयन
सोसाइटी ़िॉर कलचर एंड डे्िपमेंट
(ELINEPA) द्ारा ग्रीक में प्रकाफशत की
गई है।
फ्देशी नागररकों का भारत के प्रफत
ऐसा उ्साह और आक््यण भारतीयों
के फिए न के्ि सुखद है, बतलक ग््य
का फ््य भी है, ्योंफक दुफनया हमारी
संसकफत और परमपराओं को पहचानती
कृ
है और स्ीकार करती है।
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