Page 49 - Mann Ki Baat - November2022
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“मुझे बहुत ख़ुशी हुई फक प्रधिानमंत्ी इसमें संदेह नहीं फक
ने ‘मन की बात’ के समबोधिन में भारतीय संगीत ने पूरी दफनया
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भारतीय संगीत का उलिख फकया
फक कैसे यह भारत की सांसककृफतक पर ज़बरदसत असर डािा है।
फ्रासत का एक बहुत ही महत््पण्य यह फ्श् संगीत की फ्फभन्
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फहससा है। भारतीय संगीत ्ाद्यनत्ों फ्धिाओं का फहससा बना है और
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के फनया्यत में ्फद्ध भारतीय संगीत में अनय देशों के संगीत में जगह
रुफच का एक सबूत है।”
-शंकर महाद्न बना रहा है।
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भारतीय गायक और संगीतकार जैसे-जैसे सोशि मीफडया
फ्श् के कोने-कोने तक पहँच
ु
आज हम फ्श् मंच पर अपनी
फ्रासत के साि-साि इसके समकािीन रहा है, ्ैसे-्ैसे भारतीय
संगीत का प्रभा् और
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मूलयों को प्रसतत कर रहे हैं। पतशचमी शत्त भी बढ़ती जा रही
एफशया और उत्तरी अफीका से िेकर है। दफनया भर में सोशि
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मधय एफशया तक दफनया के अनेक बड़े मीफडया के इनफ़िएनसस्य
ु
फहससों में भारतीय संगीत का आननद को शासत्ीय गायन और
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फिया जाता है। यूनाइटेड फकगडम में पारमपररक ्ाद्यनत्ों
आयोफजत ‘भारतीय राग महो्स्’ को बजाते और अभयास
और ‘दरबार महो्स्’, अमरीका में करते ही नहीं, उनस े
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1978 से आयोफजत होने ्ािा ‘्िी्िड जड़े मूलयों को अपनात े
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्यागराज महो्स्’ और ऑसट्फिया का भी देखा जा सकता है।
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‘कॉनफिएनस : ़ितसट्ि ऑि इफडया’ बड़े पैमाने पर भारतीय
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जैसे काय्यक्रम भारतीय संगीत के दफनया संगीत के ्तश्करण
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के हर कोने में पहँचने के कुछ उदाहरण में हमारे संगीतकारों के
हैं। भारत ने िोक-कूटनीफत में अपन े अिक प्रयास शाफमि
अपररहाय्य संसाधिन बढ़ाने के फिए संगीत हैं और भारत सरकार
की सॉ़फट पा्र को एक पारमपररक और के प्रो्साहन से हमारी
अफभन् चैनि के रूप में अपनाया है। अपनी संगीत संसकफत
कृ
समृद्ध हुई है। सरकार न े
भी पहचाना फक संगीत की
सॉ़फट पा्र से ्तश्क
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फ्चार को ठोस रूप फदया जा
सकता है और हम भारत के
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‘्सधि् कुटुमबकम्’ के दश्यन
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के अनुरूप दफनया भर में
अफहंसा, शातनत और सद भा् जैस े
्
आदशगों का प्रसार अपने संगीत के
माधयम से कर सकते हैं।
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